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संगठित अपराध पर 18 देशों में कार्रवाई, गिरोह चला रहे थे अपना मैसेजिंग ऐप
ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका की खुफिया एजेंसियों ने इसका भंडाफोड़ किया जिसके बाद 18 देशों में सैकड़ों अपराधियों की गिरफ्तारियां की गई हैं।
नई दिल्ली: अपराधी गिरोह अब अपना खुद का मैसेजिंग ऐप चलाने लगे हैं। ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका की खुफिया एजेंसियों ने इसका भंडाफोड़ किया जिसके बाद 18 देशों में सैकड़ों अपराधियों की गिरफ्तारियां की गई हैं।
ऑस्ट्रेलिया की पुलिस और अमेरिका की एफबीआई ने ऑस्ट्रेलिया, एशिया, साउथ अमेरिका और मिडिल ईस्ट में ' ऑपेरशन आयरनसाइड' चलाया और ड्रग्स के ग्लोबल कारोबार से जुड़े संदिग्धों को पकड़ा।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा है कि ऑपरेशन आयरनसाइड ने संगठित अपराध पर बहुत बड़ा प्रहार किया है जिसका असर पूरी दुनिया में देखा जाएगा। मॉरिसन ने कहा कि ये ऑस्ट्रेलिया के इतिहास की बहुत बड़ी घटना है।
18 देशों में हुई धरपकड़
ऑस्ट्रेलिया के फेडरल पुलिस कमिश्नर रीस करशॉ ने बताया है कि पुलिस ने 18 देशों में छापे मारे और सैकड़ों संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। ऑस्ट्रेलिया ने 224 संदिग्ध गिरफ्तार किए हैं जबकि न्यूज़ीलैंड ने 35 गिरफ्तारियां की हैं।
2018 से हुई शुरुआत
ऑपेरशन आयरनसाइड को ऑस्ट्रेलिया पुलिस और एफबीआई ने 2018 में तैयार किया था। इसके बाद अमेरिका में खुफिया एजेंसियों ने 'इनम' नामक एक मैसेजिंग ऐप का पता लगाया। इस ऐप का इस्तेमाल संगठित अपराध के गिरोह आपस में बातचीत के लिए करते थे।
ये मैसेज एन्क्रिप्टेड होते थे, व्हाट्सएप की तरह। खुफिया एजेंसियों ने इस ऐप में सेंध लगाई और इसके नेटवर्क को कंट्रोल कर लिया। इससे सभी गतिविधियों पर एजेंसियों की नजर हो गई।
खास तरह के फोन
ऑस्ट्रेलिया के अंडरवर्ल्ड ने तो अपने गिरोह के लोगों के बीच खास तरह के फोन बांट दिए थे जिनमें न तो कैमरा होता था और न ही माइक्रोफोन। इस फोन में सिर्फ वह ऐप होता था जिस पर मैसेज भेजे जाते थे।
लेकिन चूंकि एफबीआई ऐप के भीतर तक जा कर उसे कंट्रोल कर चुकी थी सो सब जानकारियां खुफिया एजेंसियों को मिलने लगीं। पुलिस को ड्रग्स, हत्याएं, अपहरण आदि की बातें पता लगने लगीं। योजनाओं की जानकारी पहले मिल जाने के चलते पुलिस बहुत लोगों की जान बचाने में कामयाब रही।