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Crude Oil Prices In China: चीन में डिमांड घटने की आशंका से कच्चे तेल के दाम गिरे
Crude Oil Prices In China: शंघाई में कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते लॉकडाउन लगा दिया गया है और इस वजह से यहां तेल की कीमतें नीचे चली गई हैं।
Crude Oil Prices In China: चीन में कोरोना की वजह से लॉकडाउन और उक्रेन-रूस युद्ध में नरमी आने की खबरों से कच्चे तेल के दाम (Crude Oil Prices) तेजी से नीचे आने लगे हैं। कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के लिए चीन एक वित्तीय हब शंघाई में लॉकडाउन (Lockdown In Shanghai) लग गया है। शंघाई में लॉकडाउन का मतलब औद्योगिक उत्पादन रुक जाने के बराबर होगा। इसके चलते चीन में ईंधन की घटी मांग की आशंका के कारण तेल की कीमतें 5 डालर से अधिक नीचे चली गईं।
ब्रेंट क्रूड वायदा 115.32 डालर प्रति बैरल के निचले स्तर पर गिर गया और दैनिक दाम 4.53 डालर या 3.7 फीसदी की गिरावट के साथ 116.12 डालर पर आ गया था। यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) क्रूड वायदा 108.28 डालर प्रति बैरल के निचले स्तर पर पहुंच गया। दोनों बेंचमार्क अनुबंध शुक्रवार को 1.4 फीसदी बढ़े थे।
कोविड संक्रमण को काबू करने के लिए लगा लॉकडाउन
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के प्रयास में शंघाई ने सोमवार को 2 करोड़ 6 लाख लोगों को दो-चरणीय लॉकडाउन (Covid-19 Lockdown) में डाल दिया है। विश्लेषकों के अनुसार, यह लॉकडाउन (Lockdown) बढ़ती चिंताओं को भी बढ़ावा दे रहा है कि चीन की सख्त शून्य-कोरोना नीति प्रमुख व्यापारिक केंद्रों में बार-बार तालाबंदी की ओर ले जाएगी। अनुमान है कि चीन में तेल की मांग अप्रैल के सामान्य स्तरों की तुलना में 800,000 बैरल प्रति दिन नरम हो जाएगी।
शंघाई में फिलहाल ज़्यादातर फ़ैक्टरियां हमेशा की तरह काम कर रही हैं और श्रमिकों को या तो साइट पर ही रोका जा रहा है या परीक्षण के लिए प्राथमिकता दी जा रही है। शंघाई के उपनगरों को काफी अच्छी तरह से और काफी कसकर नियंत्रित किया गया है। विश्लेषकों के अनुसार, कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए अधिक सरकारी प्रोत्साहन की उम्मीद की जा रही है और आने वाले दिनों में ब्याज दरों को काफी कम किया जा सकता है।
शंघाई शहर को नौ दिनों में दो चरणों में बंद कर दिया जाएगा, जबकि अधिकारी कोरोना 19 परीक्षण करेंगे। चीन का ये प्रमुख वित्तीय केंद्र लगभग एक महीने से कोरोना संक्रमण की एक नई लहर से जूझ रहे हैं, हालांकि कुछ अंतरराष्ट्रीय मानकों से मामले की संख्या अधिक नहीं है।
रूस-यूक्रेन युद्ध का भी हुआ असर
तेल की कीमतों में नरमी की एक वजह रूस-यूक्रेन युद्ध में आती कमी भी है। रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता से सुलह की उम्मीदें बढ़ी हैं। ये वार्ता मंगलवार को तुर्की में शुरू हो सकती हैं। विश्लेषकों के अनुसार, सऊदी तेल डिस्ट्रीब्यूशन फैसिलिटी पर यमन के हौथिस द्वारा मिसाइल हमले बढ़ने से तेल बाजार में तेजी की संभावना है। पेट्रोलियम निर्यातक देशों और सहयोगियों के संगठन ओपेक प्लस की एक बैठक आगामी दिनों में होने वाली है जिसमें उत्पादन कोटा में 432,000 बैरल प्रतिदिन की वृद्धि की योजना पर चर्चा होगी।
तेल की आपूर्ति को बढ़ाने में मदद करने के लिए अमेरिका अपने सामरिक पेट्रोलियम रिजर्व (एसपीआर) से तेल की एक किस्त जारी करने पर विचार कर रहा है।
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