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Cuba Revolution : क्यूबा में अभूतपूर्व क्रांति, भूखी जनता सड़कों पर उतरी

Cuba Revolution : पिछले दो दिनों से क्यूबा में अभूतपूर्व स्थिति देखी जा रही है। देश के इतिहास में पहली बार आम जनता सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रही है, अपने गुस्से और निराशा को जाहिर कर रही है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Shivani
Published on: 12 July 2021 2:36 PM IST (Updated on: 11 Aug 2021 12:46 PM IST)
Cuba Revolution
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क्यूबा में सड़क पर उतरे लोग (Photo Twitter)

Cuba Revolution : क्यूबा एक शांत देश है। एक बार दशकों पहले यहां सहस्त्र विद्रोहियों ने क्रांति की थी लेकिन आम जनता का उससे कोई लेनादेना नहीं रहा था। इस देश में सब आराम से चलता रहा है क्योंकि साठ साल से यहां की कम्युनिस्ट सरकार ने लोगों पर शिकंजा कस कर रखा हुआ है।

लेकिन पिछले दो दिनों से क्यूबा में अभूतपूर्व स्थिति देखी जा रही है। देश के इतिहास में पहली बार आम जनता सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रही है, अपने गुस्से और निराशा को जाहिर कर रही है। जिस चे ग्वेवारा के नाम की दुहाई दुनियाभर के कम्युनिस्ट क्रांतिकारी देते हैं, आज उसी ग्वेवारा के देश में लोग कम्युनिस्ट सरकार को उखाड़ फेंकने पर आमादा हैं।

कम्यूनिस्ट सरकार के खिलाफ क्यूबा में सबसे बड़ा आंदोलन

क्यूबा की राजधानी हवाना समेत तमाम शहरों में हजारों लोग खाना, दवाई, वैक्सीन जैसी बेसिक चीजों की कमी के खिलाफ जोरदार आवाज उठा रहे हैं और दशकों पुरानी साम्यवादी तानाशाही के खात्मे की मांग कर रहे हैं।

क्यूबा के अलग अलग प्रान्तों के छोटे बड़े शहरों से फेसबुक लाइव स्ट्रीम किये जा रहे सैकड़ों वीडियो से दिखता है कि हजारों लोग 'आज़ादी', 'कम्युनिज़्म का नाश हो' और 'जिंदगी' के नारे लगाते हुए, पैदल, साइकलों - मोटरसाइकलों पर घूम रहे हैं।

इत्तेफाक से कुछ दिन पहले एक म्यूजिक वीडियो बहुत वायरल हुआ था जिसके बोल थे - मातृभूमि या मौत। इसी वीडियो के बोल पर बने नारे पूरे क्यूबा में गूंज रहे हैं।

रविवार को हवाना, सेंटिआगो, सांता क्लारा, मतांजस, इंफ़ेगोस और होलगिन जैसे बड़े शहरों के साथ दर्जनों छोटे शहरों और कस्बों में प्रदर्शन भड़क उठे। जगह जगह भीड़ ने पुलिस की गाड़ियों को पलट दिया।

इसके पहले क्यूबा में 1994 में हुआ था प्रोटेस्ट

क्यूबा में अंतिम बार 1994 में जनता सड़क पर उतरी थी और कम्युनिस्ट सरकार के खिलाफ आवाज उठाई थी। लेकिन वह सिर्फ हवाना में हुआ था और चंद दिन में खत्म हो गया था। उस समय फिदेल कास्त्रो ने आनन फानन में देश की समुद्री सीमाएं खोल दी थीं और कहा था कि जिसको क्यूबा पसंद नहीं वो देश छोड़ दे। इसके बाद हजारों लोग नाव, राफ्ट आदि से अमेरिका को भाग गए थे। कास्त्रो ने क्यूबा की जेलों में बंद तरह तरह के अपराधियों को भी भगा दिया था। अनुमान है कि एक लाख से ज्यादा लोग क्यूबा से अमेरिका आ गए थे।

कोरोना संकट के कारण क्यूबा की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। लोग खाने को तरस रहे हैं। बेरोजगारी चरम पर है। क्यूबा के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों ने स्थिति बहुत खराब कर रखी है।



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Shivani

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