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South Africa: दूसरी बार राष्ट्रपति चुने गए सिरिल रामाफोसा, डेमोक्रेटिक अलायंस ने किया समर्थन
Cyril Ramaphosa: सिरिल रामाफोसा एक बार फिर दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति के रूप में चुने गए हैं। दक्षिण अफ्रीकी संसद में उन्हें दूसरी बार देश के राष्ट्रपति के रूप में चुना गया है। रामफोसा ने आर्थिक स्वतंत्रता सेनानी की नेता जूलियस मालेमा को बड़े अंतर से हराया है।
Cyril Ramaphosa: सिरिल रामाफोसा एक बार फिर दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति के रूप में चुने गए हैं। दक्षिण अफ्रीकी संसद में उन्हें दूसरी बार देश के राष्ट्रपति के रूप में चुना गया है, जबकि उनकी पार्टी अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस ने कुछ समय पहले हुए आम चुनावों में केवल 40 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने आर्थिक स्वतंत्रता सेनानी की नेता जूलियस मालेमा को बड़े अंतर से हराया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रामफोसा को 283 जबकि जूलियस मालेमा को सिर्फ 44 वोट मिले। अब राष्ट्रपति चुने जाने के बाद ऐसा अनुमान जताया जा रहा है कि रामफोसा बुधवार को अपने नए मंत्रिमंडल की घोषणा करेंगे। शुक्रवार रात जैसे ही चुनाव का परिणाम सामने आया वैसे ही सियासी गलियारों में कई दिनों से चली आ रही अटकलों पर भी विराम लग गया।
लोगों ने नए गठबंधन का किया स्वागत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ लोगों ने दक्षिण अफ्रीकी राजनीति में एक नए युग के रूप में इस गठबंधन का स्वागत किया है। लोगों का मानना है कि ये गठबंधन देश में भाईचारे को आगे बढ़ाएगा और बीमार अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा। एएनसी महासचिव फिकिले मबालुला ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हमें उन 60 लाख लोगों ने वोट दिया है, जो चाहते हैं कि हम लोगों के जीवन को बहेतर बनाने के लिए परिवर्तन लाएं। अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को बताया कि गठबंधन सरकार बनाने और दो सप्ताह पहले चुनाव में पार्टी को 30 साल बाद बहुमत नहीं मिला है। इसके बाद राजनीतिक गतिरोध को समाप्त करने के लिए मुख्य विपक्षी दल और अन्य दलों के साथ उसकी व्यापक सहमति बन गई है।
भारत से अच्छे हैं संबंध
भारत के साथ अफ्रकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने मजबूत संबंध बनाए हैं। जब भारत ने चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग की तो BRICS सम्मेलन में हिस्सा लेने नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका ही गए थे। उस दौरान राष्ट्रपति रामफोसा ने भारत को इस सफलता पर बधाई दी थी। राष्ट्रपति रामफोसा ने भारत की कामयाबी को अपने देश की कामयाबी के रूप में करार दिया था। उन्होंने लैंडिंग के बाद घोषणा की थी, कि वह प्रधानमंत्री मोदी के बगल में बैठना चाहते हैं ताकि चंद्रयान की अच्छी भावनाएं उन पर भी पड़े।