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भूकंप से भयानक तबाही: धरासाई हुए मलबे में दबे लाखों लोग, झटकों से इन शहरों का नामों-निशान खत्म
Dangerous Earthquake in World: इतिहास के सबसे भयानक भूकंप के बारे में सोचते ही, रूह कांप जाती है। तीव्रता के हिसाब से अभी तक का सबसे खतरनाक भूकंप चिली में 22 मई 1960 को आया था।
Dangerous Earthquake in World: भूकंपों के आने का पता किसी को नहीं होता हैं। कब अचानक से धरती में कंपन शुरू हो जाए, कोई इसका समय नहीं बता सकता है। ऐसे में अफगानिस्तान में आए भूकंप से ताबड़तोड़ झटकों के बाद से पूरी दुनिया में खौफ का माहौल है। ताजा आकड़ों के अनुसार, यहां रिक्टर स्केल पर 6.1 तीव्रता के झटकों से करीब 950 लोगों की मौत हो गई। भूकंप की वजह से बड़ी तादात में मकान धरासाई हो गए हैं। बताया जा रहा कि मलबे में अभी कई लोगों के दबे होने की आशंका है। फिलहाल रेस्क्यू कार्य जारी है। यहां आए 6.1 तीव्रता के भूकंप से इतनी भीषण तबाही मची, जबकि इससे पहले जब ज्यादा तीव्रता भूकंप थे, तब तो पूरे के पूरे शहर तक दफन हो गए थे। जिसकी दहशत अभी भी लोगों में है।
सबसे भयानक भूकंप
इतिहास के सबसे भयानक भूकंप के बारे में सोचते ही, रूह कांप जाती है। तीव्रता के हिसाब से अभी तक का सबसे खतरनाक भूकंप चिली में 22 मई 1960 को आया था। जिसकी रिएक्टर स्केल पर तीव्रता 9.5 थी। इस भूकंप ने इस कदर तबाही मचाई थी, कि भूकंप की वजह से आई सुनामी से दक्षिणी चिली, हवाई द्वीप, जापान, फिलीपींस, पूर्वी न्यूजीलैंड, दक्षिण-पूर्व ऑस्ट्रेलिया समेत अन्य कई देशों में भयंकर आफत थी।
इस बारे में साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय (Southampton University) के शोधकर्ताओं का कहना है कि इतिहास में सबसे बड़ा भूकंप करीब 3800 साल पहले उत्तरी चिली में आया, जिसकी तीव्रता लगभग 9.5 मैग्नीट्यूड थी। यह भूकंप कितना खतरनाक था इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चिली से करीब 5,000 किलोमीटर दूर न्यूजीलैंड में इसके झटके से सुनामी आ गई थी।
इसके बाद बड़ी घटना के तौर पर देखें तो दुनिया का सबसे खतरनाक भूकंप चीन में 1556 में आया था। इस भीषण तबाही वाले भूकंप में लाशों के ऊपर लाशें बिछ गई है। प्रकृति के कहर से 8.30 लाख लोगों की मौत हुई थी।
नेपाल में भूकंप (earthquake in nepal)
भूकंप ने नेपाल में 25 अप्रैल 2015 को भयानक तबाही मचाई थी। इस दिन सुबह 11 बजकर 56 मिनट पर नेपाल में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। जिसने सब कुछ उल्ट-पुल्ट कर रख दिया। उस समय आए विनाशकारी भूकंप में 10,600 से ज्यादा लोग मारे गए। जबकि 23,000 से ज्यादा गंभीर रूप से घायल हुए। भूकंप का केंद्र नेपाल से 38 किलोमीटर दूर लामजुंग में था।
अलास्का में भूकंप (earthquake in alaska)
फिर इससे पहले 27 मार्च 1964 को अलास्का में मौत का सिलसिला कर घंटों जारी रहा। अमेरिका में भूकंप की तीव्रता 9.3 मापी गई। जिसके बाद अलास्का में उस दिन 4 मिनट 38 सेकंड तक धरती बहुत तेज-तेज थर्राई। मात्र कुछ मिनों ने नहीं पूरा नक्शा बदल कर रख दिया।
दक्षिण भारत में भूकंप (earthquake in south india)
इसके बाद 26 दिसंबर 2004 को दक्षिण भारत में भूकंप की तीव्रता 9.2 मापी गई। उस समय इन ताबड़तोड़ झटकों से हर तरफ विरान छा गया। जिसमें समंदर ने भारत के तमाम शहरों में मौत का तांडव करते हुए कईयो को निगल लिया।
भारत के गुजरात में भूकंप (Earthquake in Gujarat, India)
इसके बाद 26 जनवरी 2001 को गुजरात के भुज में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था। जोकि इतना ज्यादा तीव्र था, कि कुछ महीनों में ही लोगों ने सारी उम्मीदें छोड़ दी थी। हर तरफ मलबा ही दिखाई दे रहा था। भूकंप से पूरा शहर ही मानो मलबे के ढेर में तब्दील हो गया था। इन झटकों की वजह से 30 हजार लोगों में मौत हो गई। इसके बाद यहां पर भूकंप के 55 ऑफ्ट शॉक्स भी महसूस हुए थे।
पाकिस्तान में भूकंप (earthquake in pakistan)
फिर 8 अक्टूबर 2005 को पाकिस्तान के क्वेटा में भूकंप ने बहुत तबाही मचाई। इस भूकंप की तीव्रता 7.6 मापी गई। इन जोरदार झटकों में पूरे के पूरे घर टूट गए, बड़ी बड़ी बल्डिंग गिरने लगी। उस दौरान इन झटके में 75 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई जबकि 2 लाख 80 हजार लोग बेघर हो गए।