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कोई टाइगर तो कोई कुत्ता, ये हैं अंडरवर्ल्ड डॉन के अजीबोगरीब निकनेम

Newstrack
Published on: 13 Jun 2016 1:46 PM IST
कोई टाइगर तो कोई कुत्ता, ये हैं अंडरवर्ल्ड डॉन के अजीबोगरीब निकनेम
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लखनऊ: अंडरवर्ल्ड के जाने माने नाम दाऊद इब्राहिम, सलीम, टाइगर मेनन अपने असली नामों से ज्यादा निकनेम से जाने जाते है। ये गैंगस्टर जितने खुंखार है और हैवानियत भरे कारनामे करते है। उतने ही इनके निकनेम अजीब और कॉमेडी वाले है। ये निकनेम भी इतने अजीब होते हैं कि आप सुनकर खुद की हंसी नहीं रोक पाएंगे।

इसका कारण है कि इंडिया में गैंगस्टर गतिविधियों का अड्डा मुंबई रहा है। मुंबई की भाषा मुख-सुख और लापरवाही की भाषा है, जिसे बदमाशों और टपोरियों ने भी अपनाया था। जाहिर है, हर गैंगस्टर के नामकरण की वजह अलग-अलग थी। ये नाम उनके 'अनफॉरगेटेबल मूमेंट', खास आदतों, पर्सनैलिटी और फिजिकल फीचर्स के हिसाब से रखे गए थे।

आगे की स्लाइड्स में पढ़िए रफीक डब्बा और शकील को छोटा क्यों कहते है...

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अंडरवर्ल्ड की दुनिया में कुछ गैंगस्टरों के नामों के लिए पुलिस भी जिम्मेदार है। मिसाल के तौर पर रफीक कैदियों को घर का बना खाना डिब्बों में सप्लाई करता था तो पुलिस वालों ने उसे 'रफीक डिब्बा' कहना शुरू कर दिया । पुलिस को भी इन नामों से गुंडों को याद रखना आसान हो जाता है। मुंबई के डुंगरी इलाके में शकील नाम का बदमाश था, जबकि गैंग में पहले से ही 'छोटा शकील' नाम का गुंडा मौजूद था। नया शकील लंबाई में लंबा था और उसकी अलग पहचान भी बनानी थी तो उसे शकील लंबू कहा जाने लगा। मुंबई में वो डी कंपनी के वित्तीय मामलों का प्रभारी था।

आगे की स्लाइड्स में पढ़िए मेमन का नाम टाइगर और सलीम का कुत्ता क्यों पड़ा..

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1993 धमाकों का साजिशकर्ता इब्राहिम मेमन स्कूली दिनों में क्रिकेट के एक मैच में घायल होकर गिर पड़ा, लेकिन फिर भी उसने टीम को जिताने के लिए कड़ी मेहनत की। एक पुलिस अफसर ने कहा कि वह टाइगर की तरह खेला और उसी दिन से उसका नाम टाइगर मेमन पड़ गया। एक गलत धारणा प्रचलित है कि डी कंपनी के सदस्य सलीम शेख को गुर्राने जैसी आवाज के चलते 'सलीम कुत्ता' कहा गया। सलीम दरअसल केरल के त्रिशूर स्थित कुट्टानेलूर का रहने वाला था, इसलिए उसे 'कुट्टा' कहा जाता था। यह धीरे-धीरे 'कुत्ता' के रूप में प्रचलित हो गया। अबू सलेम गैंग के मेंबर सलीम के गले की हड्डी बहुत उभरी हुई थी, इसलिए उसे सलीम हड्डी कहने लगे। एक पुलिस मुठभेड़ में वह मारा गया।

आगे की स्लाइड्स में पढ़िए छोटा राजन और नाना क्यों पड़ा..

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राजेंद्र सदाशिव निखल्जे को छोटा राजन इसलिए कहा जाता है क्योंकि वह 'राजन नायर उर्फ बड़ा राजन' गैंग के लिए काम करता था। निखल्जे बड़ा राजन का भरोसेमंद आदमी था और बड़ा राजन की मौत के बाद उसी ने गैंग की कमान संभाली थी। उसके गैंग के लोग प्यार से उसे 'छोटा राजन' भी कहते थे। छोटा राजन का एक और नाम है 'नाना'। छोटा राजन अपने सा‌थियों को इतना प्यार देता था कि वे उसे नाना कहकर बुलाने लगे।

आगे की स्लाइड्स में पढ़िए दाऊद मुच्छड़ क्यों कहलाया....

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दाऊद इब्राहिम अपने असली नाम से ज्यादा मुच्छड़ नाम से जाना जाता है, लेकिन बड़ी मूंछे रखने के कारण एक समय उसे मुच्छड़ कहा जाने लगा था। उसका एक नाम 'पाव टकला' भी है। दाऊद के सिर का अगला हिस्सा गंजा है, लेकिन केवल करीबी दोस्त ही उसे गंजा या मुच्छड़ कहकर बुला सकते थे। छोटे कद के चलते कुछ लोग उसे छोटा भी कहते थे।

आगे की स्लाइड्स में पढ़िए इकबाल मेमन से मिर्ची कैसे बना..

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लंदन में रहने वाले इकबाल मेमन उर्फ इकबाल मिर्ची कभी साउथ मुंबई में कीमा और मसालेदार मीट बेचा करता था। बाद में उसने पंसारी की दुकान खोल ली और लाल मिर्च का व्यापार करने लगा। इसी वजह से मिर्ची उसका सरनेम बन गया। सलीम मुंबई के कुर्ला इलाके से ताल्लुक रखता था, इसलिए उसका नाम ही सलीम कुर्ला पड़ गया। उसे सलीम पासपोर्ट भी कहा जाता था क्योंकि वह विदेशी पासपोर्टों की जालसाजी का काम भी करता था।

आगे की स्लाइड्स में पढ़िए डैडी, टकलिया और रावण किस डॉन के कहते है....

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1980 के दशक में अडरवर्ल्ड में आने वाले नए लोगों की नजर में अरुण गवली बहुत अनुभवी गैंगस्टर था. वह उम्र में भी उनसे बड़ा था तो नए लड़के उसे 'डैडी' कहकर बुलाते थे। ताहिर मर्चेंट जिसे कुछ साल पहले यूएई से भारत डिपोर्ट किया गया, काफी कम उम्र में गंजा हो गया था। इसी वजह से लोग उसे ताहिर टकलिया बुलाने लगे। मुंबई के चिंचपोकली इलाके में गैंग चलाने वाले दिवंगत गैंगस्टर अमर नायक को अकसर भेस बदलकर घूमने की आदत थी. इसी आदत की वजह से उसका नाम रावण पड़ गया।

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