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America Ban on Guns: नरसंहारों के बावजूद मुश्किल है अमेरिका में बंदूकों पर कंट्रोल लगाना

America free arms policy: अमेरिका में नागरिकों को हथियार रखने का संवैधानिक अधिकार मिला हुआ है और ये अधिकार सीमित करना या खत्म करना कतई आसान नहीं है।

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Newstrack Network
Published on: 25 May 2022 2:02 PM IST
America free arms policy
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अमेरिका की मुक्त हथियार नीति (फोटो-सोशल मीडिया)

America Ban on Gun: अमेरिका के इतिहास के सबसे बुरे नरसंहारों में से एक में टेक्सास के स्कूल में 21 लोगों की हत्या कर दी गई। इस कांड ने फिर अमेरिका की मुक्त हथियार नीति (America ban on guns) पर सवाल खड़े कर दिए हैं और प्रेसिडेंट जो बिडेन ने भी बंदूकों पर प्रतिबंध का आह्वान किया है।

दरअसल, अमेरिका में बंदूकों (America ban on guns) पर प्रतिबंध लगाना प्रेसिडेंट के भी बूते से बाहर है। ये आज़ादी अमरीकियों के जीवन में इस तरह घुली हुई है कि गन कंट्रोल की बात करने वाले तमाम प्रेसिडेंट कुछ नहीं कर पाए हैं, सिवाय आह्वान करने के।

अमेरिका में नागरिकों को हथियार रखने का संवैधानिक अधिकार मिला हुआ है और ये अधिकार सीमित करना या खत्म करना कतई आसान नहीं है। रिपब्लिकन पार्टी में इस अधिकार के प्रति सहानुभूति काफी ज्यादा है और कई डेमोक्रेट्स भी इसके समर्थक रहे हैं।

बंदूकों से मौतें

सीडीसी की मई 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना महामारी के पहले वर्ष में 1994 के बाद से बन्दूक हत्या की उच्चतम दर देखी गई, जिसमें कुल 19,515 मौतें हुईं। 2021 में यह आंकड़ा बढ़कर 20,915 हो गया। 17 मई, 2022 तक अमेरिका में बंदूक से संबंधित 7,161 हत्याएं हुई थीं, जिसमें सामूहिक गोलीबारी से 203 मौतें शामिल थीं।

2021 में दुनिया में बंदूक हिंसा (America free arms policy) से होने वाली मौतों के संबंध में अमेरिका 32 वें नम्बर पर था। 2019 में अमेरिका में प्रति 100,000 लोगों में 3.96 मौतें बंदूक से हुईं। यह यूनाइटेड किंगडम की तुलना में बंदूक से संबंधित मौतों का 100 गुना अधिक है। यूके में 1997 में एक प्राथमिक स्कूल में शूटिंग की वारदात के बाद बंदूकों के निजी स्वामित्व को पूर्णतया प्रतिबंधित कर दिया गया था।

संविधान का दूसरा संशोधन

अमेरिका में बंदूकों की आज़ादी 200 साल पहले के संविधान के दूसरे संशोधन के मात्र एक वाक्य में समाहित है। इसमें कहा गया है कि -" चूंकि एक स्वतंत्र राज्य की सुरक्षा के लिए एक अच्छी तरह से विनियमित मिलिशिया आवश्यक है, हथियार रखने और धारण करने के लोगों के अधिकार का उल्लंघन नहीं किया जाएगा।"

25 साल से नहीं बना कोई कानून

पिछले कई दशकों में, बंदूक नियंत्रण पर दोनों दलों के नेता इतनी एक राय रखते हैं कि संसद में किसी कानून पर सहमति नहीं हो पाई है। वास्तव में, 1994 के बाद से कोई महत्वपूर्ण संघीय बंदूक नियंत्रण कानून लागू नहीं किया गया है। 94 में राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने हिंसक अपराध नियंत्रण और कानून प्रवर्तन अधिनियम पर हस्ताक्षर किए थे, जिसे लोकप्रिय रूप से "असाल्ट हथियार प्रतिबंध" के रूप में जाना जाता है। लेकिन ये प्रतिबंध 2004 में समाप्त हो गया और तब से इसे नवीनीकृत करने के सभी प्रयास विफल रहे हैं।

2013 में कनेक्टिकट प्रान्त में एक अकेले बंदूकधारी द्वारा 20 बच्चों और छह शिक्षकों की हत्या करने की घटना के बाद।सीनेट में बिल पेश हुआ लेकिन मतदान में ये बिल पास नहीं हो सका। उस समय से, सख्त बंदूक नियंत्रण कानूनों को पारित करने के लिए डेमोक्रेट के नेतृत्व वाले सभी प्रयास विफल रहे हैं।

नेशनल राइफल एसोसिएशन

अमेरिका में नेशनल राइफल एसोसिएशन, बंदूक रखने की निजी आज़ादी का सबसे बड़ा समर्थक संगठन है। एनआरए को हथियार निर्माताओं का घर समर्थन है और ये राजनीतिक रूप से जबर्दस्त लॉबिंग करते हैं कि लोगों की बंदूक खरीदने व रखने की आज़ादी में जरा भी कमी न होने पाए।

एनआरए का आधार ये है कि अमेरिका में नागरिकों को हथियार रखने का संवैधानिक अधिकार मिला हुआ है। इसका मतलब है कि उच्च-शक्ति वाले हथियारों तक पहुंच की कोई सीमा नहीं है, एक व्यक्ति कितनी बंदूकें खरीद सकता है इसकी भी कोई सीमा नहीं है। एनआरए के सदस्यों का एक बहुत ही वफादार आधार भी है जिनके लिए बन्दूक की स्वतंत्रता सर्वोपरि है। नियामकों की तुलना में बंदूक मालिकों के बीच जुनून बहुत ज्यादा चलता है।

मामूली प्रयास

वर्षों से बंदूक की आसान पहुंच को रोकने के प्रयास किए गए हैं लेकिन वे ज्यादातर मामूली ही रहे हैं। 1930 के दशक में, राष्ट्रीय आग्नेयास्त्र अधिनियम नली काटी गई शॉटगन के उपयोग पर अंकुश लगाने का एक शुरुआती प्रयास था।

पहले तो इतनी आज़ादी थी कि लोग डाक द्वारा बंदूकें खरीद कर मंगवा सकते थे। लेकिन राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की हत्या के बाद इसपर प्रतिबंध लगा दिया गया।

1993 में राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने ब्रैडी बिल पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत लाइसेंस प्राप्त डीलरों के लिए ये जरूरी बना दिया गया कि उन्हें बंदूक के खरीदारों के लिए उनकी पृष्ठभूमि की जांच करनी होगी। 1994 में क्लिंटन असाल्ट राइफल के निर्माण और आयात पर प्रतिबंध लगाने के लिए सफलतापूर्वक एक विधेयक लाये लेकिन ये विधेयक 2004 में समाप्त हो गया था। अब ऐसी कोई रोक नहीं है।

बंदूक के साथ अमेरिका का प्रेम

अमेरिका में बंदूक के स्वामित्व की लंबी परंपरा है, जो सरकार के प्रति अविश्वास की विचारधारा और व्यक्तिवाद में विश्वास के साथ मिलीजुली है। इसके अलावा बंदूक के साथ अमेरिका का प्रेम विशेष रूप से उन दिनों से जुड़ा हुआ है जब एक स्थापित सेना के बिना एक नया देश विकसित हो रहा था। सीमा पर फ्रांसीसी, स्पेनिश और मूल रेड इंडियंस से खतरे का मतलब था कि अमेरिका शुरू से ही एक ऐसा समाज था जो सशस्त्र आबादी पर बहुत अधिक निर्भर था।

समय के साथ, बंदूक का स्वामित्व अमेरिकी पहचान के एक विशेष ब्रांड के साथ जुड़ गया है जो सरकार से स्वतंत्रता, कड़क पर्सनालिटी और निजी स्वतंत्रता की उदारवादी धारणाओं को महिमामंडित करता है।

दरअसल, मूल रूप से अमेरिका के पास शुरू में आंतरिक और बाहरी रक्षा के संगठनात्मक ढांचे के रूप में निजी तौर पर लड़ने में सक्षम मिलिशिया ही थी।अमेरिकी संस्कृति के एक एक्सपर्ट के अनुसार, अमेरिकियों के पास पश्चिम के इलाके को जीतने और ब्रिटेन को पीछे छोड़ने के साथ सांस्कृतिक रूप से जुड़ी सभी चीजों को सही ठहराने का एक लंबा इतिहास है। पुराने समय से एक मिथक ये रहा है कि बुरे लोगों के खिलाफ सुरक्षा देने में राज्य असमर्थ है।

जॉन्स हॉपकिन्स सेंटर फॉर गन पॉलिसी एंड रिसर्च के एक निदेशक डैनियल वेबस्टर का कहना है कि अमेरिकी व्यक्तिवाद बताता है कि नरसंहार जैसी गोलीबारी की तत्काल प्रतिक्रिया विधायी उपायों की तलाश में नहीं है। हर गोलीबारी के बाद गोली चलाने वाले के व्यक्तिगत व्यवहार पर ही ध्यान केंद्रित हो जाता है। कभी सामाजिक हालातों पर चर्चा नहीं होती। बहरहाल, टेक्सास की लोमहर्षक घटना के बाद अब फिर से गन कंट्रोल की आवाज उठाई गई है लेकिन इस दिशा में कुछ हो पायेगा, ये कहना फिलहाल बहुत मुश्किल है।

Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

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