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सीमा पर तनाव के बावजूद, चीन-भारत ने इसे बढ़ने से रोक रखा है: पेंटागन

पेंटागन ने कांग्रेस को दी अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा कि अपनी सक्रिय रक्षा रणनीति के तहत चीन के नेता अपने देश के रणनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए ऐसे तरीके अपनाते हैं जिनमें सशस्त्र संघर्ष ना हो।

SK Gautam
Published on: 3 May 2019 12:39 PM GMT
सीमा पर तनाव के बावजूद, चीन-भारत ने इसे बढ़ने से रोक रखा है: पेंटागन
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वाशिंगटन: पेंटागन ने एक रिपोर्ट में अमेरिकी कांग्रेस को बताया कि चीन और भारत के बीच सीमा पर तनाव बना हुआ है लेकिन दोनों देशों ने अभी तक इन मतभेदों को उस स्तर तक पहुंचने से रोक रखा है जब 73 दिन तक डोकलाम में गतिरोध की स्थिति बनी रही थी।

पेंटागन ने कांग्रेस को दी अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा कि अपनी सक्रिय रक्षा रणनीति के तहत चीन के नेता अपने देश के रणनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए ऐसे तरीके अपनाते हैं जिनमें सशस्त्र संघर्ष ना हो।

रिपोर्ट के अनुसार गतिविधियों को इस तरह निर्धारित किया जाता है कि अमेरिका और उसके सहयोगी तथा साझेदार देशों या भारत-प्रशांत क्षेत्र के अन्य देशों के साथ सशस्त्र संघर्ष की स्थिति न बन पाए।

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इसमें कहा गया, ‘‘दक्षिण और पूर्वी चीन सागर में तथा भारत एवं भूटान के साथ लगी इसकी सीमा के क्षेत्र में भी चीन के क्षेत्रीय व समुद्री दावों में ये तरीके विशेष रूप से दिखाई देते हैं।’’

चीन का दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में क्षेत्रीय विवाद चल रहा है।

बीजिंग लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, वहीं दक्षिण चीन सागर के द्वीपों पर वियतनाम, फिलीपीन, मलेशिया, ब्रूनेई और ताइवान भी दावे करते हैं।

पेंटागन ने कहा कि चीन की वेस्टर्न थियेटर कमांड (डब्ल्यूटीसी) का रुख भारत और आतंकवाद विरोधी मिशनों की तरफ है और भौगोलिक रूप से यह देश के अंदर सबसे बड़ी थियेटर कमान है।

रिपोर्ट के अनुसार भारत-चीन सीमा पर डेमचोक में 2018 में बने रहे गतिरोध के बावजूद चीन और भारत ने अब तक अपनी असहमतियों को इस स्तर तक पहुंचने से रोक रखा है जितना 2017 में डोकलाम में गतिरोध की स्थिति के समय रहा था।

उन्होंने कहा, ‘‘चीन और भारत की विवादित सीमा के पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों में तनाव बना हुआ है। चीन और भारत के गश्ती दल विवाद वाले क्षेत्र में नियमित रूप से एक दूसरे के सामने आते हैं और दोनों ही पक्ष अकसर एक दूसरे पर सीमा क्षेत्र उल्लंघन का आरोप लगाते हैं।’’

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चीन और भारतीय बल नियमित सीमा बैठकों में विवाद पर चर्चा करते हैं और छोटी-मोटी टकराव की स्थितियों को रोकने के लिए सामान्यत: असहमतियों को सुलझा लेते हैं।

हालांकि पेंटागन ने कांग्रेस को बताया कि 2017 के सीमा विवाद का स्थाई समाधान नजर नहीं आ रहा है।

रिपोर्ट में कांग्रेस को बताया कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अप्रैल 2018 में वुहान में अनौपचारिक मुलाकात हुई थी और उन्होंने सीमा पर समाधान के लिए समर्थन जताया था।

पेंटागन ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश को लेकर साझा विवाद पर भारत के साथ तनाव बना हुआ है और चीन इसे तिब्बत का हिस्सा बताते हुए अपना भाग बताता है। अकसाई चिन क्षेत्र को लेकर भी विवाद है।

(भाषा)

SK Gautam

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