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US रिपोर्ट में खुलासा, अरुणाचल प्रदेश के पास विवादित क्षेत्र में चीन ने बसाए गांव
अमेरिकी रक्षा विभाग ने कांग्रेस यानी अमेरिकी संसद में अपनी वार्षिक रिपोर्ट पेश करने के दौरान चीन की एक और नापाक हरकत का खुलासा किया है।
US Report: अमेरिकी रक्षा विभाग ने कांग्रेस यानी अमेरिकी संसद में अपनी वार्षिक रिपोर्ट पेश करने के दौरान चीन की एक और नापाक हरकत का खुलासा किया है। इस रिपोर्ट में यह दावा किया गया है, कि चीन ने 'तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र' और भारतीय पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश के बीच विवादित क्षेत्र के भीतर एक गांव बसाया है। रिपोर्ट के अनुसार, इस गांव में 100 घर हैं। हालांकि, ये असैन्य गांव हैं। मतलब ये अन्य गांवों की तरह ही सामान्य है।
अमेरिकी रिपोर्ट में ये भी कहा गया है, कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना ने इसी दौरान अरुणाचल को लेकर अपने दावों को जोर-शोर से उठाया जबकि भारत के दावों को हर बार की तरह खारिज कर दिया।
अमेरिकी रिपोर्ट में चीन पर कई आरोप
अमेरिकी रक्षा विभाग की इस रिपोर्ट में बताया गया है, कि चीनी मीडिया ने 'लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल' यानी (LAC) के पास भारत के विकास प्रक्रिया तथा बुनियादी ढांचे के विकास को भी प्रभावित करने की कोशिश की है। जबकि, चीनी मीडिया उल्टे भारत पर ही तनाव बढ़ाने का आरोप लगाता रहा है। इस रिपोर्ट के अनुसार, उस दौरान चीन अपने दावे वाली जमीन से चीनी आर्मी को पीछे हटाने से भी साफ इनकार कर दिया था। साथ ही, उसने शर्त रखी थी, कि जब तक भारत उसके दावे वाली जमीन से अपनी सेना को पीछे नहीं हटा लेता और उस क्षेत्र में जारी काम को रोक नहीं देता, उसकी सेना पीछे नहीं हटेगी। इतना ही नहीं अमेरिकी दावों के मुताबिक, चीन ने भारत को अमेरिका के साथ रिश्ते बेहतर बनाने से रोकने की भी कोशिश की है।
झूठे दावों के जरिए खेल करता रहा चीन
US रक्षा विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है, कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के अधिकारियों ने अपने बयानों तथा अपनी नेशनल मीडिया के जरिए दिल्ली और वॉशिंगटन के गहराते रिश्तों को प्रभावित करने के असफल प्रयास भी किए हैं। चीन ने भारत को अमेरिकी नीतियों का एक उपकरण मात्र बताया है। साथ ही, अमेरिका के साथ अपने बिगड़े रिश्ते के बावजूद वॉशिंगटन के साथ भारत के गहराते संबंध को रोकने की असफल कोशिश की बात भी कही गई है।
अपने दावों की मजबूती के लिए सामरिक कार्रवाई जारी रखा
साथ ही, इस रिपोर्ट में अमेरिकी रक्षा विभाग ने यह भी कहा है, कि चीनी अधिकारियों ने अमेरिकी ऑफिशियल्स को भारत के साथ उसके संबंधों में हस्तक्षेप नहीं करने की चेतावनी भी दी।इस रिपोर्ट में बीते डेढ़ साल में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के बारे में भी विस्तार से बताया गया है। कहा गया है, कि सीमा विवाद को कम करने के लिए जारी राजनयिक प्रयास और सैन्य संवाद के बाद भी पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपने दावों को लगातार मजबूत करने के लिए सक्रियता और सामरिक कार्रवाई करना जारी रखा है।
गलवान का गतिरोध
अमेरिकी रक्षा विभाग की इस रिपोर्ट में कहा गया है, कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत के साथ तनाव की वजह ने ही मई, 2020 के बीच चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच गतिरोध को जन्म दिया। इसी के बाद भारतीय सेना और पीएलए सैनिकों के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में झड़प देखने को मिला था। गौरतलब है कि गलवान घाटी में चीनी झड़प में ही 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जबकि उससे ज्यादा चीनी सैनिकों के मारे जाने की भी खबर थी। गलवान में हुए गतिरोध के दौरान पीआरसी के अधिकारियों ने संकट की गंभीरता को समझा और उसे कम करने पर जोर दिया।