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अमेरिका में थम नहीं रहा ट्रांस जेंडर्स के साथ भेदभाव का सिलसिला, सेना में भरती के साथ अब शौचालय जाने पर भी लगी रोक
America News:ट्रांसजेंडर्स के शौचालय इस्तेमाल पर बनाए गए विधेयक में कुछ लोगों को छूट भी प्रदान की गई है, जिसके अंतर्गत 10 साल से कम आयु के बच्चे और उस संस्थान में काम करने वाले विकलांग और कर्मचारियों और किसी तरह की आपातकालीन स्थिति में शौचालयों के इस्तेमाल में छूट दी गई है।
America News: रिपब्लिकन पार्टी के कद्दावर नेता और वर्तमान में अमेरिका के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप का ट्रांस जेंडर्स के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार थमने का नाम ही नहीं ले रहा। लगातार इस खास समुदाय के मौलिक अधिकारों पर नित नए प्रतिबंध लगाए जाने की जानकारियां सामने आ रहीं है। जिसमें हाल ही में अमेरिका के ओहियो राज्य में किंडरगार्टन से लेवोकर कॉलेज तक के ट्रांसजेंडर विद्यार्थियों पर अपने से विपरीत लिंग के विद्यार्थियों के शौचालय और लॉकर रूम में प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। इस नए नियम को बकायदा कानूनी जामा भी पहना दिया गया है। इस खबर पर आधिकारिक पुष्टि तब हुई जब रिपब्लिकन पार्टी के गवर्नर माइक डेविन ने दो दिन पूर्व ही इस मुद्दे पर तैयार किए गए विधेयक पर अपने हस्ताक्षर कर इसे एक लीगल रूप दे दिया। माइक डेविन ने ट्रांसजेंडर्स विद्यार्थियों के अधिकारों के खिलाफ तैयार किए गए इस नए नियम को ‘प्रोटेक्ट ऑल स्टूडेंट्स एक्ट’ बताया।
क्या है नया कानून प्रोटेक्ट ऑल स्टूडेंट्स एक्ट
ओहियो राज्य में किंडरगार्टन से लेवोकर कॉलेज तक के ट्रांसजेंडर विद्यार्थियों पर अपने से विपरीत लिंग के टॉयलेट्स के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने की वजह का मुख्य उद्देश्य उन पुरुष छात्रों को लड़कियों के लिए उपलब्ध सुविधाओं का उपयोग करने से रोकना है, जो समाज में अपनी शारीरिक संरचना के विपरीत एक महिला की तरह खुद को रखना पसंद करते हैं।
क्या कहते हैं ओहियो राज्य के रिपब्लिकन सीनेटर
ट्रांसजेंडर विद्यार्थियों पर अपने से विपरीत लिंग के टॉयलेट्स के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने के लिए बनाए गए नए कानून को लेकर ओहियो राज्य के रिपब्लिकन सीनेटर और बिल के प्रायोजक जेरी सिरिनो का कहना है, कि “यह कानून हमारे घरों के बच्चों को निजी स्थानों पर सुरक्षा प्रदान करता है, जहां वे सबसे अधिक खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं। साथ ही ये विद्यार्थियों की सुरक्षा, निजता और उनके सामान्य ज्ञान के काफी करीब भी है।
इनके लिए है इस कानून में छूट
ट्रांसजेंडर्स के शौचालय इस्तेमाल पर बनाए गए विधेयक में कुछ लोगों को छूट भी प्रदान की गई है, जिसके अंतर्गत 10 साल से कम आयु के बच्चे और उस संस्थान में काम करने वाले विकलांग और कर्मचारियों और किसी तरह की आपातकालीन स्थिति में शौचालयों के इस्तेमाल में छूट दी गई है। इस तरह के ट्रांसजेंडर विरोधी विधेयक के पास होने के बाद मानव अधिकार संगठन से लेकर कई समाज सेवी संस्थाएं इसके विरोध में आवाज बुलंद कर अपना विरोध दर्ज कर रहीं हैं।
डेमोक्रेट्स, शिक्षक संघों और नागरिक अधिकार समूहों की आपत्तियों के बावजूद सार्वजनिक तौर पर पास हुआ ये कानून अमेरिका में ट्रांसजेंडर्स के अधिकारों के पक्ष में चल रहे पुरजोर प्रयासों के बावजूद रिपब्लिकन गर्वनर ने ट्रांसजेंडर्स के सार्वजनिक शौचालयों के इस्तेमाल के प्रतिबंध लगाए जाने के विधेयक पर हस्ताक्षर के संबंध में अपना कोई भी व्यक्तिगत बयान ना जारी करते हुए उन्होंने डेमोक्रेट्स, शिक्षक संघों और नागरिक अधिकार समूहों की आपत्तियों के बावजूद सार्वजनिक रूप से इस नए कानून पर हस्ताक्षर किए हैं।जो अगले तीन महीने यानी 90 दिनों में ये कानून अमेरिका में पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा।
ट्रंप पहले भी कर चुके हैं ट्रांसजेंडर्स का विरोध
नव निर्वाचित अमेरिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले भी कई बार ट्रांसजेंडर्स के मौलिक अधिकारों के विरोध में अपनी आवाज बुलंद कर चुके हैं। इसी कड़ी में हाल ही में अमेरिकी सेना और खेलों में ट्रांसजेंडर्स की भर्ती पर लागू किए गए प्रतिबंध को लेकर भी ये सवालों के घेरे में आ चुके हैं।
बल्कि उन्होंने अपने चुनाव प्रचार के दौरान मैडिसन स्क्वायर गार्डन रैली में ही ये प्रतिज्ञा ली थी कि वह जीतने के बाद महिलाओं के खेलों से पुरुषों को दूर रखेंगे और सेना से ट्रांसजेंडर्स सैनिकों को हटाएंगे। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका में इस खास समुदाय से दूरी बनाते हुए एक कार्यकारी आदेश की योजना बना रहे हैं, जिसके तहत अमेरिकी सेना से सभी ट्रांसजेंडर सदस्यों को हटा दिया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, ट्रांसजेंडरों को चिकित्सकीय रूप से छुट्टी दे दी जाएगी, जिसका मतलब है कि वे सेवा करने के लिए अनफिट साबित होंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान भी इसी तरह का एक आदेश इस खास समुदाय पर थोपा था। उन्होंने ट्रांसजेंडर लोगों को सशस्त्र बलों में शामिल होने से रोक दिया था। लेकिन उन लोगों को अनुमति दी थी जो पहले से ही अपनी नौकरी कर रहे थे। अब सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक इस बार करीब 15,000 ट्रांसजेंडर सैनिकों को भी हटा दिया जाएगा जो वर्तमान समय में नौकरी कर रहें हैं।कार्यकारी आदेश अगले साल 20 जनवरी को राष्ट्रपति के रूप में उनके पहले दिन आएगा।
बाइडन ने हटाया था सेना में ट्रांसजेंडरों पर ट्रम्प द्वारा लागू किया गया प्रतिबंध
एक रिपोर्ट के मुताबिक जब पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन ने सेना में ट्रांसजेंडरों पर ट्रम्प द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया था, तो लगभग 2,200 सेवा कर्मियों में लिंग डिस्फोरिया का निदान किया गया था और कई अन्य कर्मियों की पहचान उनके जन्म से अलग लिंग के रूप में की गई थी।
इसी तरह का एक ओर मामला हाल ही में सामने आया था जिसमें इस बार पहलीबार एक ट्रांसजेंडर महिला डेलावेयर से डेमोक्रेट सारा मैकब्राइड संसद के निचले सदन यानी प्रतिनिधि सभा के लिए चयनित की गई है। सारा जन्म से शारीरिक बनावट में एक पुरूष के रूप में हैं । लेकिन उनका व्यवहार और रहन सहन एक महिला की तरह ही है। वह ट्रांसजेंडर महिला के तौर पर जानी जाती हैं। मामला तब तूल पकड़ा जब रिपब्लिकन पार्टी की महिला सांसद नैंसी मेस ने सारा मैकब्राइड के संसद में बने महिला शौचालय का इस्तेमाल करने पर अपना विरोध दर्ज किया। रिपब्लिकन पार्टी की इस महिला सांसद नैंसी मेस का कहना है कि सारा चूंकि एक पुरुष हैं, इसलिए उन्हें महिला टॉयलेट्स का इस्तेमाल करने का कोई अधिकार नहीं है। सिर्फ यही नहीं महिला संसद नैंसी मेस ने इस मुद्दे को आगे बढ़ाते हुए अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में एक प्रस्ताव भी पेश किया है। इस प्रस्ताव में संसद के सदस्यों, अधिकारियों और संसद के कर्मचारियों को अपने मूल जेंडर (जिस जेंडर में जन्म लिया है) के अलावा कोई अन्य शौचालय इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के लिए कड़े नियम लागू किए जाने की बात कही गई है।
इस प्रस्ताव में कहा गया है कि महिलाओं के टॉयलेट, लॉकर रूम और चेंजिंग रूम में पुरुष के तौर पर जन्मे लोगों को अनुमति देने से महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा खतरे में पड़ सकती है. उन्होंने कहा कि सारा मैकब्राइड पैदायशी पुरुष हैं, उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती।बता दें कि अमेरिका के 13 अन्य राज्यों में भी ट्रांसजेंडरों के लिए सख्त नियम पहले से लागू हैं। ओहियो 14वां राज्य बन गया है।