कनाडाई पीएम जस्टिस ट्रूडो के खिलाफ बढ़ा असंतोष, खतरे में कुर्सी! क्या भारत से विरोध पड़ रहा महंगा?

Canadian PM Justin Trudeau : कनाडा में अभी हाल में हुए टोरंटो-सेंट पॉल और मॉन्ट्रियल उपचुनावों में लिबरल पार्टी को मिली हार के बाद प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के खिलाफ असंतोष बढ़ गया है।

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Newstrack Network
Published on: 13 Oct 2024 1:55 AM GMT
कनाडाई पीएम जस्टिस ट्रूडो के खिलाफ बढ़ा असंतोष, खतरे में कुर्सी! क्या भारत से विरोध पड़ रहा महंगा?
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Canadian PM Justin Trudeau : कनाडा में अभी हाल में हुए टोरंटो-सेंट पॉल और मॉन्ट्रियल उपचुनावों में लिबरल पार्टी को मिली हार के बाद प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के खिलाफ असंतोष बढ़ गया है। लिबरल सांसदों का एक गुट प्रधानमंत्री के खिलाफ नजर आ रहा है, ऐसे में पहले से अल्पमत में चल रही सरकार पर दबाव बढ़ रहा है। इससे अब यहां नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

कनाडाई ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (CBC) की रिपोर्ट के मुताबिक, टोरंटो-सेंट पॉल और मॉन्ट्रियल उपचुनावों के बाद लिबरल पार्टी के नेताओं के बीच गुप्त बैठकें हो रही है। इन बैठकों में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से असंतुष्ट सांसदों ने एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसमें नेतृत्व परिवर्तन की मांग की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, जस्टिन ट्रूडो के खिलाफ अब तक कम से कम 20 सांसदों ने दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए हैं।

लिबरल पार्टी के अंदर सांसदों में स्पष्ट रूप से निराशा देखी जा रही है। यह तब और बढ़ गई, जब हाल ही में अभियान निदेशक जेरेमी ब्रॉडहर्स्ट ने इस्तीफा दे दिया था। ट्रूडो का नेतृत्व पार्टी के अंदरूनी तनाव के कारण खतरे में है। वहीं, मुख्य विपक्षी दल लिबरल कंजर्वेटिव पार्टी ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।

ये भी मुख्य वजह

न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के हाल ही में गठबंधन समझौते से हटने के बाद ट्रूडो की अल्पमत सरकार और भी कमजोर हो गई है, जिससे उनके इस्तीफे की मांग बढ़ गई है। बता दें कि NDP को मुख्य रूप से इसके नेता जगमीत सिंह के कारण खालिस्तानी आंदोलन से जोड़ा गया है, जिन्होंने खुले तौर पर खालिस्तानी राजनीति का समर्थन किया था। यह संबंध पीएम ट्रूडो की सरकार पर एनडीपी के प्रभाव के बारे में चर्चाओं का केंद्र बिंदु बन गया है।

बता दें कि ट्रूडो के कार्यकाल में भारत के साथ कनाडा के संबंधों में खटास आई है। खासकर तब जब उन्होंने कोलंबिया में खालिस्तान समर्थक आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से भारत सरकार को जोड़ने वाले आरोप लगाए थे। ट्रूडो के इस दावे कि 'भारत की संलिप्तता है', ने न केवल राजनयिक संबंधों को तनावपूर्ण बना दिया है, बल्कि कनाडा के भीतर बढ़ती खालिस्तानी भावनाओं और भारत विरोधी गतिविधियों को लेकर चिंताएं भी बढ़ा दी हैं। भारत सरकार ने हत्या के आरोपों को स्पष्ट रूप से नकार दिया था और "बेतुका" करार दिया था। इसके साथ ही कहा था कि ये आरोप तथ्यों के बजाय "राजनीतिक प्रेरणाओं" पर आधारित हैं।

Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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