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US Election 2024: अमेरिका चुनाव में हाथी और गधे की लड़ाई में कुत्ता और बन्दर भी

US Election 2024: अमेरिका के राजनीतिक फलक पर दो ही प्रतीक चिन्ह विराजमान हैं - हाथी और गधे के रूप में। चुनावी रैलियों से लेकर मीडिया कवरेज तक, अमेरिकी चुनावों में डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टियों को क्रमशः गधों और हाथियों के प्रतीकों के माध्यम से दर्शाया जाता है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 3 Nov 2024 9:26 PM IST
Dog and monkey also in the fight between elephant and donkey in America elections
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अमेरिका चुनाव में हाथी और गधे की लड़ाई में कुत्ता और बन्दर भी: Photo- Social Media

US Election 2024: अमेरिका के चुनाव में दुनियाभर की निगाहें गधा पार्टी और हाथी पार्टी पर टिकी हैं। जीत हार पर जम कर सट्टा चल रहा है। जानवर भी भविष्यवाणी कर रहे हैं। वैसे, वर्ल्ड कप फुटबॉल से लेकर अमेरिकी प्रेसीडेंट की भविष्यवाणी करने वाला ऑक्टोपस और तोता तो इस बार के चुनाव में नजर नहीं आ रहे लेकिन और बन्दर, कुत्ता और गिलहरी जरूर मौजूद हैं। बन्दर और कुत्ते, दोनों ने ही डोनाल्ड ट्रंप को विजयी करार दिया है जबकि गिलहरी ने कमला हैरिस की जीत की भविष्यवाणी कर दी है।

बहरहाल, कुत्ते, बन्दर वगैरह से परे जरा रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी के अनोखे चुनाव प्रतीकों पर नज़र डालते हैं।

गधा और हाथी

अमेरिका के राजनीतिक फलक पर दो ही प्रतीक चिन्ह विराजमान हैं - हाथी और गधे के रूप में। चुनावी रैलियों से लेकर मीडिया कवरेज तक, अमेरिकी चुनावों में डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टियों को क्रमशः गधों और हाथियों के प्रतीकों के माध्यम से दर्शाया जाता है। इसकी वजह एक सदी से भी ज़्यादा पुराने राजनीतिक कार्टूनों और उस दौर में अमेरिकी राजनीति के कैरेक्टर में छिपा है।

कार्टूनिस्ट थॉमस नास्ट

1870 के दशक में प्रसिद्ध अमेरिकी कार्टूनिस्ट थॉमस नास्ट ने हार्पर वीकली पत्रिका में अपने विभिन्न कार्टूनों में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक, दोनों पार्टी के लिए गधे और हाथी के प्रतीकों को प्रदर्शित किया। उसके बाद अन्य लोगों ने उनका अनुसरण किया और जानवरों को अपनी-अपनी पार्टियों से जोड़ना जारी रखा। नास्ट का प्रभाव इतना ज्यादा रहा कि उनको अमेरिका के चुनाव को दिशा देने और 1864 और 1884 के बीच छह राष्ट्रपति चुनावों के परिणामों को प्रभावित करने का श्रेय दिया जाता है। इतना ही नहीं, उन्हें "राष्ट्रपति निर्माता" उपनाम तक मिला।

1828 में जब डेमोक्रेट एंड्रयू जैक्सन राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ रहे थे, तो उनके विरोधी उन्हें गधा कहकर पुकारते थे। अपने विरोधियों से प्रेरित होकर जैक्सन ने गधे की छवि को अपने अभियान के प्रतीक के रूप में अपनाया और गधे को गलत सोच वाले, धीमे और जिद्दी के बजाय मजबूत, दृढ़ निश्चयी और दृढ़ इच्छाशक्ति वाला बताया था।

19वीं सदी के अंत का दौर ऐसा था जब राजनीतिक कार्टून लोगों का मन बदलने और उन्हें प्रभावित करने की शक्ति रखते थे। कार्टूनों की इतनी ताकत थी कि रिपब्लिकन पार्टी के अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने एक बार अपने चुनावी अभियान के दौरान नास्ट को अपना "सर्वश्रेष्ठ भर्ती जनरल" कहा था। रिपब्लिकन के लिए नास्ट की व्यक्तिगत पसंद भी जगजाहिर थी। 1870 में हार्पर वीकली पत्रिका के लिए बनाए गए कार्टून में नास्ट ने एक गधे को मरे हुए शेर को लात मारते हुए दिखाया था।

नास्ट ने गधे के रूप में डेमोक्रेट्स को दर्शाया था जबकि शेर लिंकन के हाल ही में दिवंगत हुए युद्ध सचिव एडविन स्टैंटन का प्रतिनिधित्व करता था, जिनकी डेमोक्रेट्स ने आलोचना की थी। इस कार्टून का शीर्षक था, "एक जीवित गधा एक मरे हुए शेर को लात मार रहा है!" नास्ट ने गधे का चयन जानबूझकर किया था, डेमोक्रेट्स को नीचा दिखाने के लिए। इसी तरह, हाथी को अक्सर उनके कार्टूनों में रिपब्लिकन का प्रतिनिधित्व करने वाले एक विशाल और दुर्जेय प्राणी के रूप में दिखाया जाता था।

कहा जाता है कि नास्ट एक कार्टून काफी प्रचलित हुआ जिसमें डेमोक्रेट्स को शेर की खाल में लिपटे गधे के रूप में चित्रित किया गया था जबकि अन्य जानवरों में एक बहुत बड़ा और डरा हुआ हाथी दिखाया गया जिसे "रिपब्लिकन वोट" कहा गया। अच्छे व्यंग्यकारों की तरह नास्ट ने अपने विरोधियों की तरह ही अपने पक्ष का भी मज़ाक उड़ाया और रिपब्लिकन पार्टी को एक कमज़ोर, घबराए हुए प्राणी के रूप में चित्रित किया।



Shashi kant gautam

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