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Dutch Election: नीदरलैंड में धुर दक्षिणपंथी, इस्लाम विरोधी नेता की बड़ी चुनावी जीत

Dutch Election: 60 वर्षीय वाइल्डर्स की लोकलुभावन राजनीति के ब्रांड के लिए लंबे समय से "डच डोनाल्ड ट्रम्प" से तुलना की जाती रही है। उनकी शानदार जीत का खुलासा करने वाले एक्जिट पोल ने वाइल्डर्स को भी आश्चर्यचकित कर दिया है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 23 Nov 2023 11:38 AM IST
Geert Wilders
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Geert Wilders  (photo: social media )

Dutch Election: दुनिया में अब एक नई धुर दक्षिणपंथी लहर देखी जा रही है। इसे "ट्रम्पवाद" का ग्लोबल विस्तार कहा जा रहा है। अर्जेंटीना के बाद अब नीदरलैंड के चुनाव में भी यही लहर सामने आई है। नीदरलैंड में इस्लाम विरोधी, कट्टरपंथी नेता गीर्ट वाइल्डर्स की चौंकाने वाली जीत हुई है।

60 वर्षीय वाइल्डर्स की लोकलुभावन राजनीति के ब्रांड के लिए लंबे समय से "डच डोनाल्ड ट्रम्प" से तुलना की जाती रही है। उनकी शानदार जीत का खुलासा करने वाले एक्जिट पोल ने वाइल्डर्स को भी आश्चर्यचकित कर दिया है।

इस्लाम पर आक्रामक

इस्लाम के खिलाफ वाइल्डर्स की भड़काऊ बयानबाजी ने उन्हें चरमपंथियों का निशाना बना दिया है और उन्हें वर्षों तक चौबीसों घंटे सुरक्षा में रहना पड़ा। उन्हें मौत की धमकियों का लगातार सामना करना पड़ा है और लगभग दो दशकों में वह एक सुरक्षित घर से दूसरे सुरक्षित घर में स्थानांतरित होते रहे हैं।

ब्रिटेन ने लगाई थी रोक

2009 में ब्रिटिश सरकार ने उन्हें यह कहते हुए ब्रिटेन का दौरा करने से मना कर दिया था कि वे "सामुदायिक सद्भाव और इसलिए सार्वजनिक सुरक्षा" के लिए ख़तरा हैं।

इस बार मुख्यधारा के मतदाताओं को लुभाने के लिए, वाइल्डर्स ने अपनी बयानबाजी में नरमी लाई और नीदरलैंड के "डी-इस्लामीकरण" पर कम ध्यान केंद्रित करने की कोशिश की और आवास की कमी, जीवनयापन की लागत संकट और व्यावहारिक मुद्दों से निपटने पर अधिक ध्यान केंद्रित किया।

फिर भी उनका चुनाव अभियान नीदरलैंड के यूरोपीय संघ छोड़ने पर जनमत संग्रह, शरणार्थियों रोकने और इस्लामिक स्कूल, कुरान और मस्जिद पर रोक का आह्वान करने पर फोकस रहा है, हालांकि उन्होंने एग्जिट पोल वाली रात डच कानूनों या देश के संविधान का उल्लंघन नहीं करने की प्रतिज्ञा की, जो धर्म और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करता है।


यूरोपीय राजनीति में मचेगा तहलका

एक नाटकीय परिणाम में, जो यूरोपीय राजनीति को चौंका देगा, वाइल्डर्स की फ्रीडम पार्टी (पीवीवी) संसद की 150 सीटों में से लगभग 37 सीटें जीतने के लिए तैयार है । एग्जिट पोल के अनुसार, 2021 के चुनाव में हासिल की गई संख्या से दोगुनी से भी अधिक सीटें उन्हें मिलेंगी।

फ्रैंस टिम्मरमैन्स का लेबर-ग्रीन गठबंधन 25 सीटें जीतकर दूसरे स्थान पर रहने का अनुमान है - जो कि मौजूदा 17 सीटों से एक बड़ी छलांग है। सेंटर-राइट वीवीडी के प्रमुख के रूप में निवर्तमान प्रीमियर मार्क रुटे के उत्तराधिकारी दिलन येसिल्गोज़ को भारी नुकसान हुआ है। एग्जिट पोल के अनुसार, उन्हें 24 सीटें मिलेंगी, जो पहले से 10 कम हैं।


नाटकीय बदलाव

रूटे की लगातार चार मध्यमार्गी सरकारों के बाद, वाइल्डर्स की जीत नीदरलैंड में एक नाटकीय बदलाव लाएगी। हालाँकि, अब सवाल यह है कि क्या कोई अन्य दल गठबंधन बनाने के लिए वाइल्डर्स के साथ जुड़ने को इच्छुक हैं। सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद, उन्हें संसद में समग्र बहुमत पाने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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