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Earth Population 2021: 77 प्रतिशत कम हो जाएगी दक्षिण कोरिया की आबादी, पढ़ें पूरी खबर

Earth Population 2021: दक्षिण कोरिया में जनसंख्या लगातार कम हो रही है, दक्षिण कोरिया की स्थिति ये है कि आर्थिक प्रोत्साहन के बावजूद यहां के लोग कम बच्चे पैदा कर रहे हैं।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Shashi kant gautam
Published on: 27 Dec 2021 5:38 PM IST
Earth Population 2021
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दक्षिण कोरिया की जनसंख्या: photo - social media

Earth Population 2021: चीन (China), इटली (Italy),दक्षिण कोरिया (South Korea), जापान (Japan) आदि तमाम देशों के सामने एक बहुत बड़ा संकट है–घटती आबादी (decreasing population Big crisis) का। दक्षिण कोरिया की स्थिति ये है कि आर्थिक प्रोत्साहन के बावजूद यहां के लोग कम बच्चे पैदा कर रहे हैं।

लगातार कम होती आबादी से निपटने के लिए किए गए सारे प्रयास विफल होते दिख रहे हैं और देश की जनसंख्या 2021 (Country Population 2021) के अंत तक 0.18 प्रतिशत कम होकर कुल 5.2 करोड़ रह जाएगी। 2120 तक 1.2 करोड़ और अगले 100 साल में देश की आबादी 77 प्रतिशत कम हो जाएगी। इसके अलावा, ये भी अनुमान लगाया गया है कि 2070 तक कोरिया की आबादी की औसत उम्र 62 साल हो जायेगी। फिलहाल औसत उम्र फिलहाल 43 साल है। यानी 50 से कम साल में देश बूढ़ा हो जाएगा। दक्षिण कोरिया में जन्म दर दुनिया में सबसे कम है। यह दर प्रति महिला महज 0.8 बच्चा है। जबकि, जनसंख्या को स्थिर बनाए रखने के लिए, किसी भी देश में जन्म दर प्रति महिला 2.1 बच्चे की होनी चाहिए।

सरकार भी परेशान

जनसंख्या में गिरावट से कई अन्य तरह की चुनौतियाँ खड़ी हो जाती हैं। बढ़ती औसत उम्र और घटती जन्म दर की वजह से, देश की कामकाजी आबादी कम होती है, देश को स्वास्थ्य से जुड़े क्षेत्र में काफी ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ता है और साथ ही, देश की आय में भी गिरावट होती है।

photo - social media

सरकार इस चुनौती से निपटने के लिए काफी ज्यादा प्रयास कर रही है। इसके लिए, 2020 तक कुल 225 ट्रिलियन डॉलर खर्च किया जा चुका है। लोगों को एक से ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए आर्थिक रूप से मदद (Financial help to have more than one child) की जा रही है। हालांकि, अब तक इस प्रोत्साहन का ज्यादा असर देखने को नहीं मिला है।

जनसंख्या कम होने के पीछे की एक वजह यह भी है कि अब महिलाएं काफी ज्यादा उम्र में बच्चे पैदा कर रही हैं। कुछ महिलाएं बेहतर पढ़ाई करने और अपना करियर संवारने के लिए, बच्चा न पैदा करने का भी फैसला ले रही हैं। सीओल मेट्रोपॉलिटन सरकार की तरफ से 16 दिसंबर को जारी किए गए आंकड़े बताते हैं कि शहर में होने वाली शादियों की संख्या पिछले 20 वर्षों में 43 फीसदी कम हो गई है। वर्ष 2000 में कुल 78,745 शादियां हुई थीं, जो पिछले साल 2020 में कम होकर 44,746 पर सिमट गईं। 2020 में शादी की औसत उम्र 33 साल थी जबकि इससे दो दशक पहले यह औसत उम्र 29 साल थी।

चीन में प्रोत्साहन

जनसंख्या के बारे में चीन भी बहुत चिंतित है। चीन के कई राज्यों ने लोगों को बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने की योजनाएं शुरू की हैं। उत्तर पूर्वी चीन के जिलिन प्रांत में शादीशुदा जोड़े अगर बच्चे पैदा करते हैं तो उन्हें दो लाख युआन का बैंक लोन मिल सकता है। जिलिन प्रांत ने जो योजना शुरू की है उनमें ऐसे छोटे व्यापारियों को टैक्स में राहत दी जाने की भी बात है जिनके दो या तीन बच्चे हैं।

चीन के तीन राज्यों जिलिन, लायोनिंग और हाइलॉन्गजियांग में जनसंख्या की समस्या विशेषतौर पर गंभीर है। यहां के लोग बड़ी संख्या में काम करने के लिए अन्य राज्यों में चले जाते हैं या फिर युवा लोग शादी अथवा बच्चे पैदा करना टाल रहे हैं। 2010 के मुकाबले 2020 में इस क्षेत्र की आबादी में 10.3 प्रतिशत की गिरावट आई है। जिलिन में तो आबादी 12.7 फीसदी घट गई।

photo - social media

चीन की जनसंख्या नीति

इसी साल मई में चीन ने अपनी जनसंख्या नीति (China's Population Policy) में बड़ा बदलाव करते हुए कहा था कि लोगों को दो के बजाय तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति होगी। इससे पहले देश में एक बच्चा पैदा करने की नीति सख्ती से लागू थी। जनसँख्या नियंत्रण की नीति की शुरुआत 1979 में की गई थी। उस समय चीन की सरकार का कहना था कि गरीबी मिटाने और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए जनसंख्या पर नियंत्रण जरूरी है। 2015 के अंत में दो बच्चों की नीति लागू होने के बाद देश में प्रजनन दर में उल्लेखनीय रूप से वृद्धि नहीं दर्ज की गई।

हाल ही में जारी सरकारी आंकड़ों में पता चला कि चीन में 2020 में प्रति महिला जन्मदर 1.3 बच्चे हैं जो जापान और इटली जैसे देशों के समान हैं जहां की आबादी में गंभीर कमी दर्ज हो रही है। चीन दो की जन्म दर चाहता है ताकि आबादी में कमी ना हो। इटली के बारे में तो पोप ने आगाह किया है कि देश की घटती आबादी एक बहुत बड़ा संकट है और इससे निपटने के उपाय किये जाने चाहिए।



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Shashi kant gautam

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