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Earthquake Today: बांग्लादेश में 6.3 तीव्रता से आया भूंकप, EMSC ने दी जानकारी
Earthquake Today: बांग्लादेश के चटगांव से 174 किमी पूर्व में भूकंप के झटके महसूस किए गए है। बताया जा रहा है कि इसकी तीव्रता 6.3 थी।
Earthquake Today: म्यांमार-भारत सीमा (Myanmar-India border) पर शुक्रवार (26 नवंबर) को तड़के भूकंप (earthquake) के झटके महसूस किए गए। बताया जा रहा है कि भूकंप बांग्लादेश के चटगांव (Chittagong Bangladesh ) से 174 किमी पूर्व में 6.3 की तीव्रता से आया था। वहीं भारत में पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और असम में भी भूकंप के झटके (bhukamp ke jhatke today) महसूस किए गए। इसकी जानकारी यूरोपीय-भूमध्य भूकंप केंद्र (European-Mediterranean Seismological Centre (EMSC)) ने दी है।
यूरोपीय-भूमध्य भूकंप केंद्र ने भूंकप के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि भूकंप 30 किमी (18.64 मील) की गहराई पर था और उत्तर पूर्वी भारत में आइजोल से लगभग 126 किमी दक्षिण-पूर्व में था। ईएमएससी (EMSC) के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, भूकंप कोलकाता और गुवाहाटी के अधिकांश हिस्सों में लगभग 30 सेकंड के लिए एक "लंबा झटका" (Bhukamp ke jhatke Aaj) महसूस किया गया थे।
से लगभग 126 किमी दक्षिण-पूर्व में आया था भूंकप- EMSC
भारत और बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में भूकंप के प्रभावों को महसूस करने वाले नेटिज़न्स (Netizens) ने भूकंप की जानकारी देने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया, जिसके बाद ईएमएससी (EMSC) ने भूकंप की तीव्रता मापी। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.8 रही। इससे पहले भूकंप की तीव्रता 6.0 बताई गई थी और कहा गया था कि भूकंप का केंद्र पूर्वोत्तर भारत में आइजोल (Aizawl) से लगभग 126 किमी दक्षिण-पूर्व में था।
वहीं, नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National Center for Seismology) ने भी भूकंप की जानकारी देते हुए बताया कि 6.1 की तीव्रता वाला भूकंप सुबह 5:15 बजे आया। देश में भूकंप की गतिविधियों पर नजर रखने वाली केंद्रीय नोडल एजेंसी ने यह भी कहा कि इसका केंद्र मिजोरम में थेनजोल से 12 किमी और 73 किमी दक्षिण-पूर्व की गहराई में था।
भूकंप कैसे आता है (Bhukamp Kaise Aata Hai)?
क्या आपको मालूम है कि भूकंप कैसे आता है? बता दें कि धरती के अंदर सात प्लेट्स होती हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। अगर ये प्लेटें अचानक आपस में टकरा जाती है तो भूकंप आता है। इसे ऐसे समझें, प्लेटें आपस में टकराने के बाद एक फॉल्ट लाइन जोन बनता है, जिसके बाद सतह के कोने मुड़ जाते हैं। ऐसा होने पर दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन्हीं प्लेट्स के टूटने की वजह से अंदर की जो एनर्जी होती है वो बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिस वजह से धरती हिलती है और जिसे भूकंप कहा जाता है।