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Illegal Indian Migrants: ईडी कर रहा अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे 4,200 भारतीयों की जांच

Illegal Indian Migrants: इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ईडी जांच में पाया गया है कि कई एजेंटों ने भारतीयों को अमेरिका में अवैध रूप से प्रवास करने के लिए कालेजों में एडमिशन का रास्ता अपनाया है।

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Newstrack Network
Published on: 7 Feb 2025 2:24 PM IST
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Illegal Indian Migrants: अमेरिका से भारतीयों को निकाले जाने के मुद्दे पर चल रहे हंगामे के बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा है कि वह कम से कम 4,200 भारतीयों की जांच कर रहा है, जिन पर पिछले तीन वर्षों में अवैध रूप से अमेरिका में प्रवास करने का संदेह है। नियमित रूप से अलग अलग तरीकों से लोगों को अवैध रूप से अमेरिका भेजने वाले गुजरात और पंजाब में स्थित एजेंटों के खिलाफ चल रही जांच के हिस्से के रूप में ईडी को भारतीयों को कनाडा के रूट से अमेरिका ले जाने से संबंधित 4,000 से अधिक संदिग्ध लेनदेन मिले हैं।

क्या मिला जांच में

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ईडी जांच में पाया गया है कि कई एजेंटों ने भारतीयों को अमेरिका में अवैध रूप से प्रवास करने के लिए कालेजों में एडमिशन का रास्ता अपनाया है। इसके तहत जो भारतीय अमेरिका जाना चाहते हैं, उन्हें कनाडाई कॉलेजों में एडमिशन दिलाया जाता है। इन एडमिशन के आधार पर उन्हें कनाडाई वीजा मिलता है और वे वहां पहुंच जाते हैं। लेकिन ये तथाकथित छात्र कभी कॉलेज में जाते तक नहीं बल्कि उन्हें कनाडा में बैठे एजेंटों द्वारा सड़क मार्गों के जरिए अमेरिका ले जाया जाता है।

एबिक्सकैश से लेनदेन

ईडी की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच के दौरान पाया गया कि कनाडा स्थित कॉलेजों को फीस का भुगतान “एबिक्सकैश“ के माध्यम से किया गया था, जो एक वित्तीय सेवा कंपनी है जो विदेशी प्रेषण सेवाएं प्रदान करती है। एबिक्सकैश से पूछताछ करने पर पता चला कि 07.09.2021 से 09.08.2024 तक गुजरात के छात्रों की ओर से कनाडा स्थित विभिन्न कॉलेजों में लगभग 8500 लेनदेन किए गए। रिपोर्ट के अनुसार, इन 8,500 लेन-देन में से लगभग 4,300 डुप्लिकेट व्यक्ति या यूजर हैं, जो दर्शाता है कि एक ही व्यक्ति के खिलाफ़ दो बार लेन-देन दर्ज किया गया था।

इस प्रकार, कुल 4,200 ऐसे लेन-देन जांच के दायरे में हैं। संदेह है कि ये लेन-देन प्रत्येक ऐसे लेन-देन से जुड़े व्यक्ति को कनाडा के ज़रिए अमेरिका भेजने के इरादे से किए गए थे। ईडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि 40 से 50 लाख रुपए के कमीशन मिलने के बाद एजेंट अपने कैंडिडेट्स के लिए कनाडाई कॉलेजों में प्रवेश की व्यवस्था करते हैं और फीस का भुगतान किया जाता है। एक बार जब संभावित प्रवासी कनाडा पहुँच जाता है, तो किसी न किसी बहाने से प्रवेश वापस ले लिया जाता है। 60 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये के बीच की फीस वापस कर दी जाती है, लेकिन इससे कैंडिडेट के वीज़ा पर कोई असर नहीं पड़ता है।

कब शुरू हुई जांच

ईडी ने गुजरात पुलिस द्वारा जनवरी 2023 में दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर मामले की जांच शुरू की थी। यह एफआईआर गुजरात के एक परिवार के चार सदस्यों की 2022 में हुई मौत के संबंध में दर्ज की गई थी। ये लोग कनाडा से अमेरिका जाते समय ठंड से मर गए थे। उस समय अमेरिकी अधिकारियों ने कनाडा के रास्ते अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश करने के आरोप में सात और भारतीयों को गिरफ्तार किया था।भावेश पटेल नामक व्यक्ति ने गुजरात स्थित शिक्षा आव्रजन फर्म केआईईसी इंटरनेशनल एलएलपी के माध्यम से मृतकों के लिए वीजा की व्यवस्था की थी। इस फर्म पर कई अवैध आव्रजन प्रयासों के लिए जांच चल रही है।



Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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