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Elon Musk News: एलोन मस्क भारत के गांव-गांव तक इंटरनेट पहुंचाएंगे, कंपनी ने करवाया रजिस्ट्रेशन

Elon Musk News: एलोन मस्क की कंपनी स्टारलिंक सैटेलाइट कम्युनिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड भारत में सैटेलाईट से इंटरनेट सेवाएं देने की योजना बना रही है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Shreya
Published on: 2 Nov 2021 6:15 AM GMT
Elon Musk News: एलोन मस्क भारत के गांव-गांव तक इंटरनेट पहुंचाएंगे, कंपनी ने करवाया रजिस्ट्रेशन
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एलोन मस्क (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Elon Musk News: दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति (World's Richest Man) एलोन मस्क (Elon Musk) अब भारत में इंटरनेट सेवाएं (Internet Services) देने जा रहे हैं। इसके लिए उनकी कंपनी स्टारलिंक (Starlink) ने भारत में रजिस्ट्रेशन भी करवा लिया है। स्टारलिंक सैटेलाइट कम्युनिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड (Starlink Satellite Communication Pvt Ltd) नाम की यह कंपनी भारत में सैटेलाईट से इंटरनेट (Satellite Se Internet) सेवाएं देने की योजना बना रही है।

भारत में स्थानीय कंपनी रजिस्टर करा लेने से स्टारलिंक को उन लाइसेंस के लिए अप्लाई करने में सुविधा होगी, जो ब्रॉडबैंड व अन्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार (Bharat Sarkar) जारी करती है। भारत में स्टारलिंक के निदेशक संजय भार्गव (Sanjay Bhargava) ने लिंक्डइन (LinkedIn) के जरिए इसका ऐलान करते हुए कहा - हम अब लाइसेंस अप्लाई करना शुरू कर सकते हैं और बैंक खाते वगैरह खोल सकते हैं।

एलोन मस्क ने सितंबर में ही जाहिर कर दिया था कि वह भारत में इंटरनेट सेवाएं (Bharat Mein Internet Seva) शुरू करने जा रहे हैं। एक ट्वीट के जरिए 1 सितंबर को मस्क ने यह जानकारी देते हुए कहा था कि रेग्युलटरी अप्रूवल प्रक्रिया चल रही है।

छोटी सैटेलाईट से इन्टरनेट

दरअसल, दुनिया में ऐसी कंपनियों की संख्या बढ़ रही है जो छोटे सैटेलाईट धरती की कक्षा में निचले स्तर पर स्थापित कर रही हैं। स्टारलिंक उन्हीं कंपनियों में से एक है। ये कंपनियां लो-लेटेंसी इंटरनेट (Low Latency Internet) यानी ऐसी इंटरनेट सेवाएं दे रही हैं जिनमें डेटा की ऑनलाइन प्रोसेसिंग (Online Processing) तेज होती है।

इन कंपनियों की सेवाओं के केंद्र दूर-दराज के ऐसे इलाके होते हैं जहां इंटरनेट सेवाओं का ढांचागत विकास नहीं पहुंच पाया है। स्टारलिंक भी भारत में गावों (Bharat Mein Ganv) पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है। भारत में उसका मुकाबला अमेज़न की 'कुइपर' और ब्रिटिश सरकार व भारत एंटरप्राइज की साझा कंपनी 'वनवेब' से होगा।

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

स्टारलिंक की बड़ी तैयारी

स्टारलिंक ने रजिस्ट्रेशन के लिए जो दस्तावेज दाखिल किए हैं उनके मुताबिक कंपनी भारत में टेलीकम्युनिकेशन सर्विस में बिजनस करना चाहती है, जिसमें सैटेलाइट ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं, कंटेंट स्टोरेज और स्ट्रीमिंग और मल्टीमीडिया कम्युनिकेशन जैसी सेवाएं शामिल हैं। इसके अलावा कंपनी सैटेलाइट फोन, नेटवर्क इक्विपमेंट और वायरलेस और वायर्ड डिवाइस व डाटा ट्रांसमिशन के क्षेत्र में भी कम करेगी।

स्टारलिंक ने कहा है कि अपनी ब्रॉडबैन्ड सेवाओं के जरिए वह ग्रामीण विकास की एक कड़ी के तौर पर काम करने पर ध्यान केंद्रित करेगी। कंपनी के अनुसार, जब उसे सेवाएं उपलब्ध कराने की इजाजत मिल जाएगी तो वह पहले चरण में दिल्ली और आसपास के सौ ग्रामीण स्कूलों में मुफ्त उपकरण उपलब्ध कराएगी। इसके बाद उसका ध्यान पूरे भारत के 12 ग्रामीण जिलों पर केंद्रित रहेगा।

कम्पनी के मुताबिक स्टारलिंक का लक्ष्य है कि अगले साल दिसंबर तक देशभर में दो लाख स्टारलिंक उपकरण हों। इनमें से 80 प्रतिशत वह देश के ग्रामीण इलाकों में उपलब्ध कराना चाहती है। कंपनी को पांच हजार ऑर्डर तो मिल भी चुके हैं।

14 देशों में चल रहा है काम

स्टारलिंक फिलहाल ऑस्ट्रेलिया, चिली, ब्रिटेन और अमेरिका समेत 14 देशों में सेवाएं उपलब्ध करवा रही है। कंपनी एक किट उपलब्ध करवाती है जिसमें वाई-फाई राउटर, पावर सप्लाई, केबल और एक माउंटिंग ट्राइपॉड दिया जाता है। राउटर सीधा सैटेलाइट से कनेक्ट होता है। इंटरनेट सेवाओं की गुणवत्ता इस बात पर निर्भर करती है कि आसमान साफ है या नहीं। सेटअप आदि एक मोबाइल ऐप के जरिए होता है। आसमान साफ़ होने पर कनेक्टिविटी तेज रहती है।

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Shreya

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