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Elon Musk vs Justin Trudeau: कनाडा ने ऑनलाइन स्ट्रीमिंग पर कसा शिकंजा, एलोन मस्क भड़के
Elon Musk vs Justin Trudeau: कनाडा सरकार ने अपने यहां ऑनलाइन स्ट्रीमिंग सेवाओं पर"नियामक नियंत्रण" के लिए सरकार के साथ पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया है।
Elon Musk vs Justin Trudeau: अरबपति एलोन मस्क ने जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व वाली कनाडाई सरकार पर देश में "अभिव्यक्ति की आज़ादी को कुचलने" का आरोप लगाते हुए सख्त निंदा की है। कनाडा सरकार ने अपने यहां ऑनलाइन स्ट्रीमिंग सेवाओं पर"नियामक नियंत्रण" के लिए सरकार के साथ पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया है।
मामला क्या है
कनाडा की सरकार ने इस साल अप्रैल में प्रस्ताव रखा कि ऑनलाइन स्ट्रीमिंग सेवाओं को रेगुलेटरी नियंत्रण के तहत लाया जाए। तर्क ये दिया गया कि इससे कनाडा के प्रसारण ढांचे को आधुनिक बनाया जा सकेगा और ये भी सुनिश्चित होगा कि ऑनलाइन स्ट्रीमिंग सेवाएं कनाडाई और स्वदेशी सामग्री में सार्थक योगदान दें। अब सरकार ने इसे लागू कर दिया है जिसके तहत पॉडकास्ट करने वाली सभी स्ट्रीमिंग सेवाएं नियामक के अधीन होंगी और सबको रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
क्या हुआ एक्स पर
एक जानेमाने लेखक और पत्रकार ग्लेन ग्रीनवाल्ड ने "एक्स" पर एक पोस्ट में लिखा कि - "दुनिया की सबसे दमनकारी ऑनलाइन सेंसरशिप योजनाओं में से एक से लैस कनाडाई सरकार ने घोषणा की है कि पॉडकास्ट करने वाली सभी ऑनलाइन स्ट्रीमिंग सेवाओं को नियामक नियंत्रण के लिए सरकार के साथ पंजीकृत होना होगा।"
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए एलोन मस्क ने एक्स पर लिखा, ''ट्रूडो कनाडा में अभिव्यक्ति की आजादी को कुचलने की कोशिश कर रहे हैं। शर्मनाक।.'' यह पहली बार नहीं है कि ट्रूडो सरकार पर अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ काम करने का आरोप लगा है।
पहले भी हुए विवादित फैसले
ये पहली बार नहीं है कि जस्टिन ट्रुडो ने इस तरह का काम किया है। पिछले साल फरवरी में कनाडाई सरकार ने वैक्सीन की अनिवार्यता के खिलाफ ट्रक ड्राइवरों के विरोध प्रदर्शनों के जवाब में आपातकालीन शक्तियां लागू कीं थीं। कनाडा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था। इस कदम ने देश के बैंकों और कनाडा के वित्तीय लेनदेन और रिपोर्ट विश्लेषण केंद्र को वित्तीय लेनदेन की निगरानी करने और खाता फ्रीज जैसे उपाय करने का अधिकार दिया, जिसका उद्देश्य विरोध आंदोलन को वित्तीय सहायता के प्रवाह को बाधित करना था। सरकार के कदम की कनाडाई लोगों ने बहुत आलोचना की थी।
बाकी देशों का हाल
दुनिया भर के देशों में हानिकारक ऑनलाइन सामग्री की अलग-अलग परिभाषाएँ हैं, और उन नुकसानों को रेगुलेट करने के लिए अलग-अलग मॉडल हैं। अमेरिका और चीन ऑनलाइन सामग्री नियंत्रण के स्पेक्ट्रम के विपरीत छोर पर हैं, जबकि अधिकांश अन्य देश या संस्थाएं, जैसे- भारत, यूरोपीय संघ (ईयू), यूनाइटेड किंगडम और जर्मनी- बीच में आते हैं। अमेरिका में पूर्णतः मुक्त अभिव्यक्ति है वहीं चीन में सबसे सख्त नियंत्रण है। अन्य देश इन दो ध्रुवों के बीच हैं जिनमें काफी कुछ चीनी मॉडल के करीब नज़र आते हैं।