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Elon Musk: लोगों के ब्रेन में चिप लगाना चाहते हैं एलोन मस्क

Elon Musk: एलोन मस्क एक ऐसे चिप डेवलप कर रहे हैं जिसे इंसानों के ब्रेन में इम्प्लांट किया जाएगा। इसका उद्देश्य मानव मन को कंप्यूटर से जोड़ना है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 6 Dec 2022 12:29 PM GMT
Elon Musk
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Elon Musk (photo: social media )

Elon Musk: एलोन मस्क एक ऐसे चिप डेवलप कर रहे हैं जिसे इंसानों के ब्रेन में इम्प्लांट किया जाएगा। इसका उद्देश्य मानव मन को कंप्यूटर से जोड़ना है। ये डिवाइस एलोन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक द्वारा विकसित की जा रही है। मस्क को उम्मीद है कि न्यूरालिंक छह महीने में मनुष्यों में डिवाइस का परीक्षण शुरू कर सकता है।

इस डिवाइस को एफडीए की नहीं मिली मंजूरी

फिलहाल इस डिवाइस को खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) की मंजूरी नहीं मिली है। लेकिन मस्क ने कहा है कि उन्हें लगता है कि कंपनी ने एफडीए के पास आवश्यक कागजी कार्रवाई जमा कर दी है। इसके पहले मस्क ने एक मर्तबा कहा था कि इस डिवाइस का मानव परीक्षण 2020 में शुरू होगा। फिर मस्क ने कहा कि ट्रायल 2022 में शुरू होगा।

क्या है डिवाइस

नया ब्रेन इम्प्लांट सिक्कों के एक छोटे से ढेर की तरह दिखता है, जिसमें से सैकड़ों धागे निकलते हैं। समझा जाता है कि रोबोट इंसान की खोपड़ी में एक छेद काटकर इन धागों को मस्तिष्क में रख देंगे। सिक्के जैसी चीज को खोपड़ी की हड्डी में फिक्स कर दिया जाएगा।

मस्क ने कहा है कि न्यूरालिंक डिवाइस का उपयोग उन लोगों में दृष्टि बहाल करने के लिए किया जा सकेगा जो अंधे पैदा हुए थे। ये डिवाइस उन लोगों में मूवमेंट बहाल कर सकता है जो अपनी मांसपेशियों का उपयोग करने की क्षमता खो चुके हैं। मस्क ने अपने प्रेजेंटेशन में वीडियो दिखाए जिसमें एक बंदर ने ब्रेन इम्प्लांट का उपयोग करके हाइलाइट किए गए अक्षरों और शब्दों का चयन करने के लिए एक स्क्रीन पर कर्सर चलाया। 2006 के एक प्रयोग में एक मानव ने ऐसा ही एक समान कार्य पूरा किया था।

जानवरों पर न्यूरालिंक के ट्रायल की हुई काफी आलोचना

वैसे, जानवरों पर न्यूरालिंक के ट्रायल की काफी आलोचना हुई है। चिकित्सकों की समिति ने कहा है कि बंदरों पर किए गए प्रयोगों से पुराने संक्रमण, दौरे, पक्षाघात और आंतरिक रक्तस्राव हुआ था और कुछ जानवर मारे गए थे। वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, प्रत्यारोपण से संबंधित माने जाने वाले संक्रमणों के कारण कई बंदरों को मौत की नींद सुलाया जा चुका है। न्यूरालिंक के कुछ कर्मचारियों ने कहा है कि ब्रेन डिवाइस का जानवरों पर जल्दबाजी में परीक्षण किया जा रहा है। इस मामले की जांच एफडीए ने शुरू कर दी है।

ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस पर काम करने वाली न्यूरालिंक कोई एकमात्र कंपनी नहीं है। सिंक्रन कंपनी को पिछले साल अपने डिवाइस के लिए मानव परीक्षण करने की मंजूरी मिली थी और जुलाई में इसे मानव में प्रत्यारोपित किया गया था। अन्य प्रयोगों में, लकवाग्रस्त लोगों ने इम्प्लांट के माध्यम से कंप्यूटर और रोबोटिक हथियारों का इस्तेमाल किया है। स्क्रीन पर शब्दों के रूप में लोगों को अपने विचार साझा करने में मदद करने के लिए इम्प्लांट्स का प्रयोग प्रयोगों में भी किया गया है।

Deepak Kumar

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