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Russia Ukraine War: EU ने रूस पर कसा आर्थिक शिकंजा, रूसी बैंकों को इस वित्तीय व्यवस्था से किया बाहर

27 यूरोपीय देशों के समूह वाला यूरोपीय यूनियन ने रूस औऱ यूक्रेन के बीच चल रहे जंग के सातवें दिन एक और सख्त कदम उठाया है।

Krishna Chaudhary
Report Krishna ChaudharyPublished By Divyanshu Rao
Published on: 2 March 2022 7:32 PM IST
Russia Ukraine War
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रूसी सैनिकों की तस्वीर 

Russia Ukrain War: रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने के बाद से अमेरिका और यूरोपीय यूनियन की त्यौरियां चढ़ी हुई है। रूस की सीमा से अपनी सीमा साझा करने वाला यूरोपीय यूनियन उसपर कई प्रतिबंध लाद चुका है। अमेरिका और ईयू लगातार रूस के आर्थिक हितों पर चोट कर रहा है। ताकि रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन जंग खत्म करने के लिए मजबूर हों। इसी कड़ी में ईयू ने रूस को लेकर एक और बड़ा सख्त कदम उठाया है।

ईयू का रूस को बड़ा आर्थिक झटका

27 यूरोपीय देशों के समूह वाला यूरोपीय यूनियन ने रूस औऱ यूक्रेन के बीच चल रहे जंग के सातवें दिन एक और सख्त कदम उठाया है। ईयू ने रूस के वित्तीय ढांचे पर कठोर प्रहार करते हुए वहां के सात बैंकों को SWIFT से बाहर करने का निर्णय़ लिया है। सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्यूनिकेशन (SWIFT) एक वैश्विक बैंकिंग प्रणाली है।

इसके जरिए इंटरनेशनल ट्रेड में सहूलियत होती है। ऐसे में रूस के लिए ये एक बड़ा आर्थिक झटका है। बता दें कि ईयू ने इससे पहले रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए उन्हें दुनिया के प्रतिबंधित नेताओं की सूची में डाल दिया था। इस सूची में उनसे पहले सीरिया से असद, बेलारूस से लुकाशेंको जैसे नेता शामिल हैं।


ये देश भी रूसी बैंक को कर चुके हैं बाहर

यूरोपिय यूनियन से पहले भी कुछ देश हैं जिन्होंने रूस के बैंकों को SWIFT से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इनमे अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, यूके, इटली औऱ कनाडा शामिल है। इन देशों ने रूस के चुनिंदा बैंको के खिलाफ ये सख्त एक्शन लिया है।

क्या है SWIFT

सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्यूनिकेशन (SWIFT) की स्थापना 1973 में हुई थी। इसका मुख्यालय यूरोपीय देश बेल्जियम के ला हल्पे में है। दुनिया की प्रमुख बैंकिंग मैसेजिंग सर्विस मानी जानी वाली SWIFT में करीब 200 से अधिक देशों के 11 हजार बैंक औऱ वित्तीय संस्थान जुड़े हुए हैं। इसमे भारत भी शामिल है। हाई सिक्योरिटी नेटवर्क के इंटरनेशनल ट्रेड में ये काफी मददगार होता है। इसके सिक्योर मैसेजिंग सर्विस के बदौलत बैंक जल्द औऱ सुरक्षित तरीके से दूसरे देशों में भूगतान कर पाते हैं।



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Divyanshu Rao

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