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फेसबुक का ऐसा कारनामा: चीन के राष्ट्रपति को दिया गंदा नाम, फिर किया ये काम...

फेसबुक ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से माफ़ी मांगी है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग के म्यांमार यात्रा के दौरान फेसबुक ने उनके नाम का गलत अनुवाद कर दिया।

Shivani Awasthi
Published on: 19 Jan 2020 10:53 AM GMT
फेसबुक का ऐसा कारनामा: चीन के राष्ट्रपति को दिया गंदा नाम, फिर किया ये काम...
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दिल्ली: फेसबुक (Facebook ) ने चीन के राष्ट्रपति (Chinese president) शी जिनपिंग से माफ़ी मांगी है। दरअसल, राष्ट्रपति शी जिनपिंग की म्यांमार यात्रा के दौरान फेसबुक ने उनके नाम का गलत अनुवाद दिखाया, जिसके बाद विवाद बढ़ गया। इसी को लेकर फेसबुक ने खेद जताया। बता दें कि जिनपिंग दो दिवसीय यात्रा पर नेपिदा पहुंचे थे। बीते दो दशकों में यह किसी चीनी राष्ट्रपति का पहला म्यांमार दौरा था।

शी जिनपिंग के नाम के अनुवाद में गलती:

हुआ यूं कि बर्मीस भाषा से अंग्रेजी में अनुवाद के दौरान फेसबुक के ऑटोमेटिक ट्रांसलेशन फीचर ने शी जिनपिंग को 'मिस्टर शिटहोल' लिख दिया। गौरतलब है कि 'शिटहोल' का अर्थ गंदे स्थान से है।

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बता दें कि म्यांमार की नेता आंग सान सू ची के आधिकारिक फेसबुक पेज पर सबसे अधिक त्रुटि देखी गई। पोस्ट की गई एक अनुवादित घोषणा में कहा गया, ‘चीन के राष्ट्रपति मिस्टर शिटहोल शाम चार बजे पहुंचे हैं।’ उसमें आगे लिखा गया, ‘चीन के राष्ट्रपति मिस्टर शिटहोल ने प्रतिनिधि सभा के एक अतिथि दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए।’

फेसबुक ने मांगी माफ़ी:

वहीं उनके नाम में गलती के बाद विवाद खड़ा हो गया। इसे लेकर फेसबुक ने कहा कि यह खेदजनक है और एक तकनीकी गड़बड़ी के कारण ऐसा हुआ है। फेसबुक के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हमने तकनीकी गड़बड़ी को ठीक कर दिया है, जिसमें शी जिनपिंग का नाम फेसबुक पर गलत अनुवाद हो गया था।'

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फेसबुक ने बताया कि उसके बर्मीस ट्रांसलेशन डाटा में 'शी' (Xi) का नाम नहीं था। इस तरह के मामलों में फेसबुक का सिस्टम समान अर्थ वाले शब्दों का इस्तेमाल करता है। कंपनी ने जब बर्मीस में 'शी' (Si और Shi) से शुरू होने वाले कई शब्दों का परीक्षण किया, तो उन्हें भी ऑटोमेटिक ट्रांसलेशन टूल ने 'शिटहोल' लिख दिया था।

म्यांमार में फेसबुक लोकप्रिय, चीन में बैन:

गौरतलब है कि म्यांमार में फेसबुक काफी लोकप्रिय है। लोग खबरों, मनोरंजन और बातचीत के लिए सबसे ज्यादा फेसबुक का ही इस्तेमाल करते हैं। कई जगह इसे इंटरनेट का पर्याय माना जाता है। राजनेता और सरकारी एजेंसियां भी आधिकारिक बयानों और घोषणाओं के लिए ​​इसका इस्तेमाल करती हैं। दुनिया भर में करीब 200 करोड़ लोग फेसबुक का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि चीन में फेसबुक पर प्रतिबंध है और वहां के नागरिक फेसबुक इस्तेमाल नहीं कर सकते।

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Shivani Awasthi

Shivani Awasthi

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