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Facebook layoffs: अब फेसबुक में मची हलचल, कंपनी में होगी बड़े पैमाने पर छंटनी

Facebook layoffs: मेटा को कई मोर्चों पर टक्कर मिल रही है जिससे उसकी वैश्विक आर्थिक ग्रोथ धीमी पड़ गई है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 7 Nov 2022 10:46 AM IST
Facebook layoffs
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Facebook layoffs (photo: social media )

Facebook layoffs: मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक (पहले की फेसबुक) इस सप्ताह बड़े पैमाने पर छंटनी शुरू करने की योजना बना रहा है। आशंका है कि इससे हजारों कर्मचारी प्रभावित होंगे। अक्टूबर में फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा की आर्थिक रिपोर्ट ने निराशाजनक रही थी और अगले साल काफी अधिक लागत का अनुमान लगाया गया था। जिससे चलते मेटा के शेयर गिर गए और बाजार मूल्य से लगभग 67 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ।

इस साल पहले से ही कंपनी ही भारी नुकसान उठा चुकी है। मेटा को कई मोर्चों पर टक्कर मिल रही है जिससे उसकी वैश्विक आर्थिक ग्रोथ धीमी पड़ गई है। टिकटोक से प्रतिस्पर्धा, ऐप्पल से गोपनीयता में बदलाव, मेटावर्स पर बड़े पैमाने पर खर्च और विनियमन के मौजूदा खतरे से मेटा कंपनी परेशानी में है।

मेटा के मुख्य कार्यकारी मार्क जुकरबर्ग ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि मेटावर्स निवेश से लाभ मिलने में लगभग एक दशक लगेंगे। इस बीच, उन्हें परियोजनाओं को बंद करने और लागत को कम करने के लिए टीमों को पुनर्गठित करने की आवश्यकता है। जुकरबर्ग ने कहा है कि - "2023 में हम अपने निवेश को उच्च प्राथमिकता वाले विकास क्षेत्रों की एक छोटी संख्या पर केंद्रित करने जा रहे हैं। इसका मतलब है कि कुछ टीमें सार्थक रूप से बढ़ेंगी, लेकिन अधिकांश अन्य टीमें अगले साल तक सपाट रहेंगी या सिकुड़ेंगी। कुल मिलाकर, हम उम्मीद करते हैं कि 2023 को या तो लगभग उसी आकार के रूप में समाप्त किया जाएगा, या आज की तुलना में थोड़ा छोटा संगठन बनेगा।

नौकरियों और पूंजीगत व्यय में कटौती करके सुव्यवस्थित करने की आवश्यकता

सोशल मीडिया कंपनी ने जून में इंजीनियरों की भर्ती को कम से कम 30 फीसदी तक कम करने की योजना बनाई थी। मेटा के शेयरधारक अल्टीमीटर कैपिटल मैनेजमेंट ने मार्क जुकरबर्ग को एक खुले पत्र में पहले कहा था कि कंपनी को नौकरियों और पूंजीगत व्यय में कटौती करके सुव्यवस्थित करने की आवश्यकता है। उसने कहा था कि मेटा ने निवेशकों का विश्वास खो दिया है।

माइक्रोसॉफ्ट, ट्विटर और स्नैप सहित कई प्रौद्योगिकी कंपनियों ने हाल के महीनों में नौकरियों में कटौती की है और नई हायरिंग को बन्द कर दिया है क्योंकि उच्च ब्याज दरों, बढ़ती मुद्रास्फीति और यूरोप में ऊर्जा संकट के कारण वैश्विक आर्थिक विकास धीमा पड़ गया है। कुल मिला कर सोशल मीडिया जगत अब एक बदलाव के दौर में है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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