TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

सावधान ! फर्जी खबरें फैलाना पड़ सकता है आपको भारी

Gagan D Mishra
Published on: 28 Nov 2017 8:43 PM IST
सावधान ! फर्जी खबरें फैलाना पड़ सकता है आपको भारी
X

टोरंटो: प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ फर्जी खबरें फैलाना और झूठी कहानियां गढ़ना आपके लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है, अगर आप इस कृत्य में पकड़े जाते हैं तो। शोधकर्ताओं ने इस बात का खुलासा किया है।

जर्नल ऑफ बिजनेस एथिक्स में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि कंपनियां जो अपने प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ फर्जी खबरें फैलाती हैं, उन्हें अंतत: नकारात्मक प्रचार का अनुभव करना पड़ता है और उनकी साख को नुकसान पहुंचता है।

कान्सास स्टेट यूनिवर्सिटी में मार्केटिंग के सहायक प्रोफेसर सुंघा जंग 'अल्टीमेटली द ट्रथ प्रीवेल्स' अध्ययन के सह-लेखक हैं।

शोधकर्ताओं ने 2012 में दक्षिण कोरिया में घटित एक वास्तविक मामले का विश्लेषण किया। जहां एक ग्राहक को कथित तौर पर देश के सबसे लोकप्रिय बेकरी ब्रांडों में से एक द्वारा बनाई गई पाव रोटी में एक मृत चूहा मिला था।

जिसके बाद कंपनी का व्यापार अचानक से गिर गया। और तब तक नहीं उठा, जब एक संवाददाता ने यह पता नहीं लगा लिया कि यह फर्जी खबर बेकरी के एक प्रतिद्वंदी ने चलवाई थी। मामला सबके समाने आने के बाद अचानक, आरोप झेल रही कंपनी को मीडिया और ऑनलाइन में फिर से वहीं स्थान मिल गया।

शोधकर्ताओं ने तीन साल के ब्लॉग पोस्ट, समाचार लेख और सोशल मीडिया एक्सचेंजों की जांच की और आकलन किया कि प्रत्येक कंपनी के संदर्भ में कितने सकारात्मक और नकारात्मक शब्द इस्तेमाल किए गए थे।

उन्होंने पाया कि फर्जी खबरों ने पीड़ित कंपनी को पहले नुकसान पहुंचाया, लेकिन इसने उस फर्म को बहुत अधिक मात्रा में और स्थायी नुकसान पहुंचाया, जिसने यह झूठी खबर मूल रूप से गढ़ी थी।

फर्जी खबरों से पीड़ित कंपनी को एक साल तक नुकसान हुआ, जबकि अपराधी कंपनी को दो साल से अधिक समय तक इसका प्रभाव झेलना पड़ा।

व्यवसाय के लिए इस तरह के हथकंडों का अभ्यास करने वालों को शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि तकनीक के लिए फर्जी समाचार का पता लगाना और अधिक सटीक होता जा रहा है।

जंग ने कहा, "फेसबुक, गूगल और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म कृत्रिम फर्जी खबरों का पता लगाने के लिए प्रणाली का निर्माण कर रहे हैं, जिसका मतलब है कि फर्जी खबरों को आसानी से पकड़ा जा सकेगा।"

उन्होंने कहा, "आपको न तो व्यावहारिक रूप से और न ही नैतिक रूप से ऐसा बोलना चाहिए।"

--आईएएनएस



\
Gagan D Mishra

Gagan D Mishra

Next Story