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Pakistan Blast: राजधानी इस्लामाबाद में फिदायीन हमला, 1 पुलिसकर्मी की मौत, कई जख्मी
Islamabad Blast: मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये एक फिदायीन हमला था, जो कि शहर के आई-10/4 सेक्टर में हुआ है। पाक मीडिया के मुताबिक, इस्लामबाद में रूटीन चेकअप के दौरान जब पुलिसकर्मियों ने एक टैक्सी को रोका तो ड्राइवर ने खुद को बम से उड़ा लिया।
Pakistan Blast: पाकिस्तन की राजधानी इस्लामाबाद शुक्रबार को एक बम धमाके से दहल उठा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये एक फिदायीन हमला था, जो कि शहर के आई-10/4 सेक्टर में हुआ है। पाक मीडिया के मुताबिक, इस्लामबाद में रूटीन चेकअप के दौरान जब पुलिसकर्मियों ने एक टैक्सी को रोका तो ड्राइवर ने खुद को बम से उड़ा लिया। धमाके के चपेट में आने से एक पुलिसकर्मी की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 4 अन्य गंभीर रूप से जख्मी हो गए। जोरदार विस्फोट की आवाज ने इलाके में हड़कंप मच दिया।
सभी घायल पुलिसकर्मियों को अस्पताल पहुंचा दिया गया है। घटनास्थल की ओर जाने वाली सड़कें ब्लॉक कर, वहीं बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती कर दी गई है। पुलिस और पाक सुरक्षा एजेंसी के आला अफसर मौके पर पहुंच गए हैं। अब तक किसी चरमपंथी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। सुरक्षा एजेंसियां कार के मलबे की जांच कर घटना के बारे में तथ्य इकट्ठा करने की कोशिश में जुटी हैं। इससे पहले पाकिस्तान का एक और बड़ा शहर पेशावर सुसाइड हमले से दहल उठा था। पेशावर के ख्वानी बाजार स्थित मस्जिद में शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया था। इस हमले में 57 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग जख्मी हो गए थे। शुक्रवार के दिन जुमे की नमाज के लिए नमाजियों की काफी भीड़ थी, इसलिए काफी संख्या में लोग हताहत हुए।
हमलों के पीछे टीटीपी का हाथ !
हाल के दिनों में हुए इन हमलों ने पाकिस्तानी सत्ता प्रतिष्ठान और वहां के आवाम में खौफ पैदा कर दिया है। इन हमलों के पीछे कुख्यात चरमपंथी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। क्योंकि इस हथियारबंद संगठन ने पिछले माह ही पाक सरकार के साथ संघर्षविराम समझौते को खत्म करने का एकतरफा ऐलान किया था। संगठन के मुखिया ने अपने हमलावरों से देशभर में हमले करने का आदेश दिया है। बता दें कि साल 2007 में अस्तित्व में आया यह संगठन पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों, महिलाओं और उदारवादियों पर हमले करने के लिए कुख्यात रहा है। इसी संगठन के लड़ाकों ने साल 2012 में नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई पर गोलियां चलाई थीं। अफगानिस्तान में तालिबान हुकूमत की वापसी और पाकिस्तन में राजनीतिक अस्थिरता के कारण टीटीपी जिसे पाकिस्तान तालिबान भी कहा जाता है, का मनोबल बढ़ा हुआ है।