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भारत के लिए मुसीबत: रूस-पाकिस्तान के संबंधों से बढ़ेगी कड़वाहट

अमेरिका का कोई विदेश मंत्री पहले के समय में अगर भारत के दौरे पर आता था, तो पाकिस्तान भी मुख्य तौर

Vidushi Mishra
Published By Vidushi Mishra
Published on: 8 April 2021 8:32 AM GMT
भारत के लिए मुसीबत: रूस-पाकिस्तान के संबंधों से बढ़ेगी कड़वाहट
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फोटो-सोशल मीडिया

नई दिल्ली: अमेरिका का कोई विदेश मंत्री पहले के समय में अगर भारत के दौरे पर आता था, तो पाकिस्तान भी मुख्य तौर पर जाता था। लेकिन अमेरिका द्वारा अब ऐसा नहीं किया जाता है। काफी समय बाद या कहे तो पहली बार ऐसा हुआ है कि रूसी विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव भारत के दौरे पर आए तो वे पाकिस्तान भी गए। ऐसे में जान पड़ता है कि भारत और रूस के रिश्ते किस किनारे पर बैठ रहे हैं। वैसे तो रूस और पाकिस्तान के रिश्ते कभी सहज नहीं रहे। और ये पाकिस्तान बनने के बाद से ही है। उस समय जब शीत युद्ध के दौरान भी पाकिस्तान अमेरिकी खेमे में था।

रूस से दूरियां भी काफी बढ़ी

ऐसे में अफगानिस्तान में भी अमेरिका रूस की उपस्थिति के खिलाफ पाकिस्तान की सहायता से तालिबान को खड़ा किया था। इस बीच भारत और अमेरिका की करीबी बढ़ी है तो रूस से दूरियां भी काफी बढ़ी हैं। रूस और चीन, अमेरिका के वैश्विक नेतृत्व को चुनौती दे रहे हैं। वहीं पाकिस्तान पहले से ही चीन के साथ है, ऐसे में रूस के नजदीक आना ज्यादा चौंकाता नहीं है।

लगभग एक दशक में पाकिस्तान का दौरा करने वाले पहले रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत की। इस दौरान रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से भी मुलाकात की।


भारत की चिंता बढ़ना एकदम तय

इस मुलाकात के चलते अर्थव्यवस्था, व्यापार, आतंकवाद से निपटने और रक्षा के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ावा देने की बात हुई। लेकिन रूस के विदेश मंत्री लावरोव के एक ऐलान से भारत की चिंता बढ़ना तय है।

वहीं पाक विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान रूस के साथ एक मजबूत बहुपक्षीय संबंध बनाने का इच्छुक है। पाकिस्तान रूस के साथ भरोसे का रिश्ता बनाना चाहता है। रूस के साथ रिश्ते के लिए पाकिस्तान में एक नया नजरिया उभरकर सामने आया है। एक माइंडसेट तैयार हुआ है। हमें लगता है कि न केवल हमारी भौगोलिक निकटता है, बल्कि रूस इस क्षेत्र और दुनिया में स्थिरता का फैक्टर भी है।"

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