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UAE: यूएई में फूड डिलीवरी वालों की हड़ताल, बेहतर वेतन की मांग

यूएई में फ़ूड डिलीवरी के ड्राइवर बेहतर वेतन की मांग को लेकर मंगलवार को हड़ताल पर चले गए, इस महीने ऐसी ये दूसरी घटना है। जबकि देश मेंऔद्योगिक कार्रवाई बेहद असामान्य किहीज है।

Neel Mani Lal
Report Neel Mani LalPublished By Deepak Kumar
Published on: 10 May 2022 5:34 PM GMT
Food deliverymen strike in UAE to demand better pay
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UAE: यूएई में फ़ूड डिलीवरी वालों की हड़ताल। (Social Media)

UAE: यूनाइटेड अरब अमीरात (United Arab Emirates) यानी यूएई में हड़ताल एक अजूबा है क्योंकि यहां किसी भी सेक्टर में कर्मचारियों की हड़ताल शायद ही कभी हुई है। लेकिन अब ये रिकॉर्ड टूट गया है, वो भी एक बार नहीं बल्कि एक महीने में दो-दो बात।

हुआ ये है कि अमीरात में फ़ूड डिलीवरी के ड्राइवर बेहतर वेतन की मांग को लेकर मंगलवार को हड़ताल पर चले गए, इस महीने ऐसी ये दूसरी घटना है। जबकि देश मेंऔद्योगिक कार्रवाई बेहद असामान्य किहीज है। जर्मनी के डिलीवरी ग्रुप "हीरो" के अमीराती पार्टनर 'तलाबत" के कई कर्मचारी अपनी शिफ्ट के समय काम पर नहीं आए। ये कर्मचारी ईंधन की कीमतों में वैश्विक वृद्धि के बीच वेतन वृद्धि की मांग कर रहे हैं।

तालाबात के ड्राइवर कमाते हैं प्रति माह औसतन 3,500 दिरहम: प्रवक्ता

कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि तालाबात के ड्राइवर प्रति माह औसतन 3,500 दिरहम (935 डॉलर) कमाते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह तक, ड्राइवर्स की भुगतान संतुष्टि "अच्छी तरह से ऊपर" यानी 70 प्रतिशत थी। प्रवक्ता ने कहा कि - फिर भी हम समझते हैं कि आर्थिक और राजनीतिक वास्तविकताएं लगातार बदल रही हैं, और हम हमेशा यह सुनना जारी रखेंगे कि सवारों को क्या कहना है। हालांकि, कंपनी ने यह नहीं बताया कि वह ड्राइवरों की मांगों को पूरा करेगी या नहीं।

कंपनी ने वेतन में कटौती करने की बनाई थी योजना

विरोध की नवीनतम विरोध एक अन्य लोकप्रिय फूड डिलीवरी ऐप "डिलिवरू" के ड्राइवरों द्वारा इस महीने की शुरुआत में हड़ताल पर जाने के बाद आया है, जब कंपनी ने उनके वेतन में कटौती करने की योजना बनाई थी। डिलिवरू ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और कहा कि वह किसी भी बदलाव को रोक रही है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि हमारा प्रारंभिक इरादा अन्य प्रोत्साहनों के अलावा ड्राइवरों के साथ जुड़ने के लिए एजेंसियों के लिए एक अधिक अच्छी आय संरचना का प्रस्ताव करना था। कम्पनी ने कहा कि हमारे कुछ मूल इरादे स्पष्ट नहीं हैं, इसलिए हमने वर्तमान में सभी परिवर्तनों को रोक दिया है। हम ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारी एजेंसी ड्राइवरों के साथ काम जारी रखेगी और एक ऐसा स्ट्रक्चर बनाएगी जो सबके लिए फायदेमंद हो।

इन देशों के लाखों विदेशियों के सस्ते श्रम पर निर्भर UAE

तेल से अमीर बने संयुक्त अरब अमीरात दरअसल भारत, पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका और अफ्रीकी देशों के लाखों विदेशियों के सस्ते श्रम पर निर्भर है। पड़ोसी देश सऊदी अरब के बाद अरब दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, संयुक्त अरब अमीरात की 10 मिलियन आबादी में विदेशियों की हिस्सेदारी 90 प्रतिशत है। लेकिन प्रवासी श्रमिकों की वर्किंग कंडीशन को लेकर मानवाधिकार समूहों द्वारा खाड़ी अरब देशों की लंबे समय से आलोचना की जाती रही है। यहां कामगारों के शोषण के आरोप लगते रहते हैं।

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Deepak Kumar

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