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US: ट्रंप के कार्यकाल में एनएसए रहे मैक्मास्टर का बड़ा खुलासा, बोले-आतंकियों के साथ मिली हुई है पाकिस्तान की आईएसआई

US: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में अपने कार्यकाल का विवरण देते हुए मैक्मास्टर ने अपनी किताब एट वॉर विद अवरसेल्व्स में कई खुलासे किए हैं।

Ashish Kumar Pandey
Published on: 31 Aug 2024 10:25 AM IST
US: ट्रंप के कार्यकाल में एनएसए रहे मैक्मास्टर का बड़ा खुलासा, बोले-आतंकियों के साथ मिली हुई है पाकिस्तान की आईएसआई
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former US NSA McMaster  (photo: social media)

US: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एच आर मैक्मास्टर ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को लेकर बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) आतंकवादियों के साथ मिली हुई है। यही नहीं उन्होंने यह भी खुलासा किया कि अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान व्हाइट हाउस को इस्लामाबाद को सुरक्षा सहायता रोकने को लेकर विदेश मंत्रालय और पेंटागन से विरोध का सामना करना पड़ा था।

किताब ‘एट वॉर विद अवरसेल्व्स’ में खुलासे

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) के रूप में अपने कार्यकाल का विवरण देते हुए मैक्मास्टर ने अपनी किताब एट वॉर विद अवरसेल्व्स में कई खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया कि ट्रंप ने निर्देश दिया था कि जब तक पाकिस्तान आतंकवादियों को पनाह देना बंद नहीं कर देता तब तक उसे दी जाने वाली सहायता रोक दी जाएं। इसके बावजूद, तत्कालीन रक्षा मंत्री जिम मैटिस इस्लामाबाद को सैन्य सहायता देने की योजना बना रहे थे, जिसमें 15 करोड़ डॉलर से ज्यादा के बख्तरबंद वाहन शामिल थे। हालांकि, उनके हस्तेक्षप के बाद पाकिस्तान को सहायता रोक दी गई थी।

ट्रंप के आदेश का पालन कराना था मुश्किल

उन्होंने अपनी किताब में लिखा, ट्रंप के कुछ गतिविधियों को रोकने के निर्देशों का पालन करने के लिए राज्य और रक्षा को राजी करना भी मुश्किल था। मुझे पता चला कि दक्षिण एशिया रणनीति के विपरीत (जिसमें कुछ अपवादों के साथ पाकिस्तान को सभी सहायता को निलंबित करने की बात कही गई थी) मैटिस आने वाले हफ्तों में इस्लामाबाद का दौरा करने वाले हैं और एक सैन्य सहायता पैकेज का एलान करेंगे, जिसमें 15 करोड़ डॉलर से अधिक के बख्तरबंद वाहन शामिल थे।

मैक्मास्टर ने कहा कि जैसे ही उन्हें इस बारे में पता चला उन्होंने मैटिस, सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी की उपनिदेशक जीना हास्पेल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करने का फैसला लिया।

ट्रंप ने कई बार पाकिस्तान को पैसा नहीं देने की बात कही थी

उन्होंने कहा, मैंने इस बात पर गौर करते हुए अपनी बात शुरू की कि राष्ट्रपति ट्रंप कई मौकों पर पाकिस्तानियों को दी जाने वाली सहायता को रोकने के लिए बहुत स्पष्ट रहे हैं, जब तक कि वे अफगानिस्तान में अफगानों, अमेरिकियों और गठबंधन सदस्यों की हत्या करने वाले आतंकवादी संगठनों को समर्थन देना बंद नहीं कर देते। हम सभी ने ट्रंप को यह कहते सुना था कि वह नहीं चाहते कि पाकिस्तान को कोई पैसा जाए।

पूर्व एनएसए ने बताया कि मैटिस ने इस संभावना पर ध्यान दिया कि पाकिस्तान कुछ तरीकों से जवाबी कार्रवाई कर सकता है, लेकिन राजदूत डेविड हेल सहित अन्य लोगों ने, जो इस्लामाबाद से वीडियो के माध्यम से बैठक में शामिल हुए थे, इन चिंताओं को साझा नहीं किया।

15 सालों में 33 अरब डॉलर की दी गई सहायता

उन्होंने आगे किताब में कहा, मैटिस ने रुखे मन से सैन्य सहायता पैकेज को रोकने का फैसला लिया। हालांकि, अन्य मदद जारी रही। इस पर ट्रंप ने नए साल पर कहा था कि अमेरिका ने पिछले 15 वर्षों में पाकिस्तान को मूर्खतापूर्ण तरीके से 33 अरब डॉलर से अधिक की सहायता दी है। वहीं, उन्होंने हमारे नेताओं को मूर्ख समझते हुए हमें झूठ और धोखे के अलावा कुछ भी नहीं दिया। वे उन आतंकवादियों को पनाह देते हैं, जिनकी हम अफगानिस्तान में तलाश कर रहे। अब और नहीं!

पाकिस्तान नहीं आया बाज

मैक्मास्टर ने बताया, पाकिस्तान ने अपने व्यवहार में कोई बदलाव नहीं किया था। बल्कि उसकी सरकार ने अपमान करते हुए मैटिस की यात्रा की पूर्व संध्या पर साल 2008 के के मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को रिहा कर दिया था। इसके अलावा, पाकिस्तान में बंधकों के साथ हाल ही में हुई एक घटना ने आतंकवादियों के साथ पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस की निर्विवाद मिलीभगत को उजागर कर दिया है।

उन्होंने देखा कि उस समय की समाचार रिपोर्टों ने राष्ट्रपति के ट्वीट की आलोचना की थी और एक सुसंगत नीति से रहित बताया। मगर सहायता रोकना दक्षिण एशिया रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसे ट्रंप ने अगस्त में कैंप डेविड में मंजूरी दी थी।

मैक्मास्टर ने कहा, राष्ट्रपति ने 14 दिसंबर को उपराष्ट्रपति, टिलरसन, मैटिस, केली और मेरे साथ दोपहर भोज किया था, जिससे मुझे यह समझने में मदद मिली कि पाकिस्तान पर ट्रंप के दिशानिर्देश को लागू करना या उत्तर कोरिया के लिए आकस्मिक योजनाओं पर सहयोग को बढ़ावा देना क्यों मुश्किल था।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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