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Fourth wave of corona: China में हाहाकार, जांच के लिए मारामारी, क्वारंटाइन तक की जगह नहीं

Fourth wave of corona: ओमिक्रॉन वेरिएंट के चलते केस में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में चीन के कई शहरों में लॉकडाउन लगाना पड़ा है।

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Newstrack NetworkPublished By aman
Published on: 17 March 2022 11:59 AM IST
Corona Virus symptoms: biggest wave of corona in china covid cases in many parts of country healthcare system under pressure
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चीन में कोरोना महामारी को लेकर बढ़ रहा संकट (Social media)

Fourth wave of corona: चीन में कुछ हिस्सों में कोरोना महामारी (Covid Cases in China) एक बार फिर तेजी से सिर उठाने लगा है। चीन में कोरोना से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि साल 2020 के बाद ये सबसे बुरी स्थिति है। कोरोना संक्रमितों के बढ़ते मामलों की वजह से कई हिस्सों में मेडिकल सुविधाओं (Medical Facilities) की कमी होने लगी है।

एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि चीन में अगर ऐसे ही कोरोना के मामले बढ़ते रहे तो आगामी हफ्तों में चीन की स्वास्थ्य सेवाओं पर इसका दबाव बेहद बढ़ सकता है। वहां की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा जाएंगी। बता दें, कि बीते 10 हफ्तों में चीन में 14000 से अधिक केस सामने आए हैं। माना जा रहा है, कि ओमिक्रॉन (omicron) वेरिएंट के चलते मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसी वजह से चीन को कई शहरों में लॉकडाउन तक लगाना पड़ा है। कोरोना के इस नए हमले से चीन की अर्थव्यवस्था पर इसका बुरा असर पड़ने का अनुमान है।

टेस्ट के लिए मारामारी, 2 से 3 दिन की मेडिकल आपूर्ति

चीन के कुछ हिस्से में कोरोना संकट पहले से व्याप्त है। अब नए और तेजी से बढ़ते मामलों की वजह से चीन में कोरोना टेस्ट के लिए मारामारी हो रही है। गौरतलब है, कि चीन की 'जीरो कोविड पॉलिसी' बेहद सख्त है। इसी के तहत लोगों को क्वारंटाइन किया जा रहा है। चीन में कोरोना से सबसे प्रभावित जिलों में अस्पतालों में क्वारंटाइन करने के लिए अब जगह कम पड़ने लगे हैं। जिस कारण यहां अस्थाई अस्पताल भी बनाए जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक स्थानीय अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि कोरोना रोकने के लिए उपलब्ध मेडिकल आपूर्ति सिर्फ 2 से 3 दिनों की ही बची है।

ओमिक्रॉन पर कितनी कारगर है चीनी वैक्सीन?

आपको बता दें, कि चीन अब तक कोरोना के खिलाफ 'जीरो कोविड पॉलिसी' अपनाता रहा है। जिसके तहत सबसे पहले, संक्रमितों की पहचान की जाती है। फिर उसे क्वारंटाइन किया जाता है। वहीं, चीन में अब तक करीब 90 प्रतिशत लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। हालांकि, चीनी विशेषज्ञों का ये भी दावा है, कि पर्याप्त बुजुर्गों को बूस्टर डोज नहीं लगे हैं। जिससे संक्रमण और मौत का खतरा बना रहता है। जबकि, अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि चीन में बनी वैक्सीन ओमिक्रॉन पर कितनी कारगर साबित हुई है।

अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के होंगे रूट डायवर्ट

ज्ञात हो, कि चीन के शंघाई में 21 मार्च और 1 मई तक पूर्व निर्धारित 106 अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को अन्य चीनी शहरों में डायवर्ट करने का फैसला किया गया है। चांगचुन शहर में भी कड़ी प्रतिबंध देखने को मिल रही है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

वहीं, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University) में एपिडेमियोलॉजी के प्रोफेसर चेन झेंगमिन मौजूदा चीनी हालत पर कहते हैं, कि 'अगले दो हफ्ते यह निर्धारित करने के लिए अहम हैं कि प्रतिबंध सहित उठाए जा रहे मौजूदा कदम क्या कोरोना संक्रमण रोकने के लिए काफी हैं? क्या पिछले साल की तरह इस बार भी इन कदमों के बाद शहर में केस कम हो सकते हैं?

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Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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