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France: फ्रांस के लोगों ने कहा, गांजा को कानूनी मान्यता मिले

30 सांसदों के एक ग्रुप ने गांजे-भांग के प्रति वर्तमान व्यवस्था और उसमें बदलाव के बारे में जनता के बीच एक रायशुमारी की। इस रायशुमारी में लोगों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया और करीब पांच लाख लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी। रायशुमारी का मकसद 2022 के चुनाव के बाद सुधारों की जमीन तैयार करना है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Pallavi Srivastava
Published on: 6 July 2021 11:07 AM GMT (Updated on: 6 July 2021 11:12 AM GMT)
Emphasis on allowing cannabis to be used for recreation
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गांजे को मन बहलाव के लिए इस्तेमाल करने की इजाजत पर जोर pic(social media)

France: पूरे यूरोपियन यूनियन में फ्रांस ऐसा देश है जहां कैनाबिस यानी गांजे का सबसे ज्यादा इस्तेमाल या उपभोग किया जाता है। ये हाल तब है जबकि फ्रांस में गांजे के खिलाफ सख्त कानून हैं। लेकिन अब फ्रांस धीरे-धीरे गांजा-भांग के प्रयोग को कानूनी मान्यता देने की तरफ बढ़ रहा है। इसकी एक वजह ये है कि ज्यादातर फ्रेंच लोग चाहते हैं कि गांजे को मनबहलाव के लिए इस्तेमाल करने की इजाजत दी जानी चाहिए।

दरअसल, यूरोपियन यूनियन के देशों में गांजे-भांग के प्रयोग के प्रति सरकारों के रुख में नरमी आने के साथ फ्रांस में भी ये मांग उठने लगी और देश के कई सांसदों ने भी इसका समर्थन किया। इसके बाद इस साल मार्च में 30 सांसदों के एक ग्रुप ने गांजे-भांग के प्रति वर्तमान व्यवस्था और उसमें बदलाव के बारे में जनता के बीच एक रायशुमारी की। इस रायशुमारी में लोगों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया और करीब पांच लाख लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी। इस रायशुमारी का मकसद 2022 के चुनाव के बाद सुधारों की जमीन तैयार करना है।

बहरहाल, इस रायशुमारी में अधिकाँश लोगों ने मनबहलाव के लिए गांजे के इस्तेमाल की इजाजत देने के पक्ष में राय दी है। जितने लोगों ने अपनी राय दी उनमें से 80 फीसदी का कहना था कि सरकार को गांजे के प्रोडक्शन और उपभोग की इजाजत दे देनी चाहिए और इस बारे में कानून बनना चाहिए।

मेडिकल इस्तेमाल को मिली मंजूरी

जहाँ इस साल मार्च में फांस में सांसदों के ग्रुप ने जनता से गांजा-भांग के इस्तेमाल पर रायशुमारी कराई वहीं प्रेसिडेंट माक्रों की सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए गांजे के मेडिकल इस्तेमाल की एक प्रायोगिक योजना शुरू कर दी। फांस के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार दो साल तक देश में एक योजना चला कर ये पता किया जाएगा कि गांजा-भांग के मेडिकल प्रयोग के क्या प्रभाव पड़ते हैं। इस योजना के तहत फांस के तीन हजार मरीजों के इलाज में मेडिकल कैनाबिस को शामिल किया जाएगा और इसकी गहन मॉनिटरिंग की जायेगी। ये योजना 2019 में ही शुरू की जानी थी लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे कई बार स्थगित करना पड़ा। इस योजना में 170 अस्पताल भाग लेंगे। इसमें वो मरीज भाग ले सकते हैं जिनके ऊपर फार्मास्यूटिकल दवाओं का असर नहीं हो रहा है। इस योजना में मिर्गी, नयूरोपैथिक दर्द, कीमोथेरेपी के दुष्प्रभाव और मल्टीपल स्क्लेरोसिस जैसी अवस्थाएं शामिल की गयी हैं। बच्चों पर भी मेडिकल कैनाबिस का प्रयोग किया जा सकता है अगर वे कैंसर या मिर्गी से पीड़ित हैं।

सीबीडी के आयात को मंजूरी

फांस में कैनाबिस से सम्बंधित एक और बड़ी बात ये हुई है कि वहां के सुप्रीम कोर्ट ने गांजे-भांग के पौधे से निकाले गए तेल (कैनाबिडीओल) के आयात को मंजूरी दे दी है। इसी साल 23 जून को फ्रेंच सुप्रीम कोर्ट के क्रिमिनल सेक्शन ने आदेश दिया कि यूरोपियन यूनियन में कैनाबिस सटीवा पौधे से निकाले गए कैनाबिडीओल (सीबीडी) को रखने या उसकी बिक्री करने पर कोई अपराधिक कार्रवाई नहीं की जा सकती है। इस ऐतिहासिक फैसले का मतलब ये है कि अब ईयू के किसी भी देश से फांस में सीबीडी का एक्सपोर्ट किया जा सकेगा और फांस में उसकी बिक्री बिना किसी डर के हो सकेगी।

Pallavi Srivastava

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