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France Riots Update: आग में जलते फ्रांस की हालत देख पूरी दुनिया में दहशत, कट्टरपंथी धार्मिक और नस्लीय घृणा ने फैलाई भीषण बर्बादी

France Riots Update: नई दिल्ली। एक पुलिस अधिकारी द्वारा यातायात रोकने के दौरान नाहेल एम नामक 17 वर्षीय अल्जीरियायी अप्रवासी की गोली मारकर हत्या करने के बाद पूरे फ्रांस में आग लगी हुई है।

Neel Mani Lal
Published on: 3 July 2023 8:34 AM IST
France Riots Update: आग में जलते फ्रांस की हालत देख पूरी दुनिया में दहशत, कट्टरपंथी धार्मिक और नस्लीय घृणा ने फैलाई भीषण बर्बादी
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France Riots Update (Photo - Social Media)

France Riots Update: एक पुलिस अधिकारी द्वारा यातायात रोकने के दौरान नाहेल एम नामक 17 वर्षीय अल्जीरियायी अप्रवासी की गोली मारकर हत्या करने के बाद पूरे फ्रांस में आग लगी हुई है। हिंसक विरोध प्रदर्शनों ने देश को झकझोर कर रख दिया है और एक बार फिर यूरोपीय संघ की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले फ्रांस में लंबे समय से चल रहे नस्लीय और धार्मिक तनाव का बहुत भयानक चेहरा सामने ला दिया है।

न केवल पेरिस में बल्कि मार्सिले, रिम्स और ल्योन सहित अन्य फ्रांसीसी शहरों में किशोरों - युवाओं के साथ पुलिस की झड़पें जारी हैं। नगर निगम की इमारतें जला दी गईं हैं, पेरिस के एक डिपो में एक दर्जन बसें जला दी गईं। शहर के अंदर नकाबपोश दंगाई शॉपिंग मॉल में लूटपाट कर रहे हैं। ध्यान देने वाली बात ये है कि दंगाई प्रमुख रूप से कामकाजी वर्ग के अल्पसंख्यक, खासकर मुस्लिम हैं जो देश के बैनलीज़ या शहर के बाहरी इलाके में रहते हैं।

अलगाववाद और कट्टरपंथ का फैलाव

दरअसल, 2005 में पेरिस में हुए आतंकी हमले के बाद से फ्रांस में काफी कुछ बदल गया है। उन हमलों के बाद सामने आया कि फ्रांस में किस कदर इस्लामी कट्टरता और अलगाववाद फैलाया जा रहा है।
पिछले कुछ वर्षों में इमानुएल मैक्रों की सरकार ने इस्लामी कट्टरपंथ के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं जिसमें पुलिस की कठोर रणनीति शामिल है। मैक्रों ने कई मस्जिदों और मुस्लिम संघों की गतिविधियों को प्रतिबंधित कर दिया है, जिन पर सरकार 'इस्लामी अलगाववाद' फैलाने का आरोप लगाया गया था। ऐसी विचारधारा के बारे में सरकार का कहना है कि इसका लक्ष्य एक समानांतर समाज का निर्माण करना है जहां धार्मिक नियम नागरिक नियमों से ऊपर हों।
लेकिन दूसरी तरफ उदारवादियों द्वारा सख्ती की आलोचना, अप्रवासियों की खुली आमद और राजनीतिक स्वार्थ के परिणामस्वरूप देश में नस्लीय और धार्मिक तनाव भी बहुत बढ़ चुका है।

धार्मिक नारे

एक खोजी पत्रकार एमी मेक ने ट्विटर पर दंगों के वीडियो साझा किए, जहां भीड़ को वाहनों में तोड़फोड़ करते और उन्हें आग लगाते हुए 'अल्लाहु अकबर' कहते हुए सुना जा सकता है।मेक ने कहा - एक बार फिर, इस्लामिक प्रवासी समुदाय दंगों, हमलों, आग, लूटपाट और वर्षों से करदाताओं के पैसे से वित्त पोषित सार्वजनिक सेवाओं के बड़े पैमाने पर विनाश के साथ अपनी विनाशकारी क्षमता को उजागर कर रहे हैं।" एक अन्य ट्वीट में मेक ने कहा, ''पुलिस देश भर में हो रहे प्रवासी और वामपंथी दंगों को नियंत्रित करने में असमर्थ है। फ्रांसीसी मीडिया ने आत्मसमर्पण कर दिया है और वह देश भर में लूटे गए, आग लगाए गए और नष्ट किए गए कस्बों और शहरों की संख्या पर नज़र नहीं रख सकता है। उन्होंने लिखा है कि - पूरे फ्रांस में इस्लामिक हमले, दंगे, हत्याएं, बलात्कार बड़े पैमाने पर अवैध प्रवासन से जूझ रहे देश में एक न्यू नॉर्मल का हिस्सा है। उन्होंने यह भी कहा कि फ्रांस अब यूरोप में "प्रमुख इस्लामिक देश" बन गया है, जिसकी 10 प्रतिशत से अधिक आबादी मुस्लिम है।

फ्रांस की क्या है आबादी

- फ्रांस की कुल जनसंख्या 6 करोड़ 56 लाख है। ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन के एक अध्ययन के अनुसार फ्रांस में लगभग 50 लाख मुस्लिम मूल के निवासी हैं। माना जाता है कि मुस्लिम आबादी का आधा हिस्सा 24 वर्ष से कम उम्र का है।
- फ्रांस में मुसलमान बड़ी संख्या में देशों से आये हैं, हालांकि अधिकांश उत्तरी अफ्रीका, मुख्य रूप से अल्जीरिया, मोरक्को और ट्यूनीशिया से आए थे।
- फ्रांस में मुस्लिमों की आमद कई सदियों पहले अरबों के हमले के साथ हुई थी। लेकिन सबसे बड़ी संख्या में मुसलमान 1954 - 1962 के दौरान कई देशों में स्वतंत्रता संघर्ष के चलते फ्रांस आए थे।
- फ़्रांस में प्रमुख मुस्लिम आबादी केंद्र पेरिस, मार्सिले और ल्योन और उनके बाहरी उपनगर हैं।
- वर्तमान में यूरोपीय संघ में रहने वाले लगभग 1.5 करोड़ मुसलमानों में से एक तिहाई फ्रांस में हैं।
- फ्रांस में अधिकांश मुसलमान सुन्नी हैं और विदेशी मूल के हैं। शिया, अहमदिया और गैर-सांप्रदायिक मुसलमानों भी मौजूद हैं लेकिन वे अल्पसंख्यक हैं।

नवंबर 2015 के बाद बदले हालात

नवंबर 2015 के पेरिस हमलों के बाद फ्रांस में मुस्लिम समुदाय के प्रति स्थिति में व्यापक बदलाव आया है।
- फ्रांसीसी अधिकारियों ने पहली बार चरमपंथी गतिविधियों और कट्टरपंथ को कारण बताते हुए तीन मस्जिदों को बंद कर दिया।
- 2016 में, फ्रांसीसी अधिकारियों ने बताया कि 2,500 इस्लामी मस्जिदों में से 120 सलाफिस्ट विचारों का प्रसार किया जा रहा था। 20 मस्जिदों को घृणास्पद भाषण के कारण बंद कर दिया गया।
- 2016 में फ्रांसीसी अधिकारियों ने कहा थाकि सुरक्षा खतरों की सूची में शामिल 20,000 व्यक्तियों में से 15,000 इस्लामी आंदोलनों से संबंधित हैं।
- 2018 में यूरोपीय संघ के आतंकवाद विरोधी समन्वयक गाइल्स डी केर्चोव ने अनुमान लगाया कि फ्रांस में 17,000 कट्टरपंथी मुस्लिम और जिहादी रहते हैं।
- 2018 में फ्रांसीसी खुफिया सेवाओं ने कट्टरपंथी इस्लामवाद से संदिग्ध संबंधों वाले लगभग 11,000 व्यक्तियों की निगरानी की।
- फ़्रांस ने आतंकवादी संबंधित अपराधों के लिए बड़ी संख्या में व्यक्तियों को सज़ा सुनाई है इसके परिणामस्वरूप फ्रांसीसी जेलों में कट्टरपंथ की समस्या पैदा हो गई है।
- फरवरी 2019 में ग्रेनोबल में अधिकारियों ने "कट्टरपंथी इस्लामी विचारधारा" का प्रचार करने के कारण अल-कावथर मस्जिद को छह महीने के लिए बंद कर दिया। अल-कौथर मस्जिद में लगभग 400 नियमित आगंतुक आते थे।
- नवंबर 2019 में राजनीतिक इस्लाम और सामुदायिक विचारों का प्रसार करने के कारण लगभग 15 इलाकों में कैफे, स्कूल और मस्जिदों को बंद कर दिया गया।



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Neel Mani Lal

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