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जिंदगी के साथ भी, बाद भी : ठग को मिली 13,275 साल जेल की सजा

Rishi
Published on: 30 Dec 2017 1:07 PM GMT
जिंदगी के साथ भी, बाद भी : ठग को मिली 13,275 साल जेल की सजा
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बैंकॉक : थाईलैंड की एक अदालत ने एक जालसाज को कुल 13,275 साल जेल की सजा सुनाई है। बीबीसी की खबर के मुताबिक, 34 वर्षीय पुदित कित्तीथरादिलोक ने शुक्रवार को अदालत में माना कि वह एक पोंजी योजना चला रहा था, जिसमें वह निवेशकों को कृत्रिम रूप से भारी रकम लौटाने का वादा करता था।

करीब 40 हजार लोगों ने उसकी कंपनी में 16 करोड़ डॉलर से ज्यादा का निवेश किया था।

अदालत ने पाया कि वह अवैध उधार और धोखाधड़ी के 2653 मामलों में शामिल था। उसके अपराध को कबूलने के आधार पर अदालत ने उसकी सजा आधी कर 6,637 साल और छह महीने की कर दी।

अभियोजक ने अदालत को बताया कि पुदित सम्मेलनों का आयोजन करता था, जहां निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाता था। वह सम्मेलनों में आए लोगों से संपत्ति के विकास, सुंदरता, कारों और निर्यात से जुड़े कारोबार व अन्य चीजों में निवेश के लिए कहता था।

बैंकॉक पोस्ट डेली के मुताबिक, निवेशकों से अतुलनीय लाभ का वादा किया जाता था, साथ ही उन्हें दूसरे लोगों को जोड़ने के लिए प्रोत्साहन राशि भी देने का वादा किया जाता था।

बीबीसी की खबर के मुताबिक, पुदित को अगस्त में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद जमानत याचिका खारिज होने के बाद से वह बैंकॉक रिमांड जेल में कैद है।

अदालत ने उसकी दोनों कंपनियों में प्रत्येक पर 20 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया है। साथ ही पुदित और उसकी कंपनियों को 2,653 लोगों का करीब 1.70 करोड़ रुपये सालाना साढ़े सात फीसदी की ब्याज दर के साथ चुकाने को कहा है।

आपको बता दें 2015 में, थाई आबादी की औसत आयु 37.8 वर्ष थी।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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