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अडानी मामला: अब आगे क्या होगा? ग्रैंड जूरी क्या करेगा

Adani Case: अमेरिकी निवेशकों की कीमत पर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के जरिये सोलर एनर्जी सप्लाई का ठेका हासिल करने की साजिश रचने को लेकर गौतम अडानी और उनके सहयोगियों पर अमेरिकी कानूनी प्रणाली आगे क्या करेगी, जानते हैं इसके बारे में।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 21 Nov 2024 8:48 PM IST
What will happen next? What the Grand Jury Will Do in Adani Case
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अब आगे क्या होगा? ग्रैंड जूरी क्या करेगा: Photo- Social Media

Adani Case: अमेरिका में डिप्टी असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल लिसा एच मिलर ने गौतम अडानी और उनके सहयोगियों पर भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने और अमेरिकी निवेशकों की कीमत पर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के जरिये सोलर एनर्जी सप्लाई का ठेका हासिल करने की साजिश रचने का अभियोग (indictment) लगाया है। अमेरिकी कानूनी प्रणाली में अभियोग क्या है और आगे क्या होने की संभावना है? जानते हैं इसके बारे में।

  • अमेरिकी कानून में "अभियोग" एक औपचारिक लिखित आरोप होता है जो किसी अपराध के लिए आरोपित पक्ष के विरुद्ध नियत प्रक्रिया के बाद जारी किया जाता है।
  • किसी कथित अपराध की जांच करने के बाद, पुलिस साक्ष्य को एक सरकारी अभियोजक को सौंपती है। अगर अभियोजक को लगता है कि कोई गंभीर अपराध किया गया है, तो वह एक "ग्रैंड जूरी" के चयन की पहल कर सकता है।
  • ग्रैंड जूरी एक पैनल होता है, जिसमें संबंधित न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में रहने वाले नागरिक शामिल किए जाते हैं। ये नागरिक समाज के हर वर्ग से रैंडम आधार पर चुने जाते हैं। इसमें न्यूयॉर्क राज्य के 23 लोग शामिल हो सकते हैं, जिसमें साक्ष्य सुनने के लिए कम से कम 16 जूरी सदस्यों का मौजूद होना ज़रूरी है।
  • न्यूयॉर्क राज्य में, किसी व्यक्ति पर तब तक मुकदमा नहीं चलाया जा सकता जब तक कि उस व्यक्ति पर ग्रैंड जूरी द्वारा अभियोग न लगाया गया हो। इसी राज्य में अडानी का मामला है।
  • ग्रैंड जूरी का उद्देश्य किसी आरोपी व्यक्ति की बेगुनाही या अपराध का निर्धारण करना नहीं होता है। ये काम ट्रायल जूरी करता है। ग्रैंड जूरी को यह तय करना होता है कि रिकॉर्ड पर मौजूद सबूत मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त हैं या नहीं।
  • अगर ग्रैंड जूरी को सबूत पर्याप्त लगते हैं, तो वह अभियुक्त के खिलाफ औपचारिक आरोपों की सूची के साथ एक "अभियोग" जारी करती है। फिर मामले को अंतिम सुनवाई और निर्णय के लिए ट्रायल में ले जाया जाता है।
  • ग्रैंड जूरी की कार्यवाही भी गुप्त रूप से आयोजित की जाती है, जबकि ट्रायल कार्यवाही जनता के लिए खुली होती है। अभियोग देने के लिए, ग्रैंड जूरी सदस्यों के बीच सर्वसम्मति की आवश्यकता नहीं होती है। न्यूयॉर्क राज्य में कम से कम 12 जूरी सदस्यों को अभियोग जारी करने के लिए सहमत होना चाहिए।

अब क्या होगा?

अडानी के मामले में, अभियोग के बाद, मुकदमा संभवतः "अभियोजन" चरण में चला जाएगा। न्यायाधीश आरोपों के बारे में बताएंगे और तय करेंगे कि आरोपी व्यक्तियों को जमानत दी जाए या नहीं। इसी स्टेज पर आरोपी तय करेंगे कि वे आरोपों के जवाब में अपने को दोषी मानते हैं या निर्दोष। यदि वे दोषी नहीं होने का अनुरोध करते हैं, तो मामला जूरी ट्रायल के लिए आगे बढ़ेगा।



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Shashi kant gautam

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