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German New President: दूसरी बार जर्मनी के राष्ट्रपति चुने गए श्टाइनमायर
German New President: फ्रांक-वॉल्टर श्टाइनमायर को दूसरी बार जर्मनी का राष्ट्रपति चुना गया है। उन्होंने बर्लिन में हुई फेडरल कन्वेंशन में 77 फीसदी समर्थन से चुनाव जीता। पांच साल का दूसरा कार्यकाल स्वीकार करते हुए श्टाइनमायर ने कहा कि वह लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने वालों के साथ हैं।
German New President: फ्रांक-वॉल्टर श्टाइनमायर (frank walter steinmeier) को दूसरी बार जर्मनी का राष्ट्रपति चुना गया है। उन्होंने बर्लिन में हुई फेडरल कन्वेंशन में 77 फीसदी समर्थन से चुनाव जीता। फेडरल कन्वेंशन (federal convention) में जर्मन संसद के निचले सदन के सदस्य और उतनी ही संख्या में देश के सभी 16 राज्यों के प्रतिनिधि होते हैं। पांच साल का दूसरा कार्यकाल स्वीकार करते हुए श्टाइनमायर (frank walter steinmeier) ने कहा कि वह लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने वालों के साथ हैं। साथ ही उन्होंने रूस के यूक्रेन पर आक्रमण की सूरत में युद्ध की चेतावनी भी दी।
66 वर्षीय फ्रांक श्टाइनमायर (frank walter steinmeier) सोशल डेमोक्रैट हैं जो पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल (Former Chancellor Angela Merkel) के मंत्रीमंडल में दो बार विदेश मंत्री रहे। उससे पहले वह पूर्व चांसलर गेरहार्ड श्रोएडर (Former Chancellor Gerhard Schroeder) के चीफ ऑफ स्टाफ भी रहे थे। जर्मनी की जनता के बीच वह खासे लोकप्रिय हैं। हाल ही में एक सर्वेक्षण में 85 प्रतिशत लोगों ने माना कि वह अच्छा काम कर रहे हैं। श्टाइनमायर को सत्तारूढ़ गठबंधन के साथ-साथ विपक्षी दलों का समर्थन भी हासिल है।
राष्ट्रपति पद के मैदान में थे कुल चार उम्मीदवार
राष्ट्रपति पद के लिए कुल चार उम्मीदवार मैदान में थे। 65 वर्षीय वामपंथी नेता गेरहार्ड ट्राबेअर्ट ने विपक्षी लेफ्ट पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ा जबकि 41 वर्षीय भौतिक विज्ञानी स्टेफानी गेबाउर को फ्री वोटर्स नाम के एक राजनीतिक संगठन ने नामांकित किया था।
तीसरे उम्मीदवार 57 वर्षीय माक्स ओटे थे जो दक्षिणपंथी अर्थशास्त्री हैं और अति-दक्षिणपंथी दल ऑल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) के उम्मीदवार थे। उनके चुनाव में उतरने को लेकर जर्मनी में खासा विवाद हुआ था क्योंकि ओटे एएफडी के सदस्य नहीं हैं और मुख्य राजनीतिक पार्टी क्रिश्चन डेमोक्रैट्स (सीडीयू) से जुड़े हैं। सीडीयू के सदस्यों ने उनकी सदस्यता रद्द करने की बात कही है।
भारत की तरह जर्मनी में भी राष्ट्रपति पद प्रतीकात्मक
भारत की तरह जर्मनी में भी राष्ट्रपति पद प्रतीकात्मक होता है। वह रोजमर्रा की राजनीतिक गतिविधियों से इतर नैतिक जिम्मेदारियां निभाता है। उसका काम बिलों पर हस्ताक्षर करना और देश-विदेश में होने वाले समारोहों में देश का प्रतिनिधित्व करना होता है। अपने पहले कार्यकाल में श्टाइनमायर (frank walter steinmeier) ने देश-विदेश में उदारवादी लोकतंत्र का समर्थन और प्रचार किया। उन्होंने विरोधी पक्षों को कई संवेदनशील मुद्दों पर बातचीत करने को प्रोत्साहित किया जिनमें कोरोनावायरस वैक्सीन भी शामिल है। भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार (PM Narendra Modi Government) बनने के बाद 2014 में श्टाइनमायर (frank walter steinmeier) भारत जाने वाले पहले नेताओं में शामिल थे।
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