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रिटायर हो गईं जर्मन चांसलर एंजेला मैर्केल, 16 बरस का रहा कार्यकाल
इस दशक में पहली बार 67 वर्षीय एंजेला मैर्केल प्रत्याशी के रूप में चुनाव में खड़ी नहीं थीं। मैर्केल 26 सितंबर की शाम चांसलर के अपने कर्तव्यों से मुक्त हो गयी हैं
बर्लिन। जर्मनी की पहली महिला चांसलर ने एंजेला मैर्केल राजनीति की दुनिया के मंझे हुए पुरुष प्रतिद्वन्द्वियों से जमकर मुकाबला किया। 2005 में जब मैर्केल जर्मनी की पहली महिला चांसलर बनी थीं। तो उन्होंने पूछा था, किसने सोचा था कि देश का सबसे बड़ा पद इस साल एक महिला को मिलेगा? अब 16 साल बाद, पूरी एक पीढ़ी है जो उनके अलावा किसी और को चांसलर के तौर पर जानती ही नहीं है।
पूर्वी जर्मनी में पली बढ़ीं मैर्केल एक शिक्षक मां और प्रोटेस्टेंट पादरी की बेटी हैं। उन्होंने फिजिक्स में पीएचडी की है। दो बार नोबेल पुरस्कार जीतने वालीं एकमात्र महिला मैरी क्यूरी उनकी आदर्श हैं। जर्मन मतदाताओं ने 26 सितंबर को नई संसद बुंडेस्टाग का चुनाव कर लिया है।
इस दशक में पहली बार 67 वर्षीय एंजेला मैर्केल प्रत्याशी के रूप में चुनाव में खड़ी नहीं थीं। मैर्केल 26 सितंबर की शाम चांसलर के अपने कर्तव्यों से मुक्त हो गयी हैं। लेकिन नई सरकार के बनने तक उन्हें कार्यवाहक चांसलर की भूमिका निभानी होगी।
एंजेला को उनकी उदार शरणार्थी नीतियों के लिए याद किया जाएगा
एंजेला को उनकी उदार शरणार्थी नीतियों के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने सीरिया और अन्य देशों के लोगों के लिए अपने देश के दरवाजे खोल दिए थे। नतीजतन, पूरे यूरोप को भीषण शरणार्थी संकट का सामना करना पड़ा था। अपने सामने हर देश और उसके साथ बदलते रिश्तों को कुछ ही राष्ट्रप्रमुख लंबे समय तक देख पाते हैं। मैर्केल के 16 साल के कार्यकाल के दौरान भारत, अमेरिका, रूस और चीन समेत कई देशों में निर्णायक सत्ता परिवर्तन हुए।
जुलाई महीने में वाशिंगटन डीसी की यात्रा के दौरान एंजेला मैर्केल से पूछा गया था कि रिटायरमेंट के बारे में उनका क्या ख्याल है, वे इसे कैसे देख रहीं हैं तो उन्होंने कहा कि सबसे पहले वह एक ब्रेक लेना चाहती हैं और किसी भी आमंत्रण को स्वीकार नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि उन्हें यह अहसास होगा कि उनके पिछले काम अब किसी और के द्वारा पूरे किए जाएंगे। हाल में डाक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त करने वाली चांसलर ने कहा, इसके बाद मैं कुछ पढ़ने की कोशिश करूंगी।
पेंशन, एक बॉडीगार्ड और ड्राईवर
एंजेला मैर्केल इस साल 17 जुलाई को 67 साल की हो गईं हैं। चांसलर नहीं रहने के बाद भी उन्हें किसी तरह की आर्थिक चिंता करने की जरूरत नहीं है। चांसलर के तौर पर वह हर महीने 25000 यूरो की तनख्वाह पाती हैं। इसके अलावा संसद सदस्य के रूप में उन्हें 10000 यूरो मिलता है, जिसकी 30 वर्षों से अधिक समय से वे सदस्य हैं। मैर्केल जब भी अपना काम बंद करेंगी, उसके अगले तीन माह तक उन्हें पूरा वेतन मिलेगा। उसके बाद अधिकतम 21 महीने तक उन्हें ट्रांजिशनल भत्ते के तौर पर आधा वेतन मिलता रहेगा।
उनके पेंशन की पात्रता चांसलर, उससे पहले केंद्र सरकार के मंत्री तथा बुंडेस्टाग के सदस्य के रूप बिताए गए सालों के आधार पर तय की जाएगी। नतीजतन, मैर्केल को इस तरह पेंशन के तौर पर प्रतिमाह लगभग 15000 यूरो मिल सकता है। इसके अतिरिक्त उन्हें उनके शेष जीवन के लिए एक अंगरक्षक और ड्राइवर के साथ एक कार भी मिलेगी। इसके साथ ही बर्लिन में बुंडेस्टाग परिसर में दो सलाहकार एवं एक सचिव के साथ एक दफ्तर की भी वे हकदार होंगी।
कानून के तहत पूर्व अधिकारियों की यह प्रतिबद्धता होती है कि वे गोपनीयता बनाए रखें। भले ही उन्हें खुलकर बोलने की इजाजत नहीं हो, फिर भी अपने व्यापक राजनीतिक संबंधों की वजह से वे व्यावसायिक दुनिया में सलाहकार के रूप में लोकप्रिय बने रहते हैं।
एंजेला मैर्केल के कुछ पूर्ववर्ती वाणिज्य के क्षेत्र में चले गए। 1982 में चांसलर का पद छोड़ने के बाद हेल्मुट श्मिट एक साप्ताहिक समाचार पत्र के सह प्रकाशक बन गए। वे एक लोकप्रिय वक्ता भी थे। पूर्व चांसलर हेल्मुट कोल ने राजनीतिक तथा रणनीतिक कंसलटेंसी के लिए एक कंपनी बनाई थी तथा एक पैरवीकार व सलाहकार के रूप काफी धन कमाया।
एंजेला मैर्केल अभी बर्लिन में ही रहेंगी। उनके पति व क्वांटम केमिस्ट योआखिम जॉवर अभी अपना काम बंद करने की नहीं सोच रहे हैं। यद्यपि वे बर्लिन के हुम्बोल्ट विश्वविद्यालय में एक रिटायर्ड प्रोफेसर हैं। 72 वर्षीय जॉवर ने एक वरिष्ठ शोधकर्ता के रूप में अपना अनुबंध कम से कम अगले साल तक के लिए बढ़ा दिया है।