TRENDING TAGS :
जर्मनी ने पाकिस्तान को दिया जोर का झटका, पूरा मामला जानकर चौंक जाएंगे
पाकिस्तान को जर्मनी ने तगड़ा झटका दिया है। मामला पनडुब्बियों को और ज्यादा ताकतवर बनाने के लिए एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्सन (एआईपी) सिस्टम देने से जुड़ा हुआ है।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान को जर्मनी ने तगड़ा झटका दिया है। मामला पनडुब्बियों को और ज्यादा ताकतवर बनाने के लिए एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्सन (एआईपी) सिस्टम देने से जुड़ा हुआ है।
दरअसल पाकिस्तान ने जर्मनी से अपनी पनडुब्बियों को और ज्यादा ताकतवर बनाने के लिए एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्सन (एआईपी) सिस्टम देने का अनुरोध किया था लेकिन जर्मनी ने उसकी मांग को ठुकरा दिया है।
ये निर्णय जर्मनी की चांसलर एजेंला मार्केल की अध्यक्षता वाले सिक्योरिटी पैनल ने लिया है। बता दें कि अगर पाकिस्तान को एआईपी सिस्टम मिल गया होता तो इसकी पनडुब्बियों की क्षमता बढ़ जाती और डीजल इंजन बिना वातावरण की हवा के एक सप्ताह या उससे ज्यादा वक्त के लिए चल सकते थे। लेकिन जर्मनी ने उसकी मदद करने से साफ़ मना कर दिया।
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की फाइल फोटो
यह भी पढ़ें…यूपी में खूनी वारदात: आपसी रंजिश में दुश्मन बने सगे भाई, हत्या को दिया अंजाम
जर्मनी क्यों है पाकिस्तान से खफा
मामले पर नजर बनाए हुए लोगों का कहना है कि जर्मनी ने पाकिस्तान के खिलाफ इसलिए कड़ा रुख अपनाया है क्योंकि आतंकवाद को लेकर उसकी भूमिका हमेशा से संदिग्ध रही है। मई 2017 में काबुल में जर्मनी दूतावास के नजदीक हुए ट्रक बम हमले के दोषियों की पहचान करने में भी पाकिस्तान सरकार नाकाम रही थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जर्मनी की सिक्योरिटी काउंसिल ने अपने फैसले के बारे में पाकिस्तानी दूतावास को 6 अगस्त को ही बता दिया है। पाकिस्तान ने जर्मनी से एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्सन सिस्टम (एआईपी) मांगा था जिससे वह अपनी पनडुब्बियों को रिचार्ज कर सके और अधिक वक्त तक पानी के अंदर रह सके। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया।
मालूम हो कि पाकिस्तान अपनी पनडुब्बियों को अपग्रेड करने का भी काम कर रहा है। चीन-पाकिस्तान की परियोजना के तहत चीन में युआन क्लास की पनडुब्बियां भी बनाई जा रही हैं।
यह भी पढ़ें…BHU की बड़ी लापरवाही: कोरोना पीड़ित ने चौथी मंजिल से कूदकर दी जान, मचा बवाल
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की फाइल फोटो
पाकिस्तान की पनडुब्बियों की क्षमता बुरी तरह से प्रभावित होगी
जानकारों की मानें तो पारंपरिक पनडुब्बियों को हर दूसरे दिन सतह पर आना पड़ता है ताकि उनके डीजल इंजन को हवा मिल सके लेकिन इससे पनडुब्बियों के नजर में आने का खतरा बढ़ जाता है। एक भारतीय अधिकारी ने ने बताया कि जर्मनी के पाकिस्तान की सरकार को तकनीकी मदद करने से इनकार की वजह से उसकी पनडुब्बियों की क्षमता बुरी तरह प्रभावित होगी।
दूसरी तरफ, भारत का रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन स्वदेशी रूप से नेवी की पनडुब्बियों के लिए इस सिस्टम का विकास कर रहा है। पिछले साल डीआरडीओ ने जमीन आधारित प्रोटोटाइप का सफलतापूर्वक परीक्षण भी किया था। भारत ने ऐलान किया था कि इससे डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियां और घातक तरीके से वार करने में सक्षम हो जाएंगी।
यह भी पढ़ें…चीन को भारत ने दिया सख्त संदेश, पूर्वी लद्दाख में पीछे नहीं हटेगी सेना
देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।