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रोहिंग्या शरणार्थियों को शिविरों में नहीं, उनके घर भेजा जाना चाहिए : अन्नान
संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से बांग्लादेश में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों की राखिने राज्य में पूरे सम्मान और सुरक्षा के साथ वापसी के लिए म्यांमार सरकार पर दबाव बनाने का आग्रह किया है।
कोफी ने शुक्रवार को सुरक्षा परिषद को संबोधित करने के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि म्यांमार लौटने वाले शरणार्थियों को शिविरों में नहीं भेजा जाना चाहिए, बल्कि उन्हें उनके घर भेजा जाना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि वह परिषद से एक प्रस्ताव चाहते हैं, जो सरकार को आगे बढ़ने और ऐसा माहौल बनाने की अपील कर सके, जिसमें रोहिंग्या शरणार्थी सम्मान व सुरक्षा के साथ अपने घर लौट सकें।
फ्रांस और ब्रिटेन, म्यांमार सरकार के खिलाफ मजबूत कार्रवाई चाहते हैं, लेकिन वे चीन और रूस के विरोध के कारण संयुक्त राष्ट्र में कोई प्रस्ताव नहीं पारित करा पा रहे हैं, क्योंकि उनके पास वीटो शक्तियां हैं।
म्यांमार सेना की कार्रवाई से डरकर रोहिंग्या समुदाय के हजारों लोग राखिने से पलायन कर बांग्लादेश, भारत और कई अन्य देशों में पहुंच गए हैं।
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कोफी ने कहा कि इन हमलों को रोक दिया गया है, लेकिन शरणार्थी अभी भी भयभीत हैं, जिसके कारण वे वापस अपने घर लौटने से हिचक रहे हैं।
कोफी के अनुसार, "हमें मूल कारणों से निपटना होगा।"
उन्होंने कहा कि रोहिंग्या के अधिकारों के लिए लंबे समय से चल रही समस्या को सुलझाने के लिए उन्होंने केवल एक ही योजना बनाई थी और उनके पास कोई और योजना नहीं है।
कोफी ने यह भी कहा कि म्यांमार 50 दशकों से ज्यादा अवधि के सैन्य शासन के बाद परिवर्तन की स्थिति से गुजर रहा है, जिससे वहां स्थिति और जटिल हो गई है।
कोफी ने बताया, "अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अब सेना पर दबाव डालना शुरू कर रहा है।"