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Google ने महिलाओं के साथ किया भेदभाव, पुरुषों से कई गुना कम दिया वेतन
Google: महिलाओं द्वारा गूगल पर दर्ज किए गए मुकदमे को क्लास एक्शन का दर्जा (Class-Action Status) दिया गया है।
Google: महिलाएं अब किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। चाहे अंतरिक्ष पर जाना हो या पायलट या फिर कोई ही जॉब क्यों न हो महिलाओं ने हर जगह अपना परचम बुलंद किया है। लेकिन आज भी दुनियाभर में ऐसे लोग हैं जो औरतों को पुरुषों से कम आंकते हैं। ऐसा ही एक वाक्या सामने आया है, गूगल (Google) को लेकर।
दरअसल, गूगल पुरुषों के मुकाबले अपनी महिला कर्मचारियों को कम वेतन देती है, यह आरोप लगाते हुए अमेरिका के कैलिफोर्निया में एक मुकदमा साल 2017 में दायर किया गया है। गूगल की चार पूर्व महिला कर्मचारियों द्वारा दायर किए गए मुकदमे में अब क्लास एक्शन केस यानी सामूहिक कार्रवाई के मुकदमे के तहत कंपनी की करीब 10 हजार 800 महिलाओं का प्रतिनिधित्व किया जा रहा है। इस मामले में सुनवाई अगले साल शुरू हो सकती है।
गूगल ने किया समान वेतन अधिनियम का उल्लंघन
आपको बता दें कि कैलिफोर्निया में समान वेतन अधिनियम (Equal Pay Act) लागू है, जिसमें महिला और पुरुष को समान काम के लिए समान वेतन देने की बात कही गई है और अगर ऐसा वेतन में किसी तरह का भेदभाव किया जाता है तो फिर इस एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
गौरतलब है कि साल 2017 में गूगल की कई महिला कर्मचारियों ने मुकदमा दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि Google ने समान काम करने के लिए पुरुषों की तुलना में महिलाओं को कम भुगतान करके कैलिफोर्निया समान वेतन अधिनियम (Equal Pay Act) का उल्लंघन किया है। अब वेतन समता को लेकर महिलाओं द्वारा कंपनी के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमे को क्लास एक्शन का दर्जा (Class-Action Status) दिया गया है। क्लास एक्शन स्टेटस (Class-Action Status) का मतलब है कि महिलाएं Individuals के बजाय एक वर्ग के रूप में मुकदमा कर सकती हैं।
अमेरिकी श्रम विभाग ने भी दर्ज किया है मुकदमा
आपको बता दें कि ऐसे आरोप पहली बार नहीं लगाए गए हैं, बल्कि साल 2017 में अमेरिकी श्रम विभाग ने भी गूगल पर मुकदमा दर्ज किया था। इसमें मुकदमे में गूगल पर वेतन डाटा छिपाने का आरोप था। इस मामले में तीन महीने बाद फैसला आया कि गूगल ने महिला कर्मचारियों को कम वेतन की व्यवस्था बना रखी है। गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत में भी गूगल द्वारा अपने कर्मियों और नौकरी के लिए आवेदन करने वालों को 25 लाख डॉलर चुकाने पर सहमति जताई। यह मुआवजा सैलरी और जॉब पर रखे जाने की प्रक्रिया में भेदभाव के लिए था।
केवल गूगल पर ही नहीं बल्कि अमेरिका में अमेजन पर भी ऐसे आरोप लगे हैं। यूएस में पांच महिला कर्मियों ने अमेजन के खिलाफ भी सैलरी और शोषण का मुकदमा किया है। यही नहीं एक ने तो नस्लीय भेदभाव के भी आरोप लगाए। हालांकि अमेजन की ओर से साफ कह दिया गया कि इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं।
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