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गूगल डूडलः आज वैज्ञानिक उडुपी रामचंद्र राव का जन्मदिन, जाने कौन हैं सैटेलाइट मैन

अगर आप गूगल पर कुछ भी सर्च कर रहे हैं तो इस दरमियान आपको एक गूगल डूडल दिख रहा होगा। दरअसल यह डूडल भारतीय सुप्रसिद्ध प्रोफेसर और वैज्ञानिक उडुपी रामचंद्र राव को समर्पित है। तो चलिए आज जानते हैं कि...

Shweta Pandey
Published on: 10 March 2021 7:06 AM GMT
गूगल डूडलः आज वैज्ञानिक उडुपी रामचंद्र राव का जन्मदिन, जाने कौन हैं सैटेलाइट मैन
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वैज्ञानिक उडुपी रामचंद्र राव

नई दिल्लीः अगर आप गूगल पर कुछ भी सर्च कर रहे हैं तो इस दरमियान आपको एक गूगल डूडल दिख रहा होगा। दरअसल यह डूडल भारतीय सुप्रसिद्ध प्रोफेसर और वैज्ञानिक उडुपी रामचंद्र राव को समर्पित है। तो चलिए आज जानते हैं कि आज ऐसा क्या खास है।

भारतीय प्रसिद्ध प्रोफेसर और वैज्ञानिक उडुपी रामचंद्र राव काः

गूगल आज भारतीय प्रसिद्ध प्रोफेसर और वैज्ञानिक उडुपी रामचंद्र राव का 89वां हैप्पी बर्थडे मना रहा है। उडुपी रामचंद्र राव ने भारत के सैटेलाइट प्रोग्राम को एक नई दिशा दी हैं। यही कारण है कि डॉ उडुपी रामचंद्र को सैटेलाइट मैन ऑफ इंडिया के नाम से विश्व में जाना जाता है। बता दें कि भारत के सैटेलाइट मैन उडुपी रामचंद्र ने अंतिम सांस 28 जुलाई 2017 में ली।

वैज्ञानिक उडुपी रामचंद्र राव

गूगल डूडल का जन्म स्थानः

आप को बता दें कि गूगल आज प्रसिद्ध वैज्ञानिक उडुपी रामचंद्र राव का जन्मदिन मना रहा हैं ‘उडुपी रामचंद्र राव का जन्म कर्नाटक के एक गांव में साल 1932 में हुआ। उडुपी रामचंद्र ने अपने करियर की शुरुआत कॉस्मिक-रे फिजिस्ट के रूप में की। वहीं उडुपी रामचंद्र राव ने डॉ विक्रम साराभाई के साथ असिस्‍टेंट के रूप में शुरू किया। डॉक्टरेट पूरी करने के बाद प्रो. राव अमेरिका चले गए। जहां राव ने प्रोफेसर के रूप में काम किया।’

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आज गूगल ने राव का स्केच बनाकर बर्थडे सेलिब्रेट कियाः

इस विशेष अवसर आप गूगल ने वैज्ञानिक रामचंद्र राव का एक स्केच तैयार किया है। इस स्केच के बैकग्राउंड में पृथ्वी और तारे नजर आ रहे हैं। बता दें कि प्रोफेसर राव के नेतृत्व में भारत साल 1975 में अपने पहले उपग्रह 'आर्यभट्ट' का अंतरिक्ष में सफल प्रक्षेपण किया था।

आखिर राव कब लौटे थे भारतः

बता दें कि प्रसिद्ध प्रोफेसर और वैज्ञानिक उडुपी रामचंद्र राव अमेरिका से साल 1966 में हिंदुस्तान आएं। राव इसरो उपग्रह केंद्र के पहले निदेशक रहे। साल 1972 में उन्होंने भारत में उपग्रह प्रौद्योगिकी की स्थापना की। साल 1984 से 1994 तक राव ने भारतीय स्पेस प्रोग्राम के अलग-अलग प्रोजेक्ट पर काम किया। राव ने पोलर सैटलाइट लॉन्च वीइकल जैसी रॉकेट टेक्नोलॉजी अविष्कार की।जिसकी सहायता से 250 से ज्यादा सैटेलाइट्स को लॉन्च किया गया।

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बताते चले कि राव पहले ऐसे भारतीय हैं, जिन्हें साल 2013 में सैटेलाइट हाल ऑफ द फेम सम्मान मिला। इसके बाद राव को साल 2016 में आईएएफ हाल ऑफ फेम से भी सम्मानित किया गया। भारत सरकार ने प्रोफेसर राव को साल 2017 मं पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।

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