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Google ने अपने एम्प्लाइज को खिलाया Android Burger

सोशल मीडिया में एंड्रॉयड और एप्पल के बर्गर इमोजी में चीज की जगह को लेकर छिड़ी बहस को विराम देने के लिए गूगल ने अपने कर्मचारियों को ‘एंड्रॉयड बर्गर’ खिलाया।

tiwarishalini
Published on: 5 Nov 2017 5:25 AM IST
Google ने अपने एम्प्लाइज को खिलाया Android Burger
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Google ने अपने एम्प्लाइज को खिलाया Android Burger

सेन फ्रांसिस्को : सोशल मीडिया में एंड्रॉयड और एप्पल के बर्गर इमोजी में चीज की जगह को लेकर छिड़ी बहस को विराम देने के लिए गूगल ने अपने कर्मचारियों को ‘एंड्रॉयड बर्गर’ खिलाया।

इस बहस में खुद गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई भी शामिल हो गए थे। गूगल ने शुक्रवार को अपने सिएटल ऑफिस में लंच के दौरान ‘एंड्रॉयड बर्गर’ परोसा ताकि साबित किया जा सके कि उसके इमोजी में ही चीज उचित जगह पर है।



इस बर्गर में चीज का टुकड़ा नीचे वाले बन के ऊपर और मीट के टुकड़े के नीचे रखा गया था जैसा कि ‘एंड्रॉयड बर्गर इमोजी’ में दिखाई देता है।

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गौरतलब है कि हाल में मीडिया विश्लेषक और लेखक थॉमस बेकडाल के एक ट्वीट के बाद बर्गर इमोजी को लेकर सोशल मीडिया में बहस छिड़ गई थी।



उन्होंने ट्वीट किया था, मुङो लगता है कि इस बात पर चर्चा होनी चाहिए कि गूगल के बर्गर इमोजी में चीज का टुकड़ा नीचे और एप्पल में ऊपर क्यों होता है?

अगली स्लाइड में पढ़ें गूगल अमेरिका में दिखा सकता है सर्च नतीजे

गूगल अमेरिका में दिखा सकता है सर्च नतीजे

सैन फ्रांसिस्को : अमेरिका के एक न्यायाधीश ने कनाडा के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए हाल में एक फैसले को आंशिक रूप से पलट दिया है, जिसमें गूगल को अपने सर्च नतीजों को न सिर्फ कनाडा में डीलिट करने का आदेश दिया गया था, बल्कि हर देश से डीलिट करने को कहा गया था।

फॉर्चून की शुक्रवार देर रात प्रकाशित खबर के मुताबिक, "कनाडा के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को अमेरिकी कानूनों का उल्लंघन करार देते हुए तथा अभिव्यक्ति के लिए खतरा बताते अमेरिका के जिला न्यायाधीश एडवर्ड डाविला ने गूगल को एक अस्थायी निषेधाज्ञा जारी की है कि वह अमेरिका में अपने सर्च नतीजों को दिखा सकता है।"

न्यायाधीश ने कहा कि गूगल को स्पष्ट रूप से धारा 230 के तहत संरक्षण की योग्यता है और इसे खोज परिणामों (जो कि अन्य वेबसाइटों के आधार पर स्वचालित रूप से उत्पन्न होते हैं) के लिए उत्तरदायी बनाना कंपनी के साथ एक प्रकाशक के रूप में गलत सलूक होगा।

धारा 230 यह सुनिश्चित करता है कि ऑनलाइन प्लेटफार्मो को उसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, जो उसके यूजर पोस्ट करते हैं।

निष्कर्षो के आधार पर डाविला ने कहा कि उन्हें पहला संशोधन के सवाल पर फैसला करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उन्होंने यह ध्यान दिया है कि कनाडा के फैसले में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के निहितार्थ भी हैं।

फॉर्चून ने इस फैसले के हवाले से कहा, "मध्यस्थों को तृतीय-पक्ष सामग्री के लिंक हटाने के लिए मजबूर करके, कनाडा का आदेश धारा 230 के नीतिगत लक्ष्यों को कम करता है तथा वैश्विक इंटरनेट पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए खतरा है।" अब, अगर गूगल अपने सर्च नतीजों को अमेरिका में दुबारा दिखाता है तो यह कनाडा के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ होगा।

वर्तमान में, गूगल को 300 से ज्यादा सर्च नतीजों को दबाने के आदेश दिए गए हैं। कनाडा की सर्वोच्च अदालत ने जून के अपने फैसले में 7-2 के अंतर से गूगल पर सर्च नतीजों को प्रकाशित करने पर रोक का फैसला सुनाया था।



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tiwarishalini

tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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