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भारत में इंतज़ार, अमेरिका में सभी एडल्ट्स को वैक्सीन
कोरोना की वैक्सीन युवाओं को देने की मांग उठ रही है। हालांकि भारत सरकार ने ऐसी संभावना से फिलहाल इनकार किया है। इस बीच अब अमेरिका ने हर व्यस्क को कोरोना की वैक्सीन
नई दिल्ली। कोरोना की वैक्सीन युवाओं को देने की मांग उठ रही है। हालांकि भारत सरकार ने ऐसी संभावना से फिलहाल इनकार किया है। इस बीच अब अमेरिका ने हर व्यस्क को कोरोना की वैक्सीन देने का ऐलान किया है। इस पहल को करने वाला अमेरिका पहला देश बन गया है। अमेरिका में अभी तक अमूमन 50 वर्ष से ऊपर के लोगों को वैक्सिनेशन अभियान में शामिल मिया गया है।
19 अप्रैल से कोरोना की वैक्सीनें
प्रेसिडेंट जो बिडेन ने कहा है कि अभी अमेरिकी नागरिक जो व्यस्क हैं, उनको 19 अप्रैल से कोरोना की वैक्सीनें मिलने लगेंगी। पहले प्रेसिडेंट बिडेन ने इसके लिए 1 मई के लक्ष्य रखा था लेकिन अब ये काम दो हफ्ते पहले से ही शुरू हो जाएगा।
इस वक्त देश के सभी राज्यों में टीकाकरण की प्रक्रिया जोरो पर चल रही है और 15 करोड़ खुराकें दी जा चुकीं हैं। बिडेन प्रशासन ने सीनियर सिटीजन्स का आह्वान किया है कि वे जल्दी से जल्दी वैक्सीन लगवा लें। क्योंकि 19 अप्रैल से भीड़ बढ़ जाएगी। अमेरिका में 65 वर्ष से ऊपर के 75 फीसदी लोगों को कम से कम एक डोज़ लग चुकी है।
वैक्सिनों पर पूरा भरोसा
कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए फिलहाल अमेरिका में तीन वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है। फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन कोरोना वायरस से लड़ने में काफी कारगर साबित हुई हैं। हालांकि इसके बावजूद अमेरिका में कई लोग ऐसे हैं जो मॉडर्ना और फाइजर को जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन से ज्यादा तरजीह दे रहे हैं।
दरअसल, मार्च के शुरुआती दौर में डेट्रॉयट शहर के मेयर माइक डुग्गेन ने जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन को रिजेक्ट करते हुए कहा था कि अमेरिका में मॉडर्ना और फाइजर वैक्सीन ज्यादा बेहतर हैं। इसके बाद से लोगों के मन में आशंका धर कर गई है। जब मेयर की काफी आलोचना हुई तो उन्होंने कहा कि उनको सभी वैक्सिनों पर पूरा भरोसा है।