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....और फिर बांग्लादेश में वापस आईं न्याय की देवी, कट्टरवादियों ने इन्हें भी नहीं छोड़ा

Rishi
Published on: 28 May 2017 2:27 PM GMT
....और फिर बांग्लादेश में वापस आईं न्याय की देवी, कट्टरवादियों ने इन्हें भी नहीं छोड़ा
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ढाका : बांग्लादेश में न्याय की देवी की प्रतिमा को सर्वोच्च न्यायालय से जुड़े भवन के सामने फिर से लगा दिया गया है। एक हाथ में तराजू और एक हाथ में तलवार धारण किए हुए महिला की यह प्रतिमा शुक्रवार को हटाई गई थी। इसे पहले वाली जगह से हटकर लगाया गया है। इस प्रतिमा को दिसंबर में यहां लगाया गया था, जिसका इस्लामी कट्टरवादियों ने विरोध किया था। उन्होंने कहा कि इसे बीते साल उस मैदान के सामने स्थापित किया गया जहां साल में दो खास इस्लामी पर्वो पर विशेष नमाज पढ़ी जाती है।

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प्रतिमा को फिर से लगाने का कार्य शनिवार को शाम 7.00 बजे शुरू हुआ। इसमें सात से आठ लोग लगे हुए थे। मूर्तिकार मृणाल हक ने कहा कि प्रतिमा अब जहां लगाई गई है, उसे वह सही नहीं मानते क्योंकि इस पर अब लोगों का मुश्किल से ध्यान पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि पहले वाली जगह प्रतिमा के लिए सबसे अच्छी जगह थी, लेकिन वह खुश हैं कि कम से कम प्रतिमा को एक जगह मिल गई।

उन्होंने कहा, "सर्वोच्च न्यायालय के अधिकारियों ने हमें शनिवार सुबह को प्रतिमा को दूसरी जगह स्थानांतरित करने के बारे में सूचित किया।"

हालांकि, महान्यायवादी महबूबे आलम ने कहा कि उन्हें स्थानांतरण के बारे में कुछ नहीं पता है और प्रधान न्यायाधीश को भी इसके बारे में सूचना नहीं दी गई।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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