अंग्रेजी कानून को तोड़ने वाला गुजराती नमक आज विश्वभर में कर रहा कमाल

गुजरात कई चीजों में कमाल कर रहा है। यहां के नमक ने वास्तव में यूरोप और अमेरिका के देशों को मुरीद बना लिया है। यहां तक चीन भी हमारे नमक का सबसे बड़ा खरीददार है।

Vidushi Mishra
Published on: 5 May 2019 8:46 AM GMT
अंग्रेजी कानून को तोड़ने वाला गुजराती नमक आज विश्वभर में कर रहा कमाल
X

गुजरात: गुजरात कई चीजों में कमाल कर रहा है। यहां के नमक ने वास्तव में यूरोप और अमेरिका के देशों को मुरीद बना लिया है। यहां तक चीन भी हमारे नमक का सबसे बड़ा खरीददार है।

इन दिनों गुजरात कई मामलों में देश का नाम रोशन कर रहा है, लेकिन क्या आप मानेंगे कि गुजरात के नमक को भी इन दिनों यूरोप, अमेरिका और चीन में हाथोंहाथ लिया जा रहा है। कहा जा सकता है कि यहां कच्छ का नमक पूरी दुनिया में कमाल कर रहा है।

यह भी देखें.....मेरे ऊपर अब तक 9 बार हमले, 33 केस दर्ज: अरविंद केजरीवाल

गुजरात देश का ऐसा राज्य है, जहां सबसे ज्यादा नमक का उत्पादन होता है। ज्यादातर नमक का उत्पादन कच्छ की खाड़ी और आसपास के इलाकों में होता है। पिछले तीन सालों में यहां के नमक को दुनियाभर में मान्यता मिल रही है।

1930 में गांधीजी ने जिस दांडी में पहुंच कर खुद नमक बनाकर अंग्रेजी कानून को तोड़ा था, वो गुजरात में ही है।

शायद आपको लग रहा होगा कि गुजरात के नमक में ऐसा क्या है, जो वो दुनिया में कमाल कर रहा है, तो हम ये भी बता देते हैं कि ये कमाल खाने का स्वाद बढ़ाने में नहीं, बल्कि किसी और काम में हो रहा है।

गुजरात का नमक बड़े पैमाने पर अमेरिका, यूरोप और एशिया के वह देश इस्तेमाल कर रहे हैं, जहां जमकर बर्फबारी होती है और सड़कों से इसे हटाना मुश्किल हो जाता है।

ऐसी जगहों पर पहले तो महंगे रसायन का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन अब उसका स्थान गुजरात के सस्ते नमक ने ले लिया है।

गौरतलब है कि जैसे ही बर्फ पर नमक छिड़का जाता है, ये तेजी से पिघलने लगती है। नमक सोडियम क्लोराइड का काम करता है। इससे पिघलने वाली बर्फ नमक से सड़क पर वाहनों के फिसलने का खतरा भी नहीं के बराबर होता है।

पहले तो गुजरात से हल्की क्वालिटी का नमक भेजा जाता था, लेकिन अब इन देशों में यहां से वो नमक जा रहा है, जिसकी क्वालिटी बेहतर होती है।

यह भी देखें......घर बदलने करने की सोच रहे हैं, तो शिफ्ट होने से पहले कर लीजिए ये काम

इंडियन साल्ट मेन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन (आईएसएमए) का कहना है, कि गुजरात से पिछले तीन सालों में चीन के रास्ते यूरोप और अमेरिका जाने वाले नमक का एक्सपोर्ट दोगुने से कहीं ज्यादा बढ़ रहा है।

नमक को चीन के रास्ते इसलिए भेजा जाता है, क्योंकि इससे ये ज्यादा सस्ती पड़ती है। 2015-16 में गुजरात से चीन के लिए नमक का एक्सपोर्ट अगर 22.17 लाख टन था तो अब 2017-18 में ये बढ़कर 48 लाख टन हो चुका है।

गुजरात देश का प्रमुख नमक उत्पाद राज्य है। ये उत्पादन क्षेत्र 1600 किमी कोस्टल एरिया में फैला है। यहां बड़ी मात्रा में नमक और मरीन प्रोडक्टस का उत्पादन किया जाता है।

गुजरात नमक उत्पादन में पूरे देश का 76 फीसदी योगदान करता है।

गुजरात नमक निर्यात में पूरे देश में दूसरे स्थान पर है। देश में नमक निर्यात का 90 फीसदी गुजरात से ही होता है।

गुजरात के प्रमुख नमक उत्पादक क्षेत्र जामनगर, मिठापुर, झाकर, चीरा, भावनगर, राजुला, दहेज, गांधीधाम, कांडला, मालिया, लावणपुर हैं।

यह भी देखें......सॉफ्ट हिंदुत्व की राजनीति में उतरे वरुण गांधी, जानें चुनाव प्रचार में क्या कहा

सड़क पर गिरी हुई बर्फ बहुत खतरनाक होती है। ये सतह को एकदम चिकनी बना देती है, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए सड़क पर नमक और रेत का छिड़काव किया जाता है। नमक बर्फ को जल्द पिघलने में मदद करता है और रेत पहियों और रोड के बीच का घर्षण बढाने का काम करती है।

नमक बर्फ पर पड़ते ही उसके पिघलने के तापमान को गिरा देता है। ठंडे देशों में बर्फ के पिघलने की प्रक्रिया सीधी सीधी नहीं होती। बल्कि बर्फ धीरे-धीरे पिघलती है और बर्फ के पिघलने पर जो पानी बनता है तो भी अक्सर बर्फ बन जाता है। लेकिन नमक इसे सीधे पानी में तब्दील कर देता है।

Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

Next Story