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Twitter Mass Layoff: ट्विटर की छंटनी से एच -1 बी वीजा धारक सबसे अधिक प्रभावित, सता रहा निर्वासन का डर

Twitter Mass Layoff: दुनिया की जानी –मानी कंपनी के साथ काम करने को लेकर गौरवान्वित महसूस करने वाले कर्मचारी अब ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।

Krishna Chaudhary
Published on: 6 Nov 2022 2:16 PM IST
H-1B visa holders most affected by Twitter layoffs, haunting fear of deportation
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 ट्विटर की छंटनी से एच -1 बी वीजा धारक सबसे अधिक प्रभावित, सता रहा निर्वासन का डर: Photo- Social Media

Twitter Mass Layoff: ट्विटर के नए बॉस बने एलन मस्क (Elon Musk) के फैसलों ने सोशल मीडिय कंपनी के कर्मचारियों के जीवन पर कहर बरपा दिया है। कुछ समय पहले तक खुद को एक दुनिया की जानी –मानी कंपनी के साथ काम करने को लेकर गौरवान्वित महसूस करने वाले कर्मचारी अब ठका हुआ महसूस कर रहे हैं। कंपनी का मालिकाना हक क्या बदला, एक झटके में उनकी नौकरी चली गई। जिन लोग अपनी काबिलियत के बल यहां नौकरी पाई थी और यहां अपने भविष्य सुरक्षित महसूस कर रहे थे। अब नौकरियों के लिए इधर – उधर अपनी सीवी पटक रहे हैं।

मस्क का बड़े पैमाने पर ट्विटर में छंटनी करने के फैसले ने सबसे अधिक एच -1 बी वीजा धारकों को प्रभावित किया है। बड़ी संख्या में एशियाई देशों खासकर भारत और चीन से मध्यम वर्ग के युवा जानी – मानी संस्थाओं से इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद अमेरिका की ओर रूख करते हैं। स्वाभाविक तौर पर उन्हें यहां मिलने वाली मोटी सैलरी और बेहतरीन वर्क कल्चर अपनी ओर आकर्षित करती है। वहीं, टेक कंपनियां इनके टेलेंट और स्किल पर फिदा रहती हैं।

लेकिन ट्विटर के नए सीईओ ने एक झटके में सबकुछ बदल दिया। अमेरिका में रहकर ट्विटर के साथ करने वाले ऐसे कर्मचारियों की तादात अच्छी खासी है, जो एच -1 बी वीजा लेकर यहां पहुंचे हैं। उनका भविष्य अब अधर में लटक चुका है। उन्हें एक तय समय में यूएस में कोई दूसरी नौकरी ढूंढनी होगी अन्यथा उन्हें देश छोड़ना पड़ेगा। अमेरिकी कानून के मुताबिक, ये समय सीमा 60 दिनों की है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्विटर के 7500 कर्मचारियों में से करीब 670 कर्मचारी एच -1 बी वीजा होल्डर हैं। हालांकि, अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि कितने विदेशी नागरिकों को नौकरी से फायर किया गया।

सोशल मीडिया पर लोग बयां कर रहे दर्द

जब से ट्विटर ने कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है, सोशल मीडिया पर रिएक्शनों की बाढ़ आ गई है। ट्विटर के कुछ पूर्व कर्मचारी जो एच -1 बी वीजा धारक हैं, लगातार अपना दर्द बयां कर रहे हैं। इस सोशल मीडिया कंपनी में पूर्व में डाटा सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर काम करने वाले एक शख्स ने बताया कि जिन 50 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी की गई है, वो भी उनमें भी से एक है। उसके पास यूएस में कोई दूसरी नौकरी खोजने के लिए महज 60 दिनों का समय है, अन्यथा उसे डिपोर्ट कर दिया जाएगा।

क्या होता है एच -1 बी वीजा

एच -1 बी वीजा अमेरिका में इमीग्रेशन एंड नैशनलिटी एक्ट के तहत जारी किया जाता है। एच -1 बी वीजा के तहत अमेरिका में काम करने वाली कंपनियां अपने संस्थान में किसी विदेशी कामगार को नौकरी दे सकती है। यदि एच -1 बी वीजा रखने वाला शख्स अपनी नौकरी छोड़ देता है या उसे कंपनी द्वारा नौकरी से बाहर निकाल दिया जाता है तो उसे तुरंत अपने वीजा में बदलाव की अर्जी देनी होगी या किसी नई कंपनी को ढ़ूंढना होगा या फिर अमेरिका छोड़कर जाना होगा। इस वीजा के साथ यूएस में कोई भी शख्स अधिकतम छह साल तक रह सकता है, जिसे विशेष परिस्थितियों में आगे बढ़ाया जा सकता है। एच -1 बी वीजा केवल तीन साल के लिए जारी होता है, जिसे अगले तीन साल के लिए बढाया जा सकता है।

छंटनी पर ट्विटर के फाउंडर ने मांगी माफी

एलन मस्क ने अपने फैसलों से ट्विटर के कर्मचारियों और यूजर्स में कोहराम मचा दिया है। मस्क के छंटनी के फैसलों की तीखी आलोचना हो रही है। लोग सोशल मीडिया पर ट्विटर के फाउंडर और पूर्व सीईओ जैक डॉर्सी को भी खूब कोस रहे हैं। डॉर्सी ने कंपनी के उन कर्मचारियों से माफी मांगी है, जिन्हें मस्क निकाल चुके हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए लिखा, ट्विटर के साथ अतीत और वर्तमान में जुड़े लोग मजबूत हैं। वे अपनी नई राह खोज लेंगे चाहे समय कितना भी कठिन क्यों न हो ? मुझे एहसास है कि बहुत से लोग मुझसे नाराज हैं। हर कोई इस स्थिति में क्यों है, इसकी जिम्मेदारी मेरी है। मैंने कंपनी का आकार बहुत तेजी से बढाया। मैं इसके लिए माफी मांगता हूं।



बता दें कि ट्विटर में एलन मस्क के अंधाधुंध छंटनी के फैसले पर संयुक्त राष्ट्र ने भी चिंता प्रकट की है। मस्क के फैसले से भारत में काम करने वाले ट्विटर के करीब 50 प्रतिशत कर्मचारियों की नौकरी चली गई।



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Shashi kant gautam

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