TRENDING TAGS :
आखिरकार पाकिस्तान ने स्वीकार ही कर ली 'पीठ पीछे खंजर घोंपने' की बात?
Pakistan News: पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों की वजह से वैश्विक स्तर पर भी कई बार घिर चुका है। आखिरकार पाकिस्तान मंगलवार को स्वीकार ही कर लिया है कि उसने ही पीठ पीछे घोंपे हैं।
Pakistan News: पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों की वजह से वैश्विक स्तर पर भी कई बार घिर चुका है। आखिरकार पाकिस्तान मंगलवार को स्वीकार ही कर लिया है कि उसने ही पीठ पीछे घोंपे हैं। दरअसल, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मंगलवार को कहा कि इस्लामाबाद ने ही लाहौर समझौते को तोड़ा था और कारगिल युद्ध को छेड़ दिया था। उन्होंने स्वीकार किया कि ये उनकी सबसे बड़ी गलती थी।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मंगलवार को पाकिस्तान मुस्लिम लीग - एन की बैठक में कहा कि पाकिस्तान ने 28 मई, 1998 को पांच परमाणु परीक्षण किए थे। इसके बाद भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी यहां आए थे। इसके बाद लाहौर में एक शिखर सम्मेलन के बाद समझौता किया था। उन्होंने स्वीकार किया कि पाकिसतन ने ही एस समझौते का उल्लंघन किया था, जो उनकी सबसे बड़ी गलती थी।
अमेरिका ने की थी 5 अरब अमेरिकी डॉलर की पेशकश
उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने परमाणु परीक्षण करने से रोकने के लिए पाकिस्तान को 5 अरब अमेरिकी डॉलर की पेशकश की थी, लेकिन हमने इनकार कर दिया था। उन्होंने इमरान खान पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जैसा व्यक्ति उनकी सीट पर होता तो वह क्लिंटन की पेशकश स्वीकार कर लिया होता।
21 फरवरी, 1999 को समझौते पर हुआ था हस्ताक्षर
बता दें कि भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने और नवाज शरीफ ने लाहौर में एक ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन के बाद एक समझौते पर 21 फरवरी, 1999 को हस्ताक्षर किया था। उस समय दोनों देशों ने शांति और स्थिरता की बात की थी। इसके साथ ही भविष्य में मजबूत रिश्ते पर बल दिया था। हालांकि इसके कुछ दिनों बाद ही जम्मू कश्मीर के कारगिल जिले में पाकिस्तानियों ने घुसपैठ कर दी, जिससे कारगिल युद्ध हुआ था। उस समय जनरल परवेज मशर्रफ ने कारगिल युद्ध छेड़कर समझौत का उल्लंघन किया था।
नवाज शरीफ बने पार्टी अध्यक्ष
बता दें कि नवाज शरीफ पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं। पनामा पेपर्स लीक मामले में उनका नाम सामने आने के बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ गया था, अब छह साल बाद उन्हें दोबारा निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया है। वह गिरफ्तार से बचने के लिए भी चार साल तक विदेश में रहे। देश में सत्ता परिवर्तन के बाद पिछले साल ही अक्टूबर में वो पाकिस्तान लौटकर वापस आए थे।