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Havana Syndrome attack: भारत आये CIA एजेंट पर हुआ 'हवाना सिंड्रोम' हमला !

Havana Syndrome attack: हवाना सिंड्रोम का पता 2016 में चला था, जब अमेरिकी दूतावास के अधिकारी एक रहस्यमय अवस्था से पीड़ित हो गए थे।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Ragini Sinha
Published on: 21 Sep 2021 7:50 AM GMT
Havana Syndrome attack
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भारत आये CIA एजेंट पर हुआ 'हवाना सिंड्रोम' हमला! (Social media)

Havana Syndrome attack: अमेरिकी खुफिया एजेंट्स (Havana Syndrome attack) दूतावास के अधिकारियों और जासूसों पर होने वाले रहस्यमय हमलों का एक मामला भारत (India) में पता चला है। रेडियो तरंगों द्वारा किया जाने वाले इस हमले को 'हवाना सिंड्रोम' (Havana Syndrome) के नाम से जाना जाता है । जिसमें एक अदृश्य ताकत से किसी व्यक्ति के ब्रेन को निशाना बनाया जाता है। सीआईए (CIA Director William Burns) के निदेशक विलियम बर्न्स के साथ बीते 7 और 8 सितम्बर को दिल्ली आये एक सीआईए अधिकारी इसी रहस्यमय हवाना सिंड्रोम के शिकार हो गए थे। इस अधिकारी को तत्काल इलाज देने की जरूरत पड़ी थी। इस अधिकारी के बारे में और कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गयी है। हवाना सिंड्रोम का यह हमला एक गंभीर मसला है।

2016 में पता चला था हवाना सिंड्रोम का पहला केस

हवाना सिंड्रोम का सबसे पहले पता 2016 में चला था, जब क्यूबा स्थित अमेरिकी दूतावास के अधिकारी एक रहस्यमय अवस्था से पीड़ित हो गए थे। इसमें अज्ञात कारणों से कई लक्षण सामने आते हैं, जैसे कि कानों में अजीब सी तेज ध्वनि सुनाई देना, चक्कर आना, जी मिचलाना, याददाश्त गायब हो जाना, माइग्रेन आदि। पिछले पांच साल में अमेरिका के करीब 300 अधिकारियों और उनके परिवारीजन 'हवाना सिंड्रोम' के शिकार हुए हैं। सबसे पहले यह अवस्था क्यूबा की राजधानी में पता चली, इसीलिए इसे 'हवाना सिंड्रोम' कहा जाता है।

रेडियो फ्रीक्वन्सी एनर्जी या माइक्रोवेव एनर्जी है इसकी वजह

हवाना सिंड्रोम की वजह पता लगाने की बहुत कोशिशें हुईं हैं । लेकिन कारणों का पक्का पता नहीं चल सका है। हालाँकि अमेरिका की नेशनल एकेडमी साइंस के एक पैनल ने जांच पड़ताल के बाद कहा था कि हवाना सिंड्रोम की वजह 'रेडियो फ्रीक्वन्सी एनर्जी' या 'माइक्रोवेव एनर्जी' है। सीआईए निदेशक विलियम बर्न्स का कहना है कि इसकी प्रबल संभावना है कि यह जानबूझ कर किया जाता है। इसके लिए रूस जिम्मेदार हो सकता है। बर्न्स ने कहा था कि ओसामा बिन लादेन का जिसने पता लगाया था, उसी सीआईए अधिकारी को हवाना सिंड्रोम की जांच के काम में लगाया है।

विदेशी ताकत अमेरिकी अधिकारियों पर रेडियो तरंगों से हमला करती है

दरअसल, यह माना जा रहा है कि कोई विदेशी ताकत अमेरिकी अधिकारियों पर रेडियो तरंगों से हमला करती है और सीधे उनके मस्तिष्क को निशाना बनाया जाता है। कुछ लोगों ने बताया भी है, उन्हें अचानक ऐसा महसूस हुआ जैसे किसी अज्ञात और अदृश्य तरंग का उन पर जबरदस्त वार हुआ है। कई पीड़ित तो दोबारा कम पर लौटने के काबिल ही नहीं रहे हैं। पिछले महीने अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने अपनी विएतनाम यात्रा को कुछ घंटों के लिए इसीलिए टाल दिया था क्योंकि हनोई स्थित अमेरिकी दूतावास में दो अधिकारियों को हवाना सिंड्रोम से पीड़ित पाया गया था। इन दोनों को इलाज के लिए तत्काल अमेरिका लाया गया था।

भारत आए एक अधिकारी हवाना सिंड्रोम के लक्षण पाए

बहरहाल, विलियम बर्न्स के साथ जो अधिकारी भारत आया था उसमें हवाना सिंड्रोम के लक्षण पाए जाने के बाद तत्काल जांच की गयी। इस अधिकारी का अभी इलाज चल रहा है। इस अधिकारी के नाम का खुलासा नहीं किया गया है। हाल के महीनों में हवाना सिंड्रोम के जो नए मामले आये हैं, उनमें सीआईए के लोग भी शामिल हैं। जबसे प्रेसिडेंट जो बिडेन ने कार्यभार सम्भाला है, तबसे हवाना सिंड्रोम के दो दर्जन से ज्यादा मामले विएना, ऑस्ट्रिया से पता चले हैं। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि रूस की मिलिट्री इंटेलिजेंस एजेंसी सर्विलांस की किसी तकनीक के वजह से हवाना सिंड्रोम के लक्षण पैदा होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है जानबूझ कर रेडियो तरंगों के जरिये अमेरिकी जासूसों, अधिकारियों और उनके परिवारवालों को नुकसान पहुँचाया जा रहा है। इसमें अमेरिका विरोधी कई ताकतें शामिल हो सकती हैं।

Ragini Sinha

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