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चूहे का रिटायरमेंट: देश मानता है जांबाज हीरो, हजारों लोगों की बचा चुका जान

Hero Rat Magawa Retires : मगावा अफ्रीका में पाए जाने वाली एक नस्ल का चूहा है। ये चूहे काफी बड़े आकार के होते हैं। पिछले साल मगावा को ब्रिटेन की एक बहुत बड़ी चैरिटेबल संस्था ने पशुओं की बहादुरी का शीर्ष नागरिक सम्मान दिया था।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Shivani
Published on: 6 Jun 2021 6:52 AM GMT (Updated on: 6 Jun 2021 7:30 AM GMT)
चूहे का रिटायरमेंट: देश मानता है जांबाज हीरो, हजारों लोगों की बचा चुका जान
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हीरो चूहा फोटो सोशल मीडिया

Hero Rat Magawa Retires: बारूदी सुरंगों से हजारों लोगों की जान बचाने वाले एक चूहे को अब आराम दिया जा रहा है। मगावा नाम वाला ये चूहा कंबोडिया (Cambodia) का एक हीरो (Hero Rat) है जिसने पांच साल तक जमीन में दबे अनेकों विस्फोटकों का पता लगाया है।

मगावा अफ्रीका में पाए जाने वाली एक नस्ल का चूहा है। ये चूहे काफी बड़े आकार के होते हैं। मगावा को सूंघ कर विस्फोटकों का पता (Bomb Sniffing) लगाने और अपने हैंडलर को सतर्क करने की बाकायदा ट्रेनिंग दी गई थी। बेल्जियम की एक स्वयंसेवी संस्था 'अपोपो' ने मगावा को ट्रेनिंग दी और यही संस्था उसकी देखभाल करती है।
पिछले साल मगावा को ब्रिटेन की एक बहुत बड़ी चैरिटेबल संस्था ने पशुओं की बहादुरी का शीर्ष नागरिक सम्मान दिया था। ये सम्मान पहली बार कुत्ते के अतिरिक्त किसी अन्य पशु को दिया गया था।
'अपोपो' संस्था ने कहा है कि हालांकि मगावा की हेल्थ अच्छी है लेकिन अब वह रिटायरमेंट की उम्र में पहुंच चुका है और उसपर उम्र का असर दिखने लगा है। अब उसके आराम करने का समय आ गया है। मगावा ने अब तक 15 लाख वर्ग फुट से ज्यादा जमीन को क्लीयर किया है और 71 बारूदी सुरंगों और 38 अन्य तरह के विस्फोटकों का पता लगाया है।

वैसे तो कई तरह के चूहे सूंघने के काम के लिए प्रशिक्षित किये जा सकते हैं लेकिन 'अपोपो' संस्था ने पाया कि अफ्रीकी जायंट पाउच्ड चूहा बारूदी सुरंगों का पता लगाने के लिए सबसे उपयुक्त है। इसकी वजह इन चूहों के बड़ा आकार है। ये चूहे आसानी से और बहुत तेज गति से बारूदी सुरंगों के बीच चल सकते हैं और इनके हल्के वजन के कारण बारूदी सुरंगों में विस्फोट भी नहीं होता है।

तंजानिया में हुआ था जन्म

विस्फोटकों का पता लगाने के लिए मगावा जैसे चूहों के खास तौर पर प्रजनन कराया जाता और पाला जाता है। मगावा का जन्म 2014 में तंजानिया में हुआ था और 2016 में उसे कंबोडिया के सीएम रेआप शहर ले आया गया जहां उसकी ट्रेनिंग शुरू की गई। रिटायरमेंट के बाद मगावा अपनी जिंदगी पहले की तरह जीता रहेगा बस उसे बारूदी सुरंगें ढूंढने के लिए बाहर नहीं ले जाया जाएगा। उसे पहले की तरह विटामिन, खास तरह की हरी पत्तियां, फ़ूड सप्लीमेंट आदि दिए जाते रहेंगे।
Shivani

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