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Hijab Issue: फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव में उछला हिजाब का मुद्दा, हिजाब पहनने वालों पर लगेगा जुर्माना
Hijab Issue: फ्रांस राष्ट्रपति चुनाव में हिजाब भी एक बड़े मुद्दे के तौर पर उभरा है।
Hijab Issue: रूस यूक्रेन के बीच चल रहे जंग के कारण द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा मानवीय संकट का सामना कर रहे यूरोप के एक प्रमुख देश में राष्ट्रपति चुनाव होने जा रहा है। दुनिया की पांच महाशक्तियों में शुमार फ्रांस में इन दिनों राष्ट्रपति चुनाव को लेकर जबरदस्त सियासी गहमागहमी है। इस बीच वहां हिजाब भी एक बड़े मुद्दे के तौर पर उभरा है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो को कड़ी टक्कर दे रहीं मरीन ली ने वादा किया है कि अगर वे सत्ता में आईं तो देश में सार्वजनिक जगहों पर हिजाब पहनने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा।
हिजाब पर कड़ा रूख
यूरोपिय यूनियन और नाटो का सदस्य देश फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासी गतिविधियां चरम पर है। पिछली बार सत्ता की लड़ाई में एककदम पीछे रह जाने वाली मरीन ली इसबार राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो को कड़ी टक्कर पेश कर रही हैं। दक्षिणपंथी रूझान रखने वाली मरीन ली ने पहले चरण के मतदान से ठीक पहले हिजाब को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर वह सत्ता में आईं तो हिजाब पहनने वाली मुस्लिम महिलाओं पर जुर्माना लगाएंगी। राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार ली पेन ने कहा कि जिस तरह गाड़ियों में सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य़ है, उसी तरह ये फैसला भी लागू किया जाएगा मुसलमान औरतें सार्वजनिक जगहों पर हिजाब न पहने।
भारत समर्थक मानी जाती हैं मरीन ली
मरीन ली को भारत समर्थक माना जाता है। शार्ली हब्दो मैगजीन अटैक मामले में भारत के समर्थन के बाद मरीन ली ने भारत की खुलकर तारीफ की थी। इस हमले के बाद उन्होंने फ्रांस में पाकिस्तानी नागरिकों के एंट्री पर बैन लगाने की मांग की थी। पेन लगातार इस्लामिक कट्टरता के खिलाफ बोलते आईं हैं। उन्होंने मौजूद राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो द्वारा इस्लामिक कट्टरता पर नरम रूख अपनाने पर उनकी तीखी आलोचना की थी।
नेशनल रैली पार्टी की नेता मरीन ली अगर चुनाव जीतती हैं तो वह फ्रांस की पहली महिला राष्ट्रपति होंगी। इसी हफ्ते हुए सर्वे के मुताबिक अब मैक्रों और ली पेन के बीच सिर्फ 3% का अंतर है। ऐसे में उनकी सत्ता पर दावेदारी पर काफी मजबूत मानी जा रही है।
फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव
फ्रांस में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान कल यानि 10 अप्रैल को होगा। फ्रांस के सियासी जानकारों के अनुसार, पहले चरण में किसी भी उम्मीदवार को 50 फीसदी मत मिलने के आसार नहीं है। लिहाजा फैसला सरे चरण के मतदान में ही होगा। जो 24 अप्रैल को निर्धारित है। दूसरे चरण में पहले चरण में सबसे ऊपर रहने वाले दो उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होगा। फ्रांस में इसबार मुख्य मुकाबला राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो और मरीन ली के बीच माना जा रहा है। वहीं समाजवादी उम्मीदवार जीन-ल्यूक मेलेनचॉन भी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
बता दें कि फ्रांस में यूरोप की सबसे अधिक मुस्लिम आबादी निवास करती है। हाल के दिनों में फ्रांस सरकार ने कई ऐसा कानून बनाए, जिससे मुस्लिम समाज में काफी नाराजगी है। इसे लेकर फ्रांस को कई इस्लामिक देशों से नारजागी भी झेलनी पड़ी थी। ऐसे में हिजाब विवाद फ्रांस और इस्लामिक देशों के बीच संबंधों पर असर डाल सकता है।