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इंडोनेशिया में सुनामी ने मचाई तबाही, 222 लोगों की मौत, सैकडों घायल
इंडोनेशिया में सुनामी ने एक बार फिर ताबही मचाई है। इंडोनेशिया के ज्वालामुखी द्वीप सुंडा में समुद्र के नीच चट्टानें खिसकने से आई सुनामी में 43 लोगों की मौत हो गई। इस घटना में 600 लगों के घायल होने की खबर है। एजेंसियां राहत और बचाव कार्य में जुट गई हैं।
जकार्ता: इंडोनेशिया में सुनामी ने एक बार फिर ताबही मचाई है। इंडोनेशिया के ज्वालामुखी द्वीप सुंडा में समुद्र के नीच चट्टानें खिसकने से आई सुनामी में 222 लोगों की मौत हो गई। इस घटना में सैकड़ों लोगों के घायल होने की खबर है। एजेंसियां राहत और बचाव कार्य में जुट गई हैं। बता दें कि इंडोनेशिया रिंग ऑफ फायर में स्थित है जिसकी वजह से दुनिया में सबसे अधिक भूकंप और सुनामी आती है।
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समुद्र में मौजूद कई नावें लापता, दर्जनों इमारतें बहीं
इंडोनेशिया की सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक सुनामी में दर्जनों इमारतें बह गईं, जबकि समुद्र में मौजूद कई नावें भी लापता हैं। सुनामी से प्रभावित इलाकों में पैंनदेंगलैंग, सेरांग, और दक्षिण लाम्पुंग के इलाके शामिल हैं। ये क्षेत्र सुंदा स्ट्रेट में पड़ता है। मेट्रोलॉजी एवं जियो फिजिक्स एजेंसी के बयान के मुताबिक इस सुनामी की वजह समुद्र के भीतर चट्टानों का खिसकना हो सकता है। वैज्ञानिकों ने बताया कि इस द्वीप का निर्माण क्राकाटाओ ज्वालामुखी के लावा से हुआ है। इस ज्वालामुखी में आखिरी बार अक्टूबर में विस्फोट हुआ था।
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15 से 20 मीटर ऊंची उठीं लहरें
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक समुद्र से 15 से 20 मीटर ऊंची लहरें उठती दिखाई दीं। फिलहाल एजेंसियों ने राहत और बचाव का कार्य शुरू कर दिया है। इसी साल सुलवेसू द्वीप में आए भूकंप और सुनामी की तबाही में 800 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।
इंडोनेशिया के नेशनल डिजास्टर मिटिगेसन एजेंसी के प्रमुख सुतपाओ ने कहा है कि सुनामी आने से पहले समुद्र की तटहटी में भौगोलिक हलचल हुई।
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दुनिया में पृथ्वी की सतह पर सक्रिय ज्वालामुखियों में से आधे इसी इलाके में पड़ते हैं। इस कारण इस इलाक़े को रिंग ऑफ फायर या आग का गोला भी कहा जाता है। इस क्षेत्र में हर साल भूकंप और सुनामी से भारी क्षति होती है।