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धरती पर खतरा: विशालकाय उल्कापिंड पृथ्वी की तरफ तेज रफ्तार से बढ़ रहा, वैज्ञानिक चिंतित

एक बार फिर 250 मीटर का एक विशाल उल्कापिंड (Asteroid) धरती के लिए मुसीबत बना हुआ है। जोकि 14000 मीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ये धरती की तरफ बढ़ रहा है।

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Newstrack NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 30 Jun 2021 10:57 AM GMT
Once again, a huge 250-meter meteoroid has become a problem for the Earth. Which is moving towards the earth
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उल्कापिंड (Asteroid)  (फोटो- सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: एकबार फिर से धरती पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। विशाल उल्कापिंड(Asteroid) जिसपर वैज्ञानिक सन् 2006 से शोध कर रहे थे, उस उल्कापिंड(Asteroid) ने जोरदार रफ्तार पकड़ ली है। धरती की तरफ तेज रफ्तार से दौड़ रहा उल्कापिंड पर खतरे का संकेत बनता जा रहा है।

धरती पर जलवायु परिवर्तन(Climate Change) और अंतरिक्ष में होने वाली तमाम तरह की हरकतों के चलते धरती पर खतरा(Earth is in Danger) मंडराता ही रहता है। ऐसे में एक बार फिर 250 मीटर का एक विशाल उल्कापिंड (Asteroid) धरती के लिए मुसीबत बना हुआ है। जोकि 14000 मीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ये धरती की तरफ बढ़ रहा है।

15 साल बाद खतरा बहुत पास

इस बारे में नासा(NASA) के अनुसार, 1 जुलाई को ये उल्कापिंड धरती के ऑर्बिट से टकराएगा। जिसको लेकर स्पेस एजेंसी के वैज्ञानिक इस खतरे को साल 2006 में ही पहचान चुके थे और अब ये 15 साल बाद खतरा बहुत पास आ चुका है। बता दें, नासा ने इस उल्कापिंड का नाम 2021 GM4 दिया है। जो कि आकार में 110 मीटर से 250 मीटर तक है।

बीते साल मई 2020 में इतने ही बड़े आकार का उल्कापिंड 2020 DM4 धरती के बहुत पास से निकला था। जिसको लेकर काफी खतरा बताया जा रहा था, लेकिन उस समय कोई नुकसान नहीं हुआ था।

फोटो- सोशल मीडिया

ऐसे में अब एक बार फिर इस साल 2021 GM4 नाम का ये उल्कापिंड वैज्ञानिकों की चिंता का सबब बना हुआ है। ये उल्कापिंड 6.29 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से धरती की तरफ बढ़ रहा है।

चट्टाननुमा उल्कापिंड खतरे की निशानी

इस पर वैज्ञानिकों के अनुसार, ये उल्कापिंड 1 जुलाई को रात करीब 11 बजकर 53 मिनट पर धरती की कक्षा से टकराएगा। वहीं नासा ने उल्कापिंड को Apollo की कैटेगरी में रखा है, क्योंकि ये साल 1862 के उल्कापिंड Apollo जैसा ही है।

वैसे तो धरती के पास से होकर गुजरने का उल्कापिंडों का सिलसिला बना रहता है। लेकिन खतरा उससे ज्यादा होता है जब चट्टाननुमा ये उल्कापिंड काफी विशाल हों।

तो अब ऐसे में इनके धरती से टकराने के बाद भयानक तबाही आ सकती है। जिससे वैज्ञानिकों को डर सताता रहता है। वहीं नासा (NASA) इन गतिविधियों पर नज़र बनाए रखता है। बीते 100 सालों में लगभग 22 एस्टरॉयड्स धरती के लिए खतरनाक साबित हो चुके हैं। जिसके चलते इस उल्कापिंड ने भी खौफ बनाया हुआ है।

Vidushi Mishra

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