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लाचार इमरान: कट्टरपंथियों के आगे झुके, लिया ये शर्मनाक फैसला
इमरान खान सरकार ने कट्टरपंथियों के दबाव में आकर तहरीक-ए-लब्बैक के नेता साद हुसैन रिजवी को जेल से रिहा कर दिया है।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) की इमरान खान सरकार (Imran Khan Government) एक बार फिर से कट्टरपंथियों के दबाव के चलते शर्मनाक फैसला लेने पर मजबूर हो गई है। सरकार ने कट्टरपंथियों के दबाव में आकर तहरीक-ए-लब्बैक (Tehreek‑e‑Labbaik) के नेता साद हुसैन रिजवी (Saad Hussain Rizvi) को जेल से रिहा कर दिया है। बता दें कि सरकार को यह फैसला मजबूरी में लेना पड़ा है, क्योंकि रिजवी की गिरफ्तारी के खिलाफ पाकिस्तानी सेना भी सामने आने लगी थी।
गौरतलब है कि फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून दोबारा दिखाए जाने के बाद से ही तहरीक-ए-लब्बैक ने पाकिस्तान में विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिए थे। इस दौरान जब सरकार ने टीएलपी पार्टी के प्रमुख साद हुसैन रिजवी को गिरफ्तार किया तो प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया।
रविवार को की थी जमकर हिंसा
बीते दिनों लाहौर शहर में इस्लामिक कट्टरपंथी गुट तहरीक-ए-लब्बैक के समर्थकों ने जमकर हिंसा की थी। वहीं, प्रदर्शन के दौरान पुलिस के साथ हुई झड़प में टीएलपी के तीन कार्यकर्ताओं की मौत हो गई, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हो गए थे। हालांकि संगठन ने दावा किया था कि उसके कई लोग इस झड़प में मारे गए हैं।
फ्रांसीसी राजदूत के निष्कासन पर प्रस्ताव लाने का ऐलान
अब कट्टरपंथियों के दबाव में आकर इमरान खान ने रिजवी को रिहा कर दिया है। यही नहीं पाक सरकार ने लब्बैक की दूसरी मांगों पर भी अमल करना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने मंगलवार को ऐलान किया कि सरकार नेशनल असेंबली में फ्रांसीसी राजदूत के निष्कासन पर एक प्रस्ताव पेश करेगी। यह फैसला टीएलपी के साथ वार्ता के बाद लिया गया है।
कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज केस होंगे वापस
इसके साथ ही शेख राशिद अहमद ने कहा है कि तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज केस वापस लिए जाएंगे। लब्बैक धरना प्रदर्शन खत्म करने पर राजी हो गया है।